कुरुक्षेत्र में आयुर्वेद में स्नातकोत्तर की तैयारी कर रहे हरियाणा के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर, पढ़ें ये रिपोर्ट
कुरुक्षेत्र के आयुर्वेद में उच्चत्तर शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है क्योंकि 14 विषयों में आयुर्वेद में एमडी होती है। मगर प्रदेश के आयुर्वेदिक विद्यार्थियों के लिए प्रदेश में महज पांच विषयों में ही एमडी उपलब्ध थी।
कुरुक्षेत्र, विनीश गौड़। कुरुक्षेत्र में आयुर्वेद में स्नातकोत्तर की तैयारी कर रहे प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय को नौ विषयों में भी एमडी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने नौ विषयों में 42 एमडी की सीटों पर लेटर आफ इंटेंट जारी कर दिया है। अब श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय की ओर से स्वीकृति के लिए आवेदन किया है, जो लगभग तय है। इससे पहले आयुष विश्वविद्यालय को पांच विषयों में स्नातकोत्तर कराने की स्वीकृति मिले एक साल बीत चुका है।
अब अंतिम स्वीकृति के लिए श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय ने किया आवेदन
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के कायाचिकित्सा में पांच, प्रसूति तंत्र एवं स्त्रिरोगा में पांच, शालाक्या तंत्र में पांच, अगाड़तंत्र में दो, द्रव्यगुण विज्ञान में पांच, स्वास्थ्यवृत्ता में पांच, रोग निदान एवं विकृति विज्ञान में पांच, रस शास्त्र में पांच, आयुर्वेद समित्ता एवं सिद्धांत में पांच सीटों के लिए एलओआई जारी किया गया है। वहीं इससे पहले पांच विषयों में एमडी मिल चुकी है।
आयुर्वेद में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए बड़ी राहत
आयुर्वेद में उच्चत्तर शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है, क्योंकि 14 विषयों में आयुर्वेद में एमडी होती है। मगर प्रदेश के आयुर्वेदिक विद्यार्थियों के लिए प्रदेश में महज पांच विषयों में ही एमडी उपलब्ध थी। विद्यार्थियों को एमडी करने के लिए दूसरे राज्यों की ओर मुंह ताकना पड़ता था, लेकिन अब बाकी बची नौ विषयों में भी एमडी मिल चुकी है, जिस पर फाइनल परमिशन जल्द मिल जाएगी।
एलओपी के लिए आवेदन किया : डा. शंभु दयाल शर्मा
श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मामले अधिष्ठाता डा. शंभु दयाल शर्मा ने बताया कि एलओपी के लिए आवेदन कर दिया गया है। इसके लिए आनलाइन डाक्यूमेंट अपलोड करने होते हैं जो कर दिए गए हैं। सोमवार को भी इसकी स्वीकृति मिल सकती है। यह विद्यार्थियों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।