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पीएफ डिफाल्टरों के खिलाफ तीन कैटेगरी में कार्रवाई : जीएस टिवाणा

सी श्रेणी में उन उद्योगों को शामिल किया जाता है जिन्होंने एक माह का पीएफ अंश जमा नहीं करवाया है। बी श्रेणी में वे डिफाल्टर शामिल है जिनकी तरफ दो से चार माह का बकाया है। चार माह से अधिक समय तक यदि किसी में पीएफ का अंश जमा नहीं करवाया तो उसे ए श्रेणी में शामिल किया गया है।

By Edited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 10:07 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 01:53 PM (IST)
पीएफ डिफाल्टरों के खिलाफ तीन कैटेगरी में कार्रवाई : जीएस टिवाणा
जागरण संवाददाता, पानीपत : पानीपत में 3189 औद्योगिक व अन्य संस्थान पीएफ भर रहे हैं, जबकि 879 औद्योगिक संस्थान डिफाल्टर हैं। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डिफाल्टर की ए,बी,सी तीन श्रेणी बनी हुई है। यह जानकारी पानीपत कर्मचारी भविष्य निधि के आयुक्त जीएस टिवाणा ने दी। उन्होंने बताया कि सी श्रेणी में उन उद्योगों को शामिल किया जाता है, जिन्होंने एक माह का पीएफ अंश जमा नहीं करवाया है। बी श्रेणी में वे डिफाल्टर शामिल है, जिनकी तरफ दो से चार माह का बकाया है। चार माह से अधिक समय तक यदि किसी में पीएफ का अंश जमा नहीं करवाया तो उसे ए श्रेणी में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना शुरू किया है। इसके बाद भी यदि बकायादार अंश राशि नहीं चुकाएंगे तो उनका निरीक्षण किया जाएगा. इसके बाद सेक्शन 7(ए) में होगी कार्रवाई। बकाया न जमा करवाने पर धारा 406-409 में एफआइआर दर्ज होगी। सबसे अधिक डिफाल्टर ए श्रेणी में पानीपत में सबसे अधिक 599 डिफाल्टर ए श्रेणी में हैं जबकि बी में 78 व सी श्रेणी में 202 डिफाल्टर हैं। विभाग के पास डिफाल्टर की सूची दिल्ली मुख्यालय से आती है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली से आने वाली सूची कई बार अपडेट नहीं हो पाती। इसी लिए पहले चरण में सभी डिफाल्टर का निरीक्षण किया जाता है। जो वास्तव में डिफाल्टर है उसी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। जल्द कार्रवाई की जाएगी जीएस टिवाणा का कहना है कि डिफाल्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। पहले चरण में कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। ए श्रेणी में जो डिफाल्टर हैं। उसमें काफी फर्मे बंद हो गई हैं। आम तौर पर फर्मे बंद होने के बाद विभाग को सूचना नहीं दी जाती। जिस कारण यह डिफाल्टर श्रेणी में खड़ी रहती हैं।

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