लॉकडाउन के दौरान सामान्य स्तर पर ही रहा एयर क्वालिटी इंडेक्स
कोरोना संक्रमण के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। लेकिन प्रदूषण में जरूर कमी देखने को मिल रही है। सड़कों पर वाहनों की संख्या कम है जिस कारण वायु में प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है।
जागरण संवाददाता, कैथल : कोरोना संक्रमण के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए सात दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था। सोमवार सुबह से लॉकडाउन शुरू हुआ था। रविवार दो मई को लॉकडाउन लगने से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स 140 था। आठ मई को 65 और नौ मई को 114 तक पहुंच गया था। हालांकि 120 एक्यूआइ का लोगों को कोई नुकसान नहीं होता। लॉकडाउन के एक सप्ताह में इंडेक्स 100 के करीब ही रहा है। सड़कों पर वाहनों की संख्या कम है, जिस कारण वायु में प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है। इस बार लॉकडाउन में प्रशासन की तरफ से ज्यादा सख्ती नहीं बरती गई है। वहीं पिछले साल लॉकडाउन में सख्ती ज्यादा थी और सड़कों पर वाहन बहुत कम थे। इस कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स 60 के करीब रहता था। बता दें कि बढ़ता हुआ एयर क्वालिटी इंडेक्स भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से सास लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश की समस्या बढ़ जाती है। फसल अवशेषों में आग और कचरे के ढेरों में आग की घटनाओं से भी वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। बेवजह घर से बाहर न निकलें लोग : रणवीर सिंह संस, राजौंद: थाना प्रभारी रणबीर ¨सह ने शहर का निरीक्षण किया। थाना प्रभारी ने कहा कि कोरोना महामारी के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अनावश्यक घूम रहे व्यक्तियों को रोका और समझाया गया। लोगों से आह्वान किया कि बेवजह घर से बाहर न निकलें, जब कोई इमरजेंसी या जरूरत का सामान लेकर आना है तो भी एक व्यक्ति ही सामान लेने के लिए घर से बाहर आए। अगर फिर भी लोग लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानून कार्रवाई की जाएगी।