पुलिस घेरे में संत समागम की सुरक्षा, एडीजीपी ने संभाली कमान, बनाई ये रणनीति
अमृतसर में संत निरंकारी के समागम के दौरान हुए आतंकी हमले के बाद हरियाणा में होने वाले संत समागम में एडीजीपी ने कमान संभाल ली है। संत समागम के चारों ओर नजर रखें हुए हैं।
पानीपत, जेएनएन। निरंकारी संत समागम पहली बार दिल्ली के बुराड़ी मैदान की बजाय हरियाणा के पानीपत स्थित समालखा में होने जा रहा है। तीन दिवसीय 71वां वार्षिक निरंकारी संत समागम 24 नवंबर से सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल में होगा। वहीं अमृतसर में संत समागम के दौरान हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। खुद एडीजीपी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली है। इसके लिए तीन एडीजीपी, तीन आइजी, एक डीआइजी, पांच एसपी, एक एएसपी और पांच डीएसपी के साथ रणनीति तैयार की है। जानिए आखिर क्या है एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अकील मोहम्मद की रणनीति।
हल्दाना बार्डर के पास संत निरंकारी समागम स्थल पर सुबह-सुबह सुरक्षा व्यवस्था के लिए बैठक हुई। अधिकारियों के साथ एडीजीपी करनाल रेंज नवदीप सिंह विर्क व आईजी रोहतक रेंज संदीप खिरवार ने बैठक ली। इसके अलावा डीसी सोनीपत व एसपी भी पहुंचे। उन्होंने मुख्य गेट से लेकर समागम के चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था के लिए घेरा बनाने को लेकर भी चर्चा की। वहीं संत समागम में पहुंचने पर श्रद्धालुओं की भी भीड़ बढऩे लगी थी। मुख्य गेट पर तैनात आरएएफ के जवान उनकी तलाशी और पहचान पत्र देखकर ही उन्हें अंदर जाने दे रहे थे।
एक दिन पहले हुआ था मंथन
जीटी रोड स्थित हल्दाना बॉर्डर के पास संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल में 24 से 26 नवंबर तक होने वाले समागम की सुरक्षा के लिए पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी के चलते सोमवार को एडीजीपी ला एंड ऑर्डर अकील मोहम्मद, करनाल रेंज का एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क और एडीजीपी सीआइडी अनिल कुमार राव ने सुरक्षा का जायजा लिया। इसके बाद ब्लूजे टूरिस्ट कांप्लेक्स में करीब पौने घंटे तक बैठक कर मंथन किया।
पुलिस अधिकारियों की मीटिंग लेते एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क।
सुरक्षा और ट्रैफिक पर भी चर्चा
कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा व ट्रैफिक सहित अनेक पहलुओं पर चर्चा कर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी। वहीं संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा की गई। पत्रकारों से बातचीत में एडीजीपी ला एंड ऑर्डर अकील मोहम्मद ने कहा कि समागम को सुरक्षित और सामान्य तरीके से कराना हमारी पहली प्राथमिकता है। रविवार को अमृतसर के पास संत निरंकारी आश्रम में जो हमले की घटना ने सोचने को मजबूर किया है। इसको लेकर भी हमने विशेष तैयारी की है।
मुख्य गेट पर तैनात आरएएफ और संत निरंकारी संस्था के सदस्य।
एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क मामले में रखेंगे नजर
एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क इस पूरे मामले को देखेंगे। कार्यक्रम से रेलवे के साथ साथ नेशनल हाईवे पर यातायात प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। निरंकारी फाउंडेशन के पदाधिकारियों से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम सोनीपत व पानीपत दोनों जिलों के एरिया में हो रहा है। इसलिए दोनों जिलों के अधिकारी एक दूसरे साथ पूरी तरह से तालमेल बनाकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व ट्रैफिक व्यवस्था के लिहाज से जवानों की तैनाती तय की जा रही है। अकील मोहम्मद ने कहा कि समालखा स्थित समागम स्थल के साथ-साथ राज्य के अन्य निरंकारी सत्संग स्थलों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
पहचान पत्र की जांच करते सदस्य।
चलाएंगे कांबिंग कार्यक्रम : विर्क
पूरे मामले की कमान संभाल रहे एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क ने अधिकारियों के साथ सुरक्षा व ट्रैफिक प्लान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि समय के हिसाब से गेट या अन्य जगह पर जवानों को तैनात किया जा रहा है। हाईवे पर 100 जवान तैनात होंगे। उन्होंने अधिकारियों को सुरक्षा में कोताही न बरतने का आदेश दिया। आसपास के गांव से लेकर जीटी रोड किनारे खुले होटल व ढाबों पर कांबिंग ऑपरेशन चलाया जाएगा। संदिग्ध दिखने पर पूछताछ की जाएगी।
इनकी नजरें हर वक्त सुरक्षा व्यवस्था में
एडीजीपी सीआइडी अनिल कुमार राव, आइजी सीएम फ्लाइंग राजेंद्र कुमार, आइजी रोहतक रेंज संदीप खिरवार, आइजी ट्रैफिक राजश्री, डीआइजी सीआइडी सत्येंद्र गुप्ता, एसपी सीआइडी राजेश कुमार कालिया, एसपी करनाल सुरेंद्र भौरिया, एसपी रोहतक संदीप सिंह रंधावा, एसपी जीआरपी धीरज सेतिया, एसपी सोनीपत प्रतीक्षा गोदारा, एएसपी अंबाला चंद्रमोहन, डीएसपी जितेंद्र गहलावत सीएम फ्लाइंग, डीएसपी जीआरपी सरदार शीतल, डीएसपी सतीश वत्स, डीएसपी बिजेंद्र, डीएसपी सतीश शर्मा, डीएसपी राजेंद्र फौगाट, थाना प्रभारी गुरविंदर ।