सीएम विंडो पर 134ए की उत्तर पुस्तिकाओं की री-चे¨कग की नौ शिकायतें
पानीपत के स्कूल संचालकों की मनमानी के कारण 134 ए में बच्चों का दाखिला करने से इन्कार कर दिया गया है। इसके लिए नौ अभिभावकों ने सीएम विंडो पर शिकायत दी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : स्कूल संचालकों की मनमानी के कारण 134 ए में बच्चों का दाखिला कराने वाले अभिभावक परेशान हैं। बड़े बैनर के स्कूल संचालक फीस के नाम मोटी रकम मांग रहे हैं। दूसरी तरफ जिन अभिभावकों के बच्चे परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुए उन्होंने सीम ¨वडो पर पुनर्मूल्यांकन (री- चे¨कग) का आवेदन दिया है। शिक्षा विभाग इन आवेदनों पर सुनवाई करेगा।
नियम 134 ए के तहत बच्चों को दूसरी से 12 वीं कक्षा तक के बच्चों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा में जो बच्चे अनुत्तीर्ण हो गए उनके अभिभावक अब रोष प्रदर्शन करने लगे हैं। वार्ड नंबर 2 नूरवाला कालोनी की ज्योति ने सीएम ¨वडो पर पुनर्मूल्यांकन को लेकर आवेदन किया है। उसकी बिटिया नम्रता दसवीं कक्षा में पढ़ती है। स्कूल में उसने 70 फीसद से अधिक अंक हासिल किए, लेकिन 134 ए की परीक्षा में उसे 51 फीसद नंबर नंबर हासिल किए। चार फीसद अंक से वह अनुत्तीर्ण हो गई। मार्किंग में भेदभाव किए जाने से उसकी बेटी को दाखिला नहीं मिला है। आठ अन्य अभिभावकों ने बुधवार को सीएम ¨वडो पर आवेदन लगाए।
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दाखिले से कर रहे इन्कार
बीईओ कार्यालय में बुधवार को दिनभर अभिभावकों का आवागमन लगा रहा। निजी स्कूल संचालक जानबूझ कर उनसे पिछले साल स्कूल में दिए गए फीस का ब्यौरा, पैन कार्ड, बीपीएल कार्ड व ऑनलाइन माइग्रेशन सर्टिफिकेट जैसे कागजातों की मांग कर रहे है। इन दस्तावेजों के बिना स्कूल संचालक बच्चों को दाखिला देने से इन्कार कर रहे हैं। विभागीय अधिकारी स्कूलों को पत्र जारी कर परिवहन शुल्क छोड़ अन्य राशि न लेने की हिदायत दी है।
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स्कूल संचालकों ने 400 रुपये लिए ट्यूशन फीस
गांव कुराड़ निवासी रामगोपाल ने बताया कि उसका बेटा 134 ए में पास हुआ। आर्य बाल भारती स्कूल आवंटित किया गया। उसने बेटे पारस का एडमिशन कराया तो ट्यूशन फीस के नाम पर 400 रुपये ले लिए। इस बारे में अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन समिति के साथ बैठक कर पैसे वापस दिलाने का आश्वासन दिया है।
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दाखिले में मांगने लगे पैन व बीपीएल कार्ड
तहसील कैंप निवासी प्रवीण ने बताया कि बेटे इंद्र का डॉ. एमकेके स्कूल में नौवीं कक्षा में एडमिशन होना है। स्कूल में दाखिला कराने गया तो उन्होंने मुझसे पैन व बीपीएल कार्ड की मांग की। अब विभागीय अधिकारी भी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है। पिछले कई दिनों से चक्कर काटने के बाद भी बेटे का दाखिला नहीं हो पाया।