जागरण की खबर पर जागा विभाग, कैथल के कस्तूरबा गांधी विद्यालय पहुंची अधिकारियों की टीम
आखिर दैनिक जागरण की खबर प्रकाशित होते ही अधिकारियों की नींद टूट गई। कैथल के कस्तूरबा गांधी के छात्रावास में बीमार छात्राओं के मामले की रिपार्ट लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को दौरा किया। गौरतलब है कि जिले के कलायत खंड के गाव मटौर में कस्तूरबा गाधी बालिका विद्यालय के छात्रावास में अव्यवस्थाओं के कारण 78 छात्राओं में 40 बीमार हैं। प्रबंधन ने लगभग 20 छात्राओं को घर भेज दिया।
कैथल के कस्तूरबा गांधी छात्रावास में 40 छात्राएं हुई थी बीमार
जासं, कैथल : आखिर दैनिक जागरण की खबर प्रकाशित होते ही अधिकारियों की नींद टूट गई। कैथल के कस्तूरबा गांधी के छात्रावास में बीमार छात्राओं के मामले की रिपार्ट लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को दौरा किया।
गौरतलब है कि जिले के कलायत खंड के गाव मटौर में कस्तूरबा गाधी बालिका विद्यालय के छात्रावास में अव्यवस्थाओं के कारण 78 छात्राओं में 40 बीमार हैं। प्रबंधन ने लगभग 20 छात्राओं को घर भेज दिया। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोमवार को भी छात्रावास का दौरा किया था। छात्राओं ने बताया कि 1 अक्टूबर से पहले कभी कोई यहा निरीक्षण के लिए नहीं आया। तीन साल से पुरानी बेडशीट से काम चलाया जा रहा है,जो अब फट चुकी हैं। मच्छरों की भरमार है। इन्वर्टर और फ्रिज आदि खराब पड़े हैं। बारिश में छत टपकती रहती है। सीलन के कारण बीमारिया पनप रही हैं। खाने में कई बार कीड़े भी निकल चुके हैं।
वार्डन पर मारपीट का अरोप
मंगलवार को छात्रवास पहुंची दैनिक जागरण की टीम को छात्रओं ने बताया कि वार्डन उनसे मारपीट करती हैं। एक महिला क्लर्क पर भी छात्राओं ने अभद्र व्यवहार करने के आरोप लगाए। उधर, वार्डन सरला का कहना है कि बीमार होने की वजह से 15 से 20 छात्राओं को घर भेज दिया है।
छात्राओं का आरोप, वार्डन करती है मारपीट
छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि वार्डन उनके साथ मारपीट करती है। सुबह चार बजे नहीं उठने पर डंडे से पीटाई की जाती है। जो आंटी खाना बनाती हैं उनसे भी बात नहीं करने देती हैं उल्टा उनकी लिखित में शिकायत देने का दबाव डालती है। घर से एकाध बार लेट आएं तो वार्डन फाइन वसूलती है। छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि वार्डन ने एक बार तो एक लड़की को मारते हुए टांग तक तोड़ दी थी जो कलायत के पास के गांव की ही थी। वार्डन के अलावा छात्रावास के साथ ही बने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की एक महिला क्लर्क पर भी छात्राओं ने गंदी गालियां देने और बुरी तरह पीटने के आरोप लगाए हैं। छात्रावास में ना सीसीटीवी कैमरे हैं ना आने जाने वालों का कोई रिकार्ड।
बिस्कुट और परांठे को भी तरस रहीं
छात्राओं ने बताया कि उनका बिस्कुट खाने को मन करता है, लेकिन पिछले कई महीनों से नहीं मिले हैं। पहले जो स्कूल इंचार्ज थी उन्होंने एकाध बार बिस्कुट भिजवाए थे। पराठें भी कभी कभी मिलते हैं। रोजाना वहीं खाना खाकर कुछ लड़कियां तो उल्टी भी कर देती हैं। इसके अलावा छात्राओं का कहना था कि खाने में कीड़े आदी भी मिलते हैं।
बीमार पड़ी छात्राएं तो ली अधिकारियों ने सुध
छात्रावास में रहने वाली छात्राओं में से आधी से ज्यादा पिछले कुछ दिनों से बीमार हैं। इनमें से 20 से ज्यादा छात्राओं को तो घर भेज दिया गया है। ज्यादातर छात्राओं को सफाई के अभाव में उल्टी, पेट दर्द, ¨फसी, खुजली, सिर दर्द की शिकायत है। छात्राओं का कहना है कि शिकायत करते थे तो वार्डन डोंग करने की बात कहकर चुप करा देती हैं। जब ज्यादा छात्राएं बीमार हुई तो वार्डन ने सूचना दी और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। छात्राओं ने बताया कि एक अक्टूबर के अलावा कभी कोई चेकअप के लिए नहीं आया। जिला शिक्षा अधिकारी जो¨गद्र ¨सह हुड्डा व सिविल सर्जन डॉ. संत लाल वर्मा
दो चार छात्राओं के बीमार होने को मौसम में बदलाव करार दे रहे हैं, जबकि छात्राओं का कहना है कि सभी छात्राएं बीमार पड़ी हैं। तीन साल से बेड शीट वहीं हैं जो फट गई हैं। खाना साफ सुथरा नहीं मिलता। मच्छरों, चुहों की भरमार है। इन्वर्टर, फ्रिज खराब पड़े हैं। दो साल से वर्दी नहीं मिली है जो बीमारी का कारण है, लेकिन अधिकारी इसे दबाने में लगे हुए हैं।
दी जा रहीं सुविधाएं : वार्डन
छात्रावास की वार्डन सरला का कहना था कि छात्राओं को सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। उनकी हर जरूरत का ख्याल रखा जाता है। बेड शीट, बि¨ल्डग की मरम्मत, खराब फ्रिज व इन्वर्टर को ठीक करवाने के लिए लिखित में दिया हुआ है। बीमार होने की वजह से 15 से 20 छात्राओं को घर भेज दिया है बाकी सभी छात्राएं अभी ठीक हैं।