दुष्यंत के हलके उचाना में अभय चौटाला का दूसरे दिन भी अभियान, भतीजे पर कह दी ये बड़ी बात
उचाना हलके के दौरे के दूसरे दिन दस गांवों में इनेलो नेता अभय चौटाला ने संबोधित किया। दुष्यंत को निशाने पर लेकर कहा कि जो वोट लोगों ने दिया उस वोट की इज्जत रखते हुए भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहिए था।
जींद/उचाना, जेएनएन। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के हलके उचाना में उनके खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। दूसरे दिन ग्रामीणों से रूबरू होते हुए अभय ने कहा कि किसान आंदोलन मजबूत हो, इसके लिए आप लोगों से मिलने आया हूं। कभी किसानों को खालिस्तानी, अलगाववादी तो कभी कहा कि ये आंदोलन केवल सिखों का है। सरकार में बैठे नेता जैसे-जैसे नेता आरोप लगाते रहे, आंदोलन कमजोर होने की बजाय बढ़ता गया।
अभय चौटाला ने डूमरखां कलां व खुर्द और करसिंधु सहित दस गांवों में सभाओं को संबोधित किया। अभय ने दुष्यंत चौटाला का नाम न लेते हुए कहा कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े वादे किए थे। बुजुर्गों को 5100 रुपये पेंशन, किसानों के कर्जे माफ करने, बेरोजगारी भत्ता 11 हजार रुपये देने सहित अनेकों वादे किए थे। ये लोग कहते थे कि भाजपा को जमुना पार कराएंगे। भाजपा को हत्यारों की सरकार बताते थे। जो वोट लोगों ने दिया, उस वोट की इज्जत रखते हुए भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहिए था। भाजपा को सत्ता से बाहर करने की बजाय भाजपा को मजबूत करने में लग गए।
किसान आंदोलन पूरी दुनिया का हो गया
भतीजे दुष्यंत चौटाला के विधानसभा क्षेत्र के गांव डूमरखां कलां में अभय चौटाला ने कहा कि अब किसान आंदोलन ने इतना बड़ा रूप ले लिया है कि ये आंदोलन आज हिंदुस्तान का नहीं बल्कि पूरी दुनिया का हो गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने कुछ फैसले लिए हैं। इसमें 10 अप्रैल को केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस-वे बंद करेंगे। मई में करोड़ों लोग दिल्ली की तरफ कूच करेंगे, फिर क्या आरोप लगाएंगे।
दिल्ली सरकार की नहीं, हमारी है
अभय ने कहा कि दिल्ली केंद्र सरकार की नहीं, दिल्ली तो हमारी है। देश को आजाद कराने सबसे बड़ी भूमिका अन्नदाता की थी। 80 फीसदी जनता जो गांव में रहती थी, उन लोगों ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। वो आजादी की लड़ाई नहीं लड़ते तो देश आजाद नहीं होता, फिर तो देश गुलाम रहता।
कटाई के समय धरने पर बुजुर्गों को भेजो
अभय चौटाला ने कहा कि किसान आंदोलन में कोई कमी नहीं है, इसलिए वह गांव-गांव जा रहे हैं। आने वाले 10 से 15 दिन गेहूं की कटाई के हैं। इसलिए इस समय युवा खेतों में काम करें, और गांव के बड़े-बुजुर्गों को धरने पर भेजें। इस मौके पर रामफल कुंडू, बलराज नगूरां, सत्ता डूमरखां, कर्ण सिंह अलेवा, राजा डूमरखां, जीवन छापड़ा, वकील करसिंधु, चांदी करसिंधु, वीरभान झील, महाबीर दरोली, सुमित्रा देवी सहित अन्य इनेलो नेता मौजूद रहे।
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