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प्रमाण-पत्र के लिए 70 दिव्यांगों ने किया आवेदन, 52 के बने

सिविल अस्पताल के रेडियोलाजी ब्लाक में बुधवार को दिव्यांगों की दिव्यांगता जांच कर प्रमाण पत्र जारी किए गए। कुल 70 ने आवेदन जमा किए थे। इनमें से 52 के ही प्रमाण पत्र बने।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 07:17 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 07:17 PM (IST)
प्रमाण-पत्र के लिए 70 दिव्यांगों ने किया आवेदन, 52 के बने
प्रमाण-पत्र के लिए 70 दिव्यांगों ने किया आवेदन, 52 के बने

जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल के रेडियोलाजी ब्लाक में बुधवार को दिव्यांगों की दिव्यांगता जांच कर, प्रमाण पत्र जारी किए गए। कुल 70 ने आवेदन जमा किए थे। इनमें से 52 के ही प्रमाण पत्र बने। नाक-कान-गला विशेषज्ञ डा. शिवांजलि चाइल्ड केयर लीव पर होने के कारण 12 दिव्यांगों को बिना जांच कराए लौटना पड़ा।

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चार दिव्यांगों के आवेदन में त्रुटि थी, उन्हें भी वापस लौटना पड़ा। मस्तिष्क जांच के लिए दो दिव्यांगों को खानपुर मेडिकल कालेज रेफर करना पड़ा। इस बुधवार दिव्यांग कम संख्या में पहुंचे इसलिए आपाधापी जैसे हालात नहीं रहे। एक-एक दिव्यांग को चेकअप के लिए कक्ष में बुलाया गया।

सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने बताया कि दिव्यांगता संबंधी दस्तावेजों की जांच कर, प्रमाण-पत्र आनलाइन अपलोड भी किया जा रहा है। तीन साल से अधिक पुराने प्रमाण-पत्रों का दोबारा सत्यापन किया जा रहा है। नवीनीकरण के लिए आधार कार्ड नंबर, पानीपत का आवास प्रमाण पत्र, परिवार पहचान पत्र, मोबाइल फोन नंबर, पुराना दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा कराना जरूरी है। यूडीआइडी कार्ड

सिविल सर्जन ने बताया कि हरियाणा सरकार, समाज कल्याण विभाग सभी दिव्यांगों को यूडीआइडी (यूनिक डिसेबिलिटी पहचान पत्र) जारी करेगी। 31 अगस्त 2022 तक दिव्यांगों को यूडीआइडी से जोड़ने की अंतिम तारीख है। एक सितंबर 2022 से दिव्यांगों को सभी लाभ इसी कार्ड से माध्यम से मिलेगा। आनलाइन करना होता है आवेदन

दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ह्य2ड्ड1द्यड्डद्वढ्डड्डठ्ठष्ड्डह्मस्त्र.द्दश्र1.द्बठ्ठ पर आवेदन करना होता है। बुधवार या शुक्रवार को आधार कार्ड व पोर्टल पर किए गए आवेदन की प्रतिलिपि के साथ दिव्यांग बोर्ड के सामने उपस्थित होना होगा। दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 में प्रविधान

-दिव्यांगता की 21 श्रेणियां परिभाषित की गई हैं।

-दिव्यांगों के लिए आरक्षण चार प्रतिशत हो गया है।

-दिव्यांग कल्याणार्थ कार्य के लिए एनजीओ का पंजीकरण जरूरी।

-विकास योजनाओं में पांच प्रतिशत की भागीदारी सुनिश्चित।

-उच्च शिक्षण संस्थानों में पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित।

-बाधा मुक्त सुगम्य परिसर-मार्ग उपलब्ध कराना।


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