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बिलों पर एक्‍सईएन के फर्जी साइन पर 42 लाख रुपये की पास करवाई राशि, पार्षद पति ठेकेदार गिरफ्तार

कैथल में पार्षद पति ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया गया। नगर पालिका भवन निर्माण के बिलों पर एक्सईएन के फर्जी हस्ताक्षर कर 42 लाख रुपये की राशि पास करवाने का आरोप लगा था। इसके बाद जांच हुई। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई हुई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 01:12 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 01:12 PM (IST)
बिलों पर एक्‍सईएन के फर्जी साइन पर 42 लाख रुपये की पास करवाई राशि, पार्षद पति ठेकेदार गिरफ्तार
कैथल में पार्षद पति ठेकेदार गिरफ्तार किया गया।

कैथल, जागरण संवाददाता। कलायत नगरपालिका में बिलों पर कार्यकारी अभियंता के फर्जी हस्ताक्षर के मामले में 42 लाख 10 हजार 583 रुपये की राशि पास करवाने के आरोप में ठेकेदार गिरफ्तार किया गया है। कैथल नगर परिषद के कार्यकारी अभियंता ने 28 दिसंबर 2020 में अज्ञात के खिलाफ फर्जी बिल पास करवाने पर रुपये निकलवाने की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत थी कि निर्माण कार्य के आठवें बिल पर जाली हस्ताक्षर किए गए हैं। जब हस्ताक्षर की जांच की गई तो वह एक्सईएन के न होकर फर्जी मिले।

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करीब एक साल तक चली जांच बुधवार को पूरी हुई और इसमें दोषी पाए गए ठेकेदार बीडी बंसल को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी कलायत डीएसपी सुनील कुमार ने दी है। बता दें कि यह मामला मुख्यमंत्री घोषणा से निर्माणाधीन नगर पालिका भवन के दस्तावेजों पर कार्यकारी अभिंयता के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में यह कार्रवाई हुई है। बीडी बंसल वार्ड नंबर 13 के पार्षद प्रतिनिधि हैं। इस मामले में कलायत पुलिस द्वारा मामला दर्ज होने के बाद से ही जांच शुरू कर दी गई गई। यह जांच डीएसपी कलायत सुनील कुमार द्वारा की गई है।

यह है मामला

नगर परिषद के कार्यकारी अभियंता ने पिछले वर्ष सितंबर महीने में कैथल के जिला पालिका आयुक्त को मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत करवाए जा रहे नगर पालिका के भवन के कार्य में फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत दी गई। जिसमें यह शिकायत 42 लाख 10 हजार 583 रुपये की राशि के लिए फर्जी हस्ताक्षर करने की जानकारी दी गई थी। इसमें जिला पालिका आयुक्त ने नोटिंग, मानिटरिग कमेटी की रिपोर्ट व ड्राइंग पर स्ताक्षर नहीं किए। जिसके बाद कार्यकारी अभियंता हिमांशु लाटका ने 28 दिसंबर 2020 को कलायत थाना में शिकायत दी थी। इसके बाद कलायत थाना द्वारा शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू की गई थी। मामले की जांच शुरू होने के करीब एक साल बाद आरोपित ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया है।


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