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सिर से तीन गोली निकली, पुलिस पहरे में संस्कार

जागरण संवाददाता पानीपत निबरी गांव के शराब ठेकेदार कुलदीप उर्फ विक्का के शव का दो ड

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 08:43 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 08:43 AM (IST)
सिर से तीन गोली निकली, पुलिस पहरे में संस्कार
सिर से तीन गोली निकली, पुलिस पहरे में संस्कार

जागरण संवाददाता, पानीपत : निबरी गांव के शराब ठेकेदार कुलदीप उर्फ विक्का के शव का दो डॉक्टरों के बोर्ड ने सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम किया। सिर से तीन गोली, पांच छर्रे निकाले गए। सिर में गोली लगने से उसकी मौत हुई। मुंह व शरीर पर चोट के 15 से ज्यादा निशान थे। बायां कान भी कटा हुआ था। वारदात में देसी पिस्तौल व रिवाल्वर का इस्तेमाल हुआ है। शव का शाम को पुलिस के पहरे में निबरी में अंतिम संस्कार किया गया। थाना सदर पुलिस ने पूर्व सरपंच, पिता व चार बेटों सहित 14 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने वारदात स्थल से पिस्तौल, गोलियां व खोल बरामद कर मुख्य आरोपित सहित हत्या आोरपितों को हिरासत में ले रखा है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की है।

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थाना सदर इंस्पेक्टर अनिरुद्ध चौहान ने बताया कि हत्या आरोपितों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें लगी हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही हत्या की वजह का पता चल पाएगा। आरोपित व उनके स्वजन घरों को ताला लगाकर फरार हो चुके हैं। एहतियात के तौर पर पुलिस की पीसीआर गश्त कर रही है। संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।

नाराज स्वजन एसपी से मिले, रैपिड टेस्ट के बाद हुआ पोस्टमार्टम

कोरोना टेस्ट कराने को लेकर कुलदीप के शव के पोस्टमार्टम में देरी हो गई। इससे नाराज स्वजन एसपी मनीषा चौधरी से मिले। एसपी ने सिविल सर्जन संतलाल वर्मा से बात की। रैपिड टेस्ट कराया तो रिपोर्ट नेगेटिव आई। एक्सरे करवाने के बाद शाम 5:30 बजे शव का पोस्टमार्टम किया गया। जबकि स्वजन सुबह 10 बजे सामान्य अस्पताल पहुंच चुके थे।

हत्या की दो वजह : शराब बेचने से रोका, पूर्व सरपंच की हत्या की रंजिश

शराब ठेकेदार कुलदीप की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस जुटी हुई है। कुलदीप के छोटे भाई नीरज ने पुलिस को दी शिकायत में भाई की हत्या की वजह शराब तस्करों को अवैध शराब बेचने से रोकना बताया है। वहीं पुलिस इस मामले को पूर्व सरपंच राकेश उर्फ राका मलिक की हत्या जोड़कर देख रही है। नीरज ने पुलिस को शिकायत दी कि पांच भाइयों में बड़ा भाई कुलदीप शादीशुदा था। कुलदीप ने गांव से बापौली रोड पर स्थित शराब के ठेके में हिस्सेदारी थी। भाई ने तस्करों को शराब की तस्करी करने से रोका था। इसी वजह से कई दिन पहले गांव के पूर्व सरपंच प्रेम, अनिल, शिदा और छोटू उसके भाई के साथ कहासुनी करके गए थे। सोमवार शाम को वह और भाई शराब के ठेके के साथ बनी कंफेंसरी की दुकान पर बैठे थे। सवा छह बजे उक्त आरोपितों ने ठेके के बाहर कई चक्कर लगाए। भाई ने उसे चाय लेने के लिए घर भेज दिया। वह 6:35 बजे घर से लौटा तो वीरेंद्र उर्फ बलिद्र, उसका बेटा विकास उर्फ विक्का, सुमित उर्फ फौजी, विशाल, सुरजीत व उसका भाई मंजीत और अन्य दो-तीन युवकों के साथ बाइकों पर आए। आरोपितों ने भाई पर धारदार हथियारों व डंडों से से हमला किया और गोली मार दी। वह जान बचाकर मौके से भाग गया। घायल भाई कुलदीप को स्वजनों सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

2011 में पूर्व सरपंच राकेश की हत्या कर दी थी

गली में मिट्टी डलवाने के विवाद में 16 जून 2011 को तत्कालीन सरपंच राकेश उर्फ राका की डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में गांव के कुलदीप, उसके भाई राम, लक्ष्मण, नीरज और कुनबे के बिजेंद्र को 20-20 साल की कैद हुई थी। आरोपित हाईकोर्ट से जमानत पर हैं।

पूर्व सरपंच, राका के पिता व चार भाइयों सहित 14 पर केस

थाना सदर पुलिस ने कुलदीप की हत्या के मामले में पूर्व सरपंच प्रेम सिंह, पर्वव सरपंच राकेश उर्फ राका के पिता बलिद्र, भाई विकास उर्फ विक्का, सुमित उर्फ फौजी, विशाल व अजित, सुरजीत, उसका भाई मंजीत, शिदा, छोटू और अनिल सहित 14 लोगों के खिलाप हत्या, हत्या के प्रयास सहित सात धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।


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