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नहीं रुक रहा कबूतरबाजी का खेल, कनाडा भेजने के नाम पर यमुनानगर में 4.5 लाख ठगे

यमुनानगर में कनाडा भेजने के नाम पर अमादलपुर निवासी योगिंद्र सिंह व आजादनगर निवासी सतेंद्र कुमार से करीब साढ़े चार लाख रुपये की ठगी कर ली गई।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 11:30 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 11:30 AM (IST)
नहीं रुक रहा कबूतरबाजी का खेल, कनाडा भेजने के नाम पर यमुनानगर में 4.5 लाख ठगे
नहीं रुक रहा कबूतरबाजी का खेल, कनाडा भेजने के नाम पर यमुनानगर में 4.5 लाख ठगे

यमुनानगर, जेएनएन। कनाडा भेजने के नाम पर अमादलपुर निवासी योगिंद्र सिंह व आजादनगर निवासी सतेंद्र कुमार से करीब साढ़े चार लाख रुपये की ठगी कर ली गई। आरोपितों ने यमुनानगर में ही गोबिंदपुरी रोड पर कार्यालय खोला हुआ था।पैसा लेने के बाद कार्यालय बंद कर फरार हो गए। अब आरोपित पैसा वापस नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया।

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पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, योगिंद्र व सतेंद्र दोनों दोस्त हैं। वह रोजगार की तलाश में कनाडा जाना चाहते थे। इस दौरान उन्होंने सनराइज इमिग्रेशन सेंटर का विज्ञापन देखा। जिस पर वह गोबिंदपुरी रोड पर सनराइज इमिग्रेशन सेंटर में पहुंचे और इस बारे में बात की। वहां पर कैथल के कलायत निवासी लक्ष्मीनारायण,  सिरसा के गांव थिराज निवासी सिमरजीत सिंह,  औगद निवासी बिट्टू, शुभम, पंजाब के बरनाला जिला के गांव हडाया निवासी गगनदीप सिंह व गोबिंदपुरी निवासी नीरज कुमार मिले। आरोपितों से बात की, तो उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रति व्यक्ति के हिसाब से दस लाख रुपये का खर्च आएगा।

जिस पर वह तैयार हो गया।इस पर आरोपितों ने उन्हें मेडिकल कराने के लिए कहा। उसके लिए 50-50 हजार रुपये मांगे गए। पैसा लेने के बाद आरोपितों ने उनका मोहाली में लैब से मेडिकल कराया। फिर फाइल लगाने के लिए कहने लगे। जिस पर छह अक्टूबर 2019 को उनसे एक-एक लाख रुपये और लिए गए। कुछ दिनों बाद उन्हें वर्क परमिट का लेटर दिखाया। जिसके बदले में 99 हजार 600 रुपये जमा कराए। यह पैसा नीरज कुमार के खाते में जमा कराया गया। पैसा लेने के बाद उनके पासपोर्ट ले लिए गए।

कुछ दिनों में उनका वीजा लगवाने का आश्वासन दिया। करीब एक माह बाद वह छह नवंबर को कायार्लय पर गए, तो वहां पर ताला लगा हुआ था। जिससे उन्हें शक हुआ। जब आरोपितों से फोन पर बात की, तो उधर से जवाब आया कि वह वीजा तैयार कराने के काम में लगे हुए हैं। इसी तरह से करीब दो माह बीत गए, लेकिन उनका वीजा नहीं लगा और न ही कार्यालय खुला। जिस पर आरोपितों से पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने पैसे नहीं दिए। जब इस बारे में आरोपित नीरज के खिलाफ थाने में शिकायत दी, तो वह उसने मार्च 2020 तक पूरे पैसे वापस करने की बात कही, लेकिन तय समय पर वह मुकर गया। अब पता चला है कि उन्होंने हिसार में किसी और नाम से कार्यालय खोल लिया है। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया।


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