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खेल महकुंभ के खर्चे से खिलवाड़, खेल अधिकारियों पर गिरी गाज Panipat News

खेल महाकुंभ-2017 का हिसाब न देने वाले सभी 22 डीएसओ को चार्जशीट कर लिया गया है। खेल खर्च का हिसाब न देने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 10:35 AM (IST)
खेल महकुंभ के खर्चे से खिलवाड़, खेल अधिकारियों पर गिरी गाज Panipat News
खेल महकुंभ के खर्चे से खिलवाड़, खेल अधिकारियों पर गिरी गाज Panipat News

पानीपत/करनाल, [यशपाल वर्मा]। हरियाणा की गोल्डन जुबली को समर्पित खेल महाकुंभ-2017 प्रदेश के जिला खेल अधिकारियों पर भारी पड़ रहा है। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की ओर से प्रदेश के 22 डीएसओ(जिला खेल अधिकारी) को चार्जशीट कर दिया गया है। बजट की कमी न होने का दावा करने वाले अधिकारी अब खेल महाकुंभ के खर्च पर कार्रवाई करने को मजबूर हैं। निदेशक का मानना है कि चार्जशीट किए गए खेल अधिकारियों ने अभी तक खेल महाकुंभ का हिसाब देने में देरी की है। दूसरी तरफ डीएसओ के अनुसार 15 हजार रुपये से अधिक के खर्च के लिए डीसी स्तर पर फाइल अप्रूव करवाकर उच्चाधिकारियों को भेजनी होती है, जिसमें विलंब हो रहा है।

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गौरतलब है कि हरियाणा की गोल्डन जुबली को समर्पित खेल महाकुंभ-2017 में शुरू किए गए थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन राठौर, खेल मंत्री अनिल विज सहित प्रदेश के 10,000 लोगों ने महाकुंभ के शुभारंभ में हिस्सा लिया था। आयोजन के लिए जिले को 54 लाख रुपये जारी किए गए थे, जिसमें लाख रुपये खिलाडिय़ों की इनाम राशि तय की गई थी। तय राशि से अधिक खर्च होने पर अब खामियाजा खेल अधिकारियों को भुगतना पड़ रहा है।

डीसी के कार्यालय में अटक रही फाइल
विभाग के नियमों के अनुसार 15 हजार रुपये से अधिक राशि के लिए फाइल को जिला उपायुक्त अप्रूव करते हैं। प्रदेश में लगभग सभी जिलों में महाकुंभ के दौरान 34 से अधिक खेलों का आयोजन कराया गया। इन आयोजनों में कुछ जिलों में 12 हजार खिलाडिय़ों ने भाग लिया जबकि रोहतक व भिवानी जैसे जिलों में खिलाडिय़ों की संख्या में 26 हजार तक पहुंच गई। प्रत्येक आयोजन में खिलाड़ी को रिफ्रेशमेंट के साथ रहने की जगह, खाना, टेंट, टेबल, लाउड स्पीकर आदि की व्यवस्था की गई। विभाग की ओर से जारी राशि के अधिक खर्चा हो गया, जिसके चलते ठेकेदारों की राशि पेंडिग रह गई। पेङ्क्षडग राशि के अप्रूवल के लिए अब तक फाइल डीसी कार्यालय में टेबल टू टेबल घूम रही है। इस उलझन में खेल मंत्री अनिल विज का क्षेत्र अंबाला भी फिसड्डी रहा है।

करनाल में 9 से अधिक हो चुकी बैठकें
ठेकेदारों और खिलाडिय़ों की इनाम राशि के लिए डीसी की अप्रूवल जरूरी है। खेल अधिकारियों की पेंडिंग राशि मंजूर कराने के लिए उपायुक्त से 9 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। बावजूद अभी तक फाइल क्लीयर नहीं हो पा रही है। अब 24 जुलाई को मीटिंग के लिए उपायुक्त ने निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान जहां जिला खेल अधिकारियों का तबादला हो गया, वहीं डीसी आदित्य दहिया का भी तबादला हो गया। अब जिला अधिकारी विनय प्रताप सिंह फाइल पर खेल अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। 

ठेकेदारों के फंसे हैं लाखों रुपये
डायमंड कैटल कुरुक्षेत्र के श्याम लाल सिंगला, बीके स्पोट्र्स के सुनील कुमार, वेद टेंट हाउस एंड केटरिंग के अरविंद कुमार ने बताया कि खेल विभाग के पास महाकुंभ में खेल के सामान व भोजन की व्यवस्था की थी। इसके लिए 50 लाख रुपये अभी तक फंसे हुए हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जिस दिन स्टेडियम या डीसी कार्यालय का चक्कर न काटा हो। प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर उच्चाधिकारियों तक ने खेलों के लिए प्रोत्साहित किया था। अब राशि लेने के लिए कभी पंचकूला तो कभी करनाल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। श्याम लाल ङ्क्षसगला ने कहा कि डीसी के पास राशि जारी करने के अधिकार होने के कारण खेल विभाग के कर्मचारी भी राशि जारी नहीं कर पा रहे हैं। 

प्रदेश के जिला खेल अधिकारी अभी तक खेल महाकुंभ-2017 का हिसाब मुख्यालय को नहीं दे सके हैं। विभाग की कार्रवाई में 22 डीएसओ को चार्जशीट किया है। फाइल में देरी होने के कारण खिलाडिय़ों और ठेकेदारों को अभी तक राशि नहीं जारी की जा सकी है।
-भूपेंद्र सिंह, निदेशक, खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग।


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