Move to Jagran APP

जिला के 350 चिकित्सकों ने छह घंटे ओपीडी रखी बंद, निराश लौटे मरीज

स्वास्थ्य सेवा कार्मिक और क्लीनिकल प्रतिष्ठान (हिसा और संपत्ति को नुकसान निषेध) विधेयक-2019 को राज्य में लागू करने की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) पानीपत के 350 चिकित्सकों ने शुक्रवार को छह घंटे ओपीडी बंद रखी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 09:31 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 09:31 AM (IST)
जिला के 350 चिकित्सकों ने छह घंटे ओपीडी रखी बंद, निराश लौटे मरीज
जिला के 350 चिकित्सकों ने छह घंटे ओपीडी रखी बंद, निराश लौटे मरीज

जागरण संवाददाता, पानीपत : स्वास्थ्य सेवा कार्मिक और क्लीनिकल प्रतिष्ठान (हिसा और संपत्ति को नुकसान निषेध) विधेयक-2019 को राज्य में लागू करने की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) पानीपत के 350 चिकित्सकों ने शुक्रवार को छह घंटे ओपीडी बंद रखी। सुबह आठ से अपराह्न दो बजे तक बंद रही ओपीडी के कारण निजी अस्पतालों के इलाज पर भरोसा करने वाले करीब 8000 मरीजों को निराशा हुई।

loksabha election banner

सांकेतिक हड़ताल को सेव द सेविअर्स स्लोगन दिया गया। जिले के करीब 130 अस्पतालों में उपचाराधीन (भर्ती) 2000 से ज्यादा मरीजों का रूटीन चेकअप भी सुबह के समय पैरामेडिकल स्टाफ ने ही किया। 50 से अधिक चिकित्सक पहले स्काइलार्क में एकत्र हुए, वहां बैठक हुई। हरियाणा सहित दूसरे राज्यों में चिकित्सकों संग हिसक घटनाओं,अस्पतालों में तोड़फोड की निदा की। इसके बाद चिकित्सक लघु सचिवालय पहुंचकर एडीसी वत्सल वशिष्ठ से मिले, प्रधानमंत्री और देश के गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य सेवा कार्मिक-क्लिनिकल प्रतिष्ठान (हिसा और संपत्ति को नुकसान निषेध) विधेयक-2019 को लागू करने से केंद्र के इंकार पर कहा कि केंद्र के कई कानून राज्यों में लागू हैं। केंद्र सरकार इसे भी केंद्रीय कानून बनाए ताकि सभी राज्यों में समान रूप से लागू हो सके। चिकित्सकों की मांग है कि एक जुलाई को डाक्टर्स-डे होता है। सरकार इससे पहले चिकित्सकों-अस्पतालों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाकर लागू करे। सरकार ने ढुलमुल रवैया अपनाया तो आइएमए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर देगी। इस मौके पर डा. पंकज मुटनेजा, डा. जितेंद्र शर्मा, डा. दिलीप जरवाल, डा. सुदेश खुराना, डा. पवन सिघल, डा. राकेश कालरा, डा. सुनील आनंद, डा. वेदप्रकाश मौजूद रहे। यह है आइएमए की मांगें

-प्रत्येक अस्पताल की सुरक्षा की जाए।

-अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए।

-हिसा करने के आरोपितों के खिलाफ फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई हो।

-स्वास्थ्य सेवा कार्मिक और क्लीनिकल प्रतिष्ठान (हिसा और संपत्ति को नुकसान निषेध) विधेयक लागू हो।

-स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला के लिए 10 साल की सजा का प्रविधान होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.