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डिजिटल भुगतान ग्राहक व दुकानदार दोनों के लिए फायदेमंद: खरे

जागरण संवाददाता, पानीपत विकसित देशों में अधिकतर लेनदेन गैर नकदी में होता है। इसलिए लोगो

By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 02:52 AM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 02:52 AM (IST)

जागरण संवाददाता, पानीपत

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विकसित देशों में अधिकतर लेनदेन गैर नकदी में होता है। इसलिए लोगों को गैर नकदी भुगतान के तरीके अपनाने चाहिए। युवा भी अपने संपर्क में आने वाले लोगों को डिजिटल भुगतान के बारे में बताएं। जिला उपायुक्त डॉ. चंद्र शेखर खरे ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में डिजिटल भुगतान पर आयोजित कार्यशाला में कर्मचारियों, स्कूल प्रमुख और प्रबंधकों को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यशाला में बैंक अधिकारियों ने गैर नकदी भुगतान के सभी माध्यमों की प्रायोगिक जानकारी दी।

गैर नकदी भुगतान के तरीके:

कार्ड पेमेंट:

इस माध्यम में एटीएम कम डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड या सुविधा कार्ड शामिल हैं। डेबिट कम एटीएम से भुगतान करने पर खाते में जमा राशि से राशि कटती है। क्रेडिट कार्ड पर बैंक द्वारा 45 से 50 दिन के लिए निश्चित राशि का ब्याज रहित ऋण दिया जाता है।

यूएसएसडी (मोबाइल बैंकिंग):

अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा आधारित मोबाइल बैंकिंग उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो एंड्रॉयड मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करते। इसमें फोन से (स्टार 99 हैश) डायल कर बैंक कोड दर्ज कर खाते की जानकारी ले सकते हैं। पुराने मोबाइल फोन पर भी इससे जानकारी मिल सकेगी।

एइपीएस (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम): यह सेवा दूर-दराज के उन गांवों में उपलब्ध है, जहां कोई बैंक शाखा उपलब्ध नहीं है। बैंक मित्र गांवों में माइक्रो एटीएम के माध्यम से लोगों को खाते में पैसे जमा करते और निकलवाते हैं। व्यक्ति का खाता आधार से जुड़ा होना जरूरी है।

यूपीआइ (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस): यह एंड्रॉयड स्मार्टफोन एप है, जिसमें 28 बैंकों की सेवाएं एक जगह मौजूद हैं। यह उन लोगों के लिए उपयोगी है, जिन्हें एक से ज्यादा बैंक खातों से लेन-देन करना पड़ता है।

ई-वॉलेट: यह एक प्रकार से प्रीपेड सिस्टम है। इसमें पेटीएम, फ्रीचार्ज, मॉबिक्विक व अन्य पोर्टल शामिल हैं। एंड्रॉयड मोबाइल पर प्ले स्टोर से कोई भी एप डाउनलोड कर उसमें दूसरे व्यक्ति का मोबाइल नंबर दर्ज कर या क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान कर सकते हैं। एसबीआइ का बडी एप 13 भाषाओं में काम करता है।

पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल):

इस प्रणाली में सिम या लैंडलाइन फोन से स्वाइप मशीन को जोड़ा जाता है। कार्ड स्वाइप के बाद राशि दर्ज करने के बाद बैंक खाते में राशि जमा हो जाती है।

कार्यशाला में विधायक महीपाल ढांडा, रवींद्र मच्छरौली, नगर निगमायुक्त वीना हुड्डा, नगराधीश संदीप अग्रवाल, जिला परिषद चेयरमैन आशु शेर, समालखा पालिका प्रधान अशोक कुच्छल, मेयर सुरेश वर्मा, एलडीएम राकेश वर्मा और जिला सूचना अधिकारी मुकेश चावला उपस्थित रहे।

प्रशासन का अच्छा प्रयास: रमेश शर्मा

केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले के बाद लोगों को वैकल्पिक उपायों के बारे में जानकारी देने के लिए यह अच्छा प्रयास किया है। अब हम खुद अभ्यास कर सीखेंगे। - रमेश शर्मा, एमडीएम सीनियर सेकंडरी स्कूल, बाबरपुर।

पैसे ट्रांसफर करना आ गया: सुदेश

जिला प्रशासन द्वारा कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यशाला काफी उपयोगी रही। मुझे पैसे ट्रांसफर करना आ गया है। अब कम पैसे में भी काम चल सकता है। - सुदेश, राजकीय कन्या विद्यालय, बापौली।


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