बिजली गुल, पोलिग बूथों में लगाए जनरेटर, गांवों में पानी की किल्लत
नैन गांव के सरपंच विक्रम सिंह ने बताया कि शनिवार कर सायं करीब पांच बले बजे पोलिग बूथ पर कर्मचारी पहुंच गए थे लेकिन बिजली गुल थी। बिजली निगम के जेई शिवचरण को कई बारी कॉल की गई उनका मोबाइल फोन बंद रहा।
संवाद सहयोगी, थर्मल: क्षेत्र के गांव गांव अलुपुर, नैन, भंडारी और बेगमपुर में चौबीस घंटे बीतने के बाद भी बिजली आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी। शुक्रवार की सायं आई आंधी के कारण शनिवार को ऐसे हालात बने रहे। नैन गांव में पोलिग बूथ पर जनरेटर से बिजली आपूर्ति की गई। कुछ गांवों में पेयजल की किल्लत बनी रही।
नैन गांव के सरपंच विक्रम सिंह ने बताया कि शनिवार कर सायं करीब पांच बले बजे पोलिग बूथ पर कर्मचारी पहुंच गए थे, लेकिन बिजली गुल थी। बिजली निगम के जेई शिवचरण को कई बारी कॉल की गई, उनका मोबाइल फोन बंद रहा। देर शाम तक बिजली का इंतजार करने के बाद बूथ पर भी जनरेटर चलाया गया।
पानी के लिए भी तरसे लोग
बिजली नहीं होने के कारण सरकारी पेयजल पंप भी नहीं चले। महिलाओं को पैदल चलकर बस अड्डे के पास से पानी भरकर लाना पड़ा। अंगूरी, रामरति, शांति, बिमला, विद्या, कविता आदि ने बताया कि हैंडपंप पर कतार में लगना पड़ा। अन्य गांवों में भी ऐसी स्थिति बनी रही। उरलाना कलां स्थिति 33 केवी पावर हाउस में एपी-1 की मुख्य केबल भी शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे जल गई थी। इससे खेतों में लगे 57 ट्रांसफार्मर पर से सप्लाई होने वाली बिजली बाधित रही।
क्या कहते हैं अधिकारी
आंधी के कारण कई जगह तार टूट गए थे। लोकसभा चुनाव के कारण सबसे पहले गांव की बिजली को सुचारु किया जाएगा, इसके बाद खेतों की लाइन की मरम्मत होगी।
योगेश बजाज, एसडीओ, मतलौडा 33 केवी सब डिवीजन