दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर हादसा, पानीपत में कार पर पलटा कैंटर, दो भाइयों सहित तीन की मौत
पानीपत में दर्दनाक हादसा हुआ। दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर कैंटर के नीचे सेंट्रो कार आ गई। इस हादसे में कार सवार दो प्रवासी मजदूरों सहित तीन की मौत हो गई। हादसा देर रात हुआ था। हादसे से हाईवे पर जाम लग गया।
पानीपत, जागरण संवाददाता। नेशनल हाइवे 44 पर दिल्ली से करनाल लेन पर मंगलवार रात राजकीय स्कूल सिवाह के सामने सेंट्रो कार को टक्कर मारने के बाद कैंटर उस पर पलट गया। कार में नीचे दबने से कार चालक पानीपत के अट्टा गांव के दिलावर सिंंह (47) व उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के गांव लवेद खण्डेहा निवासी दो सगे भाई रामअवतार (27) और रामलाल (25) की मौत हो गई जबकि महेश को गंभीर चोट आई। उसका रोहतक पीजीआइ में उपचार चल रहा है। कंडक्टर साइड में बैठा मुंशी रामकरण बाल-बाल बच गया। पुलिस ने दो क्रेन की मदद से कैंटर को उठा कार को निकाला।
हादसा मंगलवार रात साढ़े 10 बजे सिवाह स्थित राजकीय स्कूल के सामने दिल्ली से करनाल लेन पर हुआ। कार में सवार लोग ईंट-भट्ठे पर हुए झगड़े में कस्सी लगने पर घायल महेश को पानीपत के सामान्य अस्पताल जा रहे थे।
रामकरण निवासी बिलासपुर ने बताया कि वह वष से आट्टा स्थित अजीत ईंट भट्ठे पर वर्षों से मुंशी का काम करता है। मंगलवार देर शाम भट्ठे पर काम करने वाले महेश और आशु के बीच झगड़ा हो गया। महेश को चोट लगने पर वो उसे दिलावर के साथ उसकी सेंट्रो कार में लेकर समालखा अस्पताल गए, जहां से उसे पानीपत रेफर कर दिया। कार को दिलावर चला रहा था। वो कंडक्टर साइड में आगे बैठा था जबकि पीछे एक साइड भट्ठे पर ही काम करने वाला रामअवतार व दूसरी तरफ उसका छोटा भाई रामलाल बैठा था। घायल महेश उनके बीच में बैठा था।
पानीपत के रास्ते में सिवाह राजकीय स्कूल के सामने पहुंचे तो पीछे से आ रहे पंजाब नंबर के कैंटर ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इससे उनकी कार कैंटर के नीचे फंस गई। फिर भी चालक सतनाम ने कैंटर को नहीं रोका और डिवाइडर पर चढ़कर कैंटर कार के ऊपर पलट गया। सभी कार सवार कैंटर तले दब गए। सूचना पर पुलिस पहुंची। कार का शीशा तोड़ मुंशी रामकरण व महेश को निकाल लिया गया जबकि सगे भाई रामअवतार, रामलाल व कार चला रहे दिलावर को कार को दो क्रेन की मदद से कैंटर के नीचे से निकालने के बाद निकाला जा सका। तीनों को आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
15 दिसंबर को भट्ठे पर आए थे दोनों भाई
रामअवतार व रामलाल दोनों भाई शादीशुदा थे। वे पिछले वर्ष 15 दिसंबर को ही गांव से आट्टा स्थित अजीत ईंट भट्ठे पर काम करने आए थे। दोनों साथ में ही रहते थे। रामअवतार को दो बेटे व दो बेटी हैं जबकि रामलाल को सिर्फ डेढ़ साल का एक बेटा है। उसकी करीब ढ़ाई साल पहले ही शादी हुई थी। वहीं दिलावर के भी सौरभ और गौरव दो बेटे हैं। हादसे के बाद से तीनों के परिवार गम में डूबे हैं।