इस गांव को झोटे से बचाओ, क्योंकि घर के बाहर निकलने में थर्रा जाती है रूह
कुछ दिन पहले ही एक किशोरी की मौत और चार लोगों के घायल होने पर गांव के लोगों में और ज्यादा भय बैठा दिया है। इसकी वजह बना है कानों में मुर्की वाला झोटा।
जेएनएन, पानीपत /अंबाला शहर - जब अपने घर से बाहर निकलने में ही डर लग रहा हो तो आप समझ सकते हैं कि खतरा कितना बड़ा है। मामला अंबाला से जुड़ा है लेकिन पानीपत तक इसका खौफ पहुंच चुका है। अंबाला शहर से लगा है सकराओ गांव। यहां लोग रात में तो छोडि़ए, दिन में घरों से बाहर निकलने में कांपते हैं। अगर किसी ने अनदेखी की तो वह काल का शिकार होता है या फिर लहूलुहान होता। गांव में कुछ ऐसा है, जिसकी आहट से गलियां भी सुनसान हो जाती हैं। कुछ दिन पहले ही एक किशोरी की मौत और चार लोगों के घायल होने पर गांव के लोगों में और ज्यादा भय बैठा दिया है। पानीपत से एक परिवार इस गांव में पहुंचा तो वहीं फंस गया।
हम बात कर रहे हैं अंबाला के नग्गल थाना क्षेत्र सकराओ गांव की। भय में ग्रामीण सुबह बाहर झांककर दरवाजे खोलते हैं और रात में बिना लाठी बाहर आने से कतराते हैं। कानों में मुर्की वाला झोटा आए दिन लोगों को शिकार बना रहा है। गांव के अंदर झोटा आने की सूचना मिलते ही गांव की गलियों में सन्नाटा पसर जाता है। लोग घरों के दरवाजे तक बंद कर लेते हैं। पिछले एक माह में झोटा आशा वर्कर समेत चार लोगों पर हमला कर चुका है, जबकि एक किशोरी की मौत हो चुकी है। कई लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।
सफाई कर रही महिलाओं पर हुए हमले
कुछ दिन पूर्व इसी गांव के नैब ङ्क्षसह की 65 वर्षीय पत्नी हरभजन कौर पर झोटे ने हमला कर दिया था। वह घर के बाहर झाड़ू लगा रही थी। परिजनों ने बताया कि अगर गांव वाले झोटे पर हमला न करते तो बचाना मुश्किल होता। घायल का अभी तक प्राइवेट इलाज चल रहा है। आशा वर्कर राज रानी पर भी झोटे ने पीछे से आकर हमला किया। हादसा उस समय हुआ जब वह आंगनबाड़ी में सफाई कर रही थी। गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल लाई गई महिला को चंडीगढ़ के 32 स्थित जनरल अस्पताल रेफर किया गया था। उपचार के बाद उसकी सेहत में आवश्यक सुधार है। गांव में केसर घर के बाहर खड़ा था। उसी दौरान उसे झोटा पीछे से आता दिखा तो उसने घर में घुसकर कुंडी लगा ली।
झोटा किस गांव का, पता नहीं
ग्रामीणों के मुताबिक कानों में मुर्की होने से यह बात साफ है कि वह सरकारी है, लेकिन किस गांव का यह पता नहीं चल पाया है। कब और कहां आता-जाता है, किसी को पता नहीं चलता। जब भी दिखाई देता है, उस दौरान किसी पर हमला करता है।