वकील बेटा महीनों बाद घर लौटा ताे पिता ने समझा भिखारी, फिर खुला होश उड़ाने वाला राज
पानीपत में संजय चौक से लापता समाजसेवी रमेश पुहाल के बड़े बेटे एडवोकेट प्रवेश घर लौट आए। भिखारी समझकर पिता ने एक बार धमकाया। जब उसने पिता कहा तो पहचान में आया।
By Edited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 01:16 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पानीपत : दिल्ली किसी काम से गए पानीपत के एडवोकेट के साथ हर कदम पर धोखा ही होता रहा। ट्रेन में चोट लगी तो जीआरपी ने उसे मथुरा में एक संस्था के हवाले कर दिया। अस्पताल में इलाज चला तो कुछ दिन बाद उसे साधु के गेरुएं कपड़े पहना दिए। इधर, पानीपत में उसका परिवार दर-दर उसकी तलाश कर रहा था। किसी तरह वो 13 महीने बाद वापस लौटा तो कोई उसे पहचान ही नहीं सका। पिता ने भिखारी समझकर धमका भी दिया। पढ़ें, आखिर कैसे बना वो साधु और कैसे घर लौटा।
करीब 13 महीने पहले गंगापुरी रोड पर प्रवेश पुहाल अपनी गैस एजेंसी पर बैठे थे। उनके पिता पानीपत के वरिष्ठ साहित्यकार एवं हाली पानीपती ट्रस्ट के प्रमुख रमेशचंद्र पुहाल कहीं बाहर गए थे। प्रवेश ने एजेंसी के कर्मचारी सन्नी को कहा कि उसे बाइक से संजय चौक पर छोड़ दे। सन्नी बाइक लेकर वापस चला गया। वह रिक्शा में बैठकर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा और वहां से दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठ गया।
ट्रेन पर पथराव से हुआ घायल
सोनीपत के पास झुग्गी में रहने वाले बच्चों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया। एक पत्थर उसकी बाई आंख पर लगा और वह बेहोश हो गया। आंख फूट गई थी। उसे मथुरा जीआरपी ने ट्रेन से उतरा और एक स्थानीय संस्था को सौंप दिया। चार महीने तक वहां के सरकारी अस्पताल में इलाज चला। उसे दूसरी आंख से भी कम दिखाई देने लगा था। संस्था के लोगों ने उसे साधु के वस्त्र पहना दिए। कुछ दिन तक संस्था के पास ही रहा। फिर इधर से उधर घूमाते रहे।
इस तरह घर लौटा
गत 16 अक्टूबर को मथुरा के कई साधु ट्रेन से पंजाब के अमृतसर जा रहे थे। वह भी उनके साथ था। पानीपत आने पर उसने साधुओं को कहा कि उसे ट्रेन से नीचे उतार दें। यहीं पर उसका घर है। वह पैदल संजय चौक, गंगापुरी रोड से होता हुआ सेक्टर-24 स्थित अपने घर पर पहुंचा।
बेटे को भिखारी समझ हड़काया
रमेश पुहाल ने बताया कि वह घर के बाहर बैठे थे। तभी एक व्यक्ति घर में घुसने लगा। उन्होंने भिखारी समझकर उसे हड़का दिया। उसने जब पिताजी कहा, तभी बेटे को पहचान लिया। इसके बाद कॉल कर अपनी पत्नी सुमित्रा, छोटे बेटे रमन पुहाल, प्रभात पुहाल और पोते आदित्य को बुलाया। वह बेटे के गले लगकर रोया। रमेश ने बताया कि उन्होंने व उनके बेटों ने लापता बेटे प्रवेश की पानीपत, करनाल, सोनीपत, चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई जगहों पर तलाश की, लेकिन बेटे का भेद नहीं लगा। भगवान का शुक्र है कि बेटा घर लौट आया है।
लापता का केस खत्म होगा, घर पहुंचे लगे परिजन
रमेशचंद्र पुहाल के घर परिजन पहुंचने लगे हैं। सभी प्रवेश के बारे में पूछ रहे हैं। पुलिस में दर्ज लापता का केस अब खत्म होगा। परिवार का कहना है कि उनका बेटा लौटा, उन्हें अब कुछ नहीं चाहिए। कहां था, कैसे गया, वह इस सबके बारे में नहीं जानना चाहते।
करीब 13 महीने पहले गंगापुरी रोड पर प्रवेश पुहाल अपनी गैस एजेंसी पर बैठे थे। उनके पिता पानीपत के वरिष्ठ साहित्यकार एवं हाली पानीपती ट्रस्ट के प्रमुख रमेशचंद्र पुहाल कहीं बाहर गए थे। प्रवेश ने एजेंसी के कर्मचारी सन्नी को कहा कि उसे बाइक से संजय चौक पर छोड़ दे। सन्नी बाइक लेकर वापस चला गया। वह रिक्शा में बैठकर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा और वहां से दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठ गया।
ट्रेन पर पथराव से हुआ घायल
सोनीपत के पास झुग्गी में रहने वाले बच्चों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया। एक पत्थर उसकी बाई आंख पर लगा और वह बेहोश हो गया। आंख फूट गई थी। उसे मथुरा जीआरपी ने ट्रेन से उतरा और एक स्थानीय संस्था को सौंप दिया। चार महीने तक वहां के सरकारी अस्पताल में इलाज चला। उसे दूसरी आंख से भी कम दिखाई देने लगा था। संस्था के लोगों ने उसे साधु के वस्त्र पहना दिए। कुछ दिन तक संस्था के पास ही रहा। फिर इधर से उधर घूमाते रहे।
इस तरह घर लौटा
गत 16 अक्टूबर को मथुरा के कई साधु ट्रेन से पंजाब के अमृतसर जा रहे थे। वह भी उनके साथ था। पानीपत आने पर उसने साधुओं को कहा कि उसे ट्रेन से नीचे उतार दें। यहीं पर उसका घर है। वह पैदल संजय चौक, गंगापुरी रोड से होता हुआ सेक्टर-24 स्थित अपने घर पर पहुंचा।
बेटे को भिखारी समझ हड़काया
रमेश पुहाल ने बताया कि वह घर के बाहर बैठे थे। तभी एक व्यक्ति घर में घुसने लगा। उन्होंने भिखारी समझकर उसे हड़का दिया। उसने जब पिताजी कहा, तभी बेटे को पहचान लिया। इसके बाद कॉल कर अपनी पत्नी सुमित्रा, छोटे बेटे रमन पुहाल, प्रभात पुहाल और पोते आदित्य को बुलाया। वह बेटे के गले लगकर रोया। रमेश ने बताया कि उन्होंने व उनके बेटों ने लापता बेटे प्रवेश की पानीपत, करनाल, सोनीपत, चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई जगहों पर तलाश की, लेकिन बेटे का भेद नहीं लगा। भगवान का शुक्र है कि बेटा घर लौट आया है।
लापता का केस खत्म होगा, घर पहुंचे लगे परिजन
रमेशचंद्र पुहाल के घर परिजन पहुंचने लगे हैं। सभी प्रवेश के बारे में पूछ रहे हैं। पुलिस में दर्ज लापता का केस अब खत्म होगा। परिवार का कहना है कि उनका बेटा लौटा, उन्हें अब कुछ नहीं चाहिए। कहां था, कैसे गया, वह इस सबके बारे में नहीं जानना चाहते।
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