National Girl Child Day: पानीपत के बेटियों वाले 67 गांव, जहां बेटों से ज्यादा मिलता है दुलार
National Girl Child Day 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। पानीपत में 67 गांव ऐसे हैं जहां बेटों से ज्यादा बेटियों को प्यार और दुलार मिलता है। इन गांवों में 2021 में बेटों से अधिक बेटियां जन्मी है।
पानीपत, [राज सिंह]। 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) के रूप में मनाया जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साल 2008 में इसकी शुरुआत की थी। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि 24 जनवरी 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।तब से लेकर बेटियों के सम्मान में इस दिन को मनाया जाता है।
इस खास मौके पर हम आपको पानीपत के उन 67 गांवों से रुबरु करवाएंगे। जहां बेटों से ज्यादा प्यार और दुलार बेटियों को मिलता है। इन गांवों में साल 2021 में बेटों से ज्यादा बेटियां जन्मी है। पानीपत इसलिए भी खास है क्योंकि 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानीपत से ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारंभ किया था। अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए। आंगन में बेटियों की खिलखिलाहट बढ़ी है। गांवों में भी बेटों से ज्यादा बेटियां जन्म ले रही हैं। जिले में 81 गांव-कालोनी ऐसी हैं ,जहां बेटियां अधिक जन्मी। कुल 67 गांव ऐसे हैं, जहां बेटों से ज्यादा बेटथ्यां जन्मी हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के सात साल पूरे
स्वास्थ्य विभाग ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के सात वर्ष पूरा होने पर वर्ष 2021 का लिंगानुपात सीएचसी-पीएचसी आधार पर जारी कर दिया है। इसमें गांवों-कालोनियों का भी जिक्र किया गया है कि एक साल में कितनी बेटे-बेटियां जन्मी। 58 गांव-कालोनी ऐसे जहां लिंगानुपात 800 या इससे कम रहा। स्वास्थ्य विभाग, स्वस्थ समाज, जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय यह कि वर्ष 2021 का लिंगानुपात 918 है जबकि 2020 में 945 था। यानि 27 अंक लुढ़ककर नीचे चला गया है।
स्वास्थ्य केंद्र का नाम जन्मे बेटे जन्मी बेटियां लिंगानुपात
पीएचसी सिवाह 658 641 974
पीएचसी काबड़ी 217 203 935
पीएचसी खोतपुरा 290 275 948
सीएचसी अहर 381 367 963
पीएचसी मांडी 239 246 1029
पीएचसी नारायणा 281 290 1032
पीएचसी नौल्था 396 387 977
सीएचसी बापौली 550 515 936
पीएचसी कवि 347 324 934
पीएचसी उग्राखेड़ी 464 374 806
पीएचसी चुलकाना 324 309 954
पीएचसी समालखा 584 635 1087
पीएचसी मतलौडा 438 391 893
पीएचसी रेरकलां 314 271 863
पीएचसी पट्टी कल्याणा 290 290 1000
पीएचसी ऊझा 833 773 928
पीएचसी सींक 254 213 839
सीएचसी ददलाना 239 217 908
पीएचसी इसराना 260 194 746
21 गांव, जहां 2021 में लिंगानुपात 1400 से अधिक
जीतगढ़-3000
मछरौली-2500
छदिया-2286
खुखराना-2182
रामड़ा-1762
नवादा-1742
खलीला-1700
भैंसवाल-1571
रूपचंद कालोनी-1538
गवालडा-1522
अताउल्लापुर-1500
जीतगढ़-1500
पावटी-1480
थिराना-1478
शिमला गुजरान-1444
करहंस-1438
गांजबढ़-1429
राकसेड़ा-1426
जलालपुर द्वितीय-1423
पूठर-1400
ढिंढार-1400
22 गांव, 2021 में लिंगानुपात 700 से कम
काकोली गढ़-692
राजाखेड़ी-678
पत्थरगढ़-662
साईं कालोनी-667
बाल जाटान-657
कुटानी-645
खंदरा-636
उग्राखेड़ी-603
जौंधनकलां-588
ओसारी-571
सिंभलगढ़-556
पाथरी-500
किवाना-500
माजरा-500
डिडवाड़ी-500
कालखा-489
जीतगढ़-444
गढ़ी त्यागान-375
रामनगर-357
गढ़ी नवाब-333
रमाल-300
नंगला आर-214
इस वर्ष जिला में लिंगानुपात ने ऐसे खाए हिचकोले
जनवरी -948
फरवरी-967
मार्च-976
अप्रैल-953
मई-939
जून-937
जुलाई-933
अगस्त-926
सितंबर-930
अक्तूबर-922
नवंबर-918
दिसंबर-920
2015 से अब तक पानीपत का लिंगानुपात
साल लिंगानुपात स्थान
2015 837 10वां
2016 912 15वां
2017 945 प्रथम
2018 900 17वां
2019 939 तीसरा
2020 945 दूसरा
2021 918 नौवां
जागरूकता कार्यक्रम होंगे
पीसीपीएनडीटी(गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) के जिला नोडल अधिकारी डा. अमित ने बताया कि वर्ष 2021 में लिंगानुपात गिरना चिंतनीय है। जिन सीएचसी-पीएचसी एरिया में लिंगानुपात 900 से कम है, वहां जागरूकता कार्यक्रम कराए जाएंगे। इनमें रंगोली, भाषण, पोस्टर प्रतियोगिता रहेंगी। आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स भी घरों में बेटा-बेटी में भेद नहीं की सीख देंगी।