साइंस इंडस्ट्री को झटका, दो हजार करोड़ टर्नओवर के कारोबार पर कोरोना की मार
कोरोना की मार साइंस सिटी पर भी है। स्कूल कालेज व शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में साइंस सिटी के कारोबार को काफी ज्यादा झटका लगा है।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। कोरोना और चीन से उपजे विवाद ने अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को अच्छा खासा झटका दिया है। करीब दो हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर रखने वाली यह इंडस्ट्री इंतजार कर रही है कि कब स्कूल, कालेज व शिक्षण संस्थान खुलें और इंडस्ट्री को संजीवनी मिले। हालांकि अनलॉक में साइंस इंडस्ट्री 20 प्रतिशत ही उबर पाई है।
एशिया, यूरोप, खाड़ी देश सहित विश्व भर में साइंस उपकरण निर्यात किए जाते हैं। लेकिन अभी पुराने आर्डर ही पेंडिंग पड़े हैं, जबकि नए आर्डर नहीं मिल रहे हैं। यही हालात अंबाला की साइंस इंडस्ट्री को झटका दे रही है। अंबाला में करीब डेढ़ हजार छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। सबसे ज्यादा ग्लास आइटमों का उत्पादन अंबाला में होता है।
इस तरह से पड़ा असर
सबसे पहले कोरोना काल में चीन से आने वाला रॉ मेटीरियल बंद हो गया। इसका सीधा असर अंबाला की साइंस इंडस्ट्री पर पड़ा। इंडस्ट्री को नुकसान होने लगा और कामकाज ठप हो गया। इसके बाद कोरोना काल में चले लॉकडाउन के दौरान तो साइंस इंडस्ट्री के लिए दिक्कतें खड़ी हो गईं। न तो उत्पादन ही हो पाया और न ही बिक्री। करीब दो माह तक यही हालात रहे। सबसे महत्वपूर्ण यह रहा है कि इस दौरान स्कूल, कालेज व शिक्षण संस्थान बंद रहे, जिसमें सांइस उपकरणों की सबसे ज्यादा सप्लाई है। अब भी शिक्षण संस्थानों के खुलने का इंतजार है।
कोरोना के चलते साइंस मार्केट को काफी नुकसान हुआ है। यह ऐसी परिस्थिति देखी, जो पहले कभी नहीं देखी गई। अनलॉक हुआ है तो कुछ उम्मीदें बंधी हैं, लेकिन यहां पर भी इंतजार शिक्षण संस्थानों के खुलने का है।
- कैलाश धीर, प्रधान सामा, अंबाला कैंट
पुराने आर्डर ही अभी तक पूरे नहीं हो पा रहे हैं, जबकि अभी भी साइंस इंडस्ट्री को इंतजार है कि स्कूल कालेज खुलें। इनके खुलने से करीब साठ परसेंट बूम साइंस मार्केट में आ जाएगा।
- चरणजीत सिंह, साइंस कारोबारी, अंबाला कैंट
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