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कोरोना महामारी की चेन तोड़ने के लिए खट्टी मीठी यादों के साथ बीता साल, नए साल से नई उम्मीदें

कोविड-19 में कार्य करने वाली टीम में मुख्य दायित्व निभाने वाले हेल्थ इंसपेक्टर सुशील कुमार और डा. मुकेश बताते हैं कि बिना छुट्टी और कोई अवकाश लिए सुबह से लेकर देर रात तक ड्यूटी किया। अब तो लगातार ड्यूटी करना इस टीम की आदत में शुमार हो चुकी है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 04:17 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 04:17 PM (IST)
कोरोना महामारी की चेन तोड़ने के लिए खट्टी मीठी यादों के साथ बीता साल, नए साल से नई उम्मीदें
लोगों के अंतिम संस्कार कर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निभाया मानव धर्म।

अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला में कोरोना महामारी की शुरूआत होते ही फ्रंट लाइन में उतरी स्वास्थ्य विभाग की टीम को तमाम खट्टे मीठे अनुभव मिले। अंबाला छावनी में 30 ऐसे मामले सामने आए जब कोरोना से हुई मौत के बाद परिवार के सदस्यों ने अंतिम क्रिया करने से दूरी बनाई। यह देख स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मानव धर्म का निवर्हन करते हुए श्मशान घाट पर संस्कार क्रिया को पूरा कराया। कई बार तो ऐसा हुआ कि पीपी किट में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखते ही आसपास के बच्चों से लेकर बुजुर्ग डर गए। यह देख टीम के पुरुष स्टाफ ने स्वयं की परवाह किए बिना आगे मरीज को सीने लगाया। जिस घर में पाजिटिव मरीज मिलते थे, उनसे लोगों का भेदभाव पूर्ण रवैया देख टीम संक्रमित परिवार के साथ बैठकर चाय और नाश्ता तक करती थी, जिससे लोगों में इस महामारी को लेकर भय को निकाला जा सके।

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दूसरों की अनमोल जिंदगी बचाने के लिए पहुंची टीम के 70 फीसदी स्टाफ ने कोरोना को सीने से लगाया

यह बातें नागरिक अस्पताल अंबाला छावनी में कोविड-19 में ड्यूटी देने वाले डा. विशाल गुप्ता ने साझा की। वह बताते हैं कि हम मरीज और उसके परिवार को सदैव यही समझाते थे कि टेंशन से बीमारी बढ़ेगी और धैर्य रखने से वायरस का सफाया होगा। ऐसे परिवार से स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार 15 दिनों तक टेलीफोन पर संपर्क बनाए रखती थी, जिससे लोगों में स्वास्थ्य सेवा पर अटूट विश्वास कायम रहे।

पहुंचे आइसोलेट करने, हुआ विरोध

डा. विशाल गुप्ता बताते हैं कि छावनी के खटीक मंडी और डेहा कालोनी में तो उस समय असमंजस की स्थिति बन गई जब वह पाजिटिव आए मरीज को आइसोलेट करने के लिए एम्बुलेंस लेकर पहुंचे। यहां विरोध का सामना करना पड़ा। किसी तरह डाक्टर से लेकर स्वास्थ्य टीम को पुलिस की मौजूदगी में सकुशल निकाला जा सका। जब इसकी जानकारी सिविल सर्जन अंबाला को हुई तो 188 का केस दर्ज कराने को कहा, जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित क्षेत्र के लोगों को कोरोना महामारी से डटकर मुकाबला करने, न कि स्वास्थ टीम से द्वेष रखने का संदेश दिया दिया।

बिना छुट्टी के निभाया नैतिक दायित्व

कोविड-19 में कार्य करने वाली टीम में मुख्य दायित्व निभाने वाले हेल्थ इंसपेक्टर सुशील कुमार और डा. मुकेश बताते हैं कि बिना छुट्टी और कोई अवकाश लिए सुबह से लेकर देर रात तक ड्यूटी किया। अब तो लगातार ड्यूटी करना इस टीम की आदत में शुमार हो चुकी है। टीम का मानना है कि अगर हम थोड़ी भी सुस्ती दिखाते तो आज जिले में कोरोना विकराल रूप ले चुका होता।


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