Olympic Games Tokyo 2020: ओलंपिक में दो बार खेलने का अनुभव आएगा काम, शूटर संजीव राजपूत का गोल्ड का लक्ष्य
Olympic Games Tokyo 2020 हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले शूटर संजीव राजपूत पहले भी दो बार ओलंपिक में खेल चुके हैं। वहीं उनका अनुभव इस ओलंपिक में फायदेमंद साबित हो सकता है। शूटर संजीव राजपूत पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। Olympic Games Tokyo 2020: ओलंपिक खेलों में तीसरी बार हिस्सा रहे जगाधरी के निशानेबाद संजीव राजपूत के हौंसले बुलंद हैं। मकसद केवल ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। इसलिए देर रात तक तैयारी में पसीना बहा रहे हैं। संजीव राजपूत पर पूरे देश के लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। 23 जुलाई से जापान के टोक्यो में शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं।
ओलंपिक में दो बार खेलने का अनुभव आएगा काम
यह सच है कि जो खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक खेलों में खेल रहे हैं वह जरूर दबाव में होंगे। परंतु 40 वर्षीय संजीव राजपूत के साथ ऐसा नहीं है। इससे पहले वर्ष 2008 व 2012 में भी ओलंपिक खेलों में क्वालीफाई कर चुके हैं। इसलिए ओलंपिक में पहले खेलने का अनुभव उनके काम आएगा। इसलिए लोगों को संजीव से उम्मीदें भी बहुत ज्यादा हैं कि वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन जरूर करेंगे। संजीव ने ओलंपिक खेलों में 50 मीटर राइफल केटेगरी के लिए क्वालीफाई किया हुआ है। वहीं उनके भाई मनोज राजपूत ने कहा कि संजीव काफी मेहनती है। वह ओलंपिक में जरूर से जरूर पदक जीतेगा।
श्रीश्री रविशंकर से भी ले रहे मदद
खुद को फिट रखने के लिए संजीव राजपूत सुबह उठते ही सबसे पहले योग करते हैं। इसके बाद प्रेक्टिस के लिए शूटिंग रेंज में निकल जाते हैं, जहां पर रोजाना आठ से 10 घंटे निशाने लगा रहे हैं। खुद को एकाग्रचित रख सकें इसके लिए वह अाध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर से भी मदद ले रहे हैं। वह वर्चुअल तरीके से कई बार उनसे बात कर चुके हैं। श्रीश्री रविशंकर ने उन्हें बताया है कि वह अपने ऊपर किसी तरह का दबाव महसूस न करें। वह यह सोच कर चलें कि उन्होंने ओलंपिक में मेडल जीत लिया है।
प्रधानमंत्री का दिया जीत का मंत्र आएगा काम: संजीव राजपूत
संजीव राजपूत ने टोकियो से फोन पर बताया कि ओलंपिक खेलों से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी खिलाड़ियों से बात की। उन्होंने खिलाड़ियों को जीत का मंत्र दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोई भी खिलाड़ी किसी दबाव में न खेले। करोड़ों हिंदुस्तानियों की दुआएं उनके साथ हैं। प्रधानमंत्री ने जिस तरह से सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया है उससे सभी जोश हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह ओलंपिक खेलों में जरूर गोल्ड मेडल जीत कर लाएंगे।
कई मेडल कर चुके हैं अपने नाम
संजीव राजपूत वर्ष 2004 में इस्लामाबाद में हुए सैफ गेम्स में तीन गोल्ड व एक सिल्वर मेडल, वर्ष 2006 में दोहा (कतर) में हुए एशियन गेम्स में कांस्य पदक, 2010 में चीन में हुए एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीते चुके हैं। वर्ष 2011 में चीन के चांगवान में आइएसएसएफ विश्व कप में गोल्ड मेडल, 2014 में इंचियोन (दक्षिण कोरिया) में कांस्य पदक, अगस्त 2018 में हुए एशियाई खेलों में 50 मीटर राइफल थ्री पाजिशन स्पर्धा, रियो डी जेनेरियो में हुए आइएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड कप 2019 में रजत पदक जीतने के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में मेडल उनके नाम है। पांच जनवरी 1981 को जन्मे संजीव ने एसडी स्कूल जगाधरी से 12वीं करने के बाद 18 वर्ष की आयु में नेवी ज्वाइन की थी। भारतीय नौसेना से 2014 में मास्टर चीफ पेटी आफिसर से पदमुक्त होने के बाद सरकार ने नौकरी देने का वादा किया था।
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