विश्व टॉयलेट डे: मिलिए टॉयलेट एक प्रेमकथा के अक्षय कुमार से, बस शहर साफ रहना चाहिए
अक्षय कुमार से मिलने के लिए अब शहर को साफ रखना होगा। जी हां, ये सच है। अगर ऐसा रहा तो मुलाकात होगी। बस सफाई के साथ-साथ आपका शहर टॉप टेन में आना चाहिए।
पानीपत, जेएनएन। विश्व टॉयलेट डे में यह एक सुनहरा मौका होगा। अगर शहर साफ रहा तो बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से मिलने का मौका मिलेगा। हालांकि इसके लिए कुछ शर्त है। जानिए आखिर ऐसी क्या शर्त है।
विश्व शौचालय दिवस पर इस बार पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय अलग-अलग एक्टिविटीज के माध्यम से स्वच्छता का आंकलन करेगा। इसके तहत 19 नवंबर तक अलग-अलग विषयों पर प्रतियोगिताएं कराई जा रही हैं। इन प्रतियोगिताओं में कोई सवाल नहीं पूछे जाएंगे। बल्कि स्वच्छता के लिए किए गए कार्यों का आंकलन खुद करना होगा।
जिला अधिकरियों और स्टेट प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर को मिलेगा अवसर
इसके लिए फॉर्मेट भरवाया जाएगा। इसके बाद टीमें अपने स्तर से जांच करेगी। प्रतियोगिता के टॉप दस जिलों को इसमें चुना जाएगा। देश भर में यह प्रोग्राम चलेगा। जो भी जिला इस प्रोग्राम में टॉप रहेगा। उन जिलों के जिलाधिकारियों व स्टेट प्रोजेक्ट को- ऑर्डिनेटर को फिल्म अभिनेता व स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड अंबेसडर अक्षय कुमार से मिलने का मौका मिलेगा।
अगली फिल्म स्वच्छता पर, डीसी से लेंगे टिप्स
स्वच्छ भारत मिशन के डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर के मुताबिक, सेनेटरी पेड व टॉयलेट पर फिल्म बनाने के बाद अब अभिनेता अक्षय कुमार अपनी अगली फिल्म स्वच्छता को लेकर बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें स्वच्छता को लेकर किए गए कार्यों को आने वाली चुनौतियों को दिखाया जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर किस तरह के प्रयोग स्वच्छता के लिए किए गए। इन सबके बारे में अक्षय कुमार बात करेंगे। एक दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर का प्रोग्राम होगा। जिसमें अभिनेता पहुंचेंगे। विजेता जिलों से जिलाधिकारी व स्टेट प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर से बात करेंगे। इस संबंध में सरकार की ओर से पत्र मिल गया है, जिसके आधार पर ही एक्टिविटीज कराई जा रही है।
इस फॉर्मेट को करना होगा पूरा
स्वच्छ भारत विश्व शौचालय दिवस पर हर ब्लॉकों में टीमें जाएंगी। जिसमें घर-घर जाकर बैठकें कर स्वच्छता के लिए व्यवहार में परिवर्तन लाना और उन परिवारों की संख्या देनी होगी। ग्राम स्तर पर स्वच्छता की जागरूकता के लिए निकाली गई रैलियां, सार्वजनिक आयोजनों के स्वच्छता चैंपियनों की संख्या, जलबंद शौचालयों का प्रदर्शन और उसका बोर्ड लगाना, ठोस व तरल कचरा प्रबंधन की स्थिति, गोबरधन योजना के तहत स्थापित बायोगैस प्लांट की स्थापना, जिले के गांवों की ओडीएफ की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय की टीमें जांच करेंगी। इसके साथ ही जिले, राज्य व जिलाधिकारी का नाम और जनसंख्या व ओडीएफ गांवों की स्थिति की रिपोर्ट भी मंत्रालय को भेजनी होगी।