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बोल-सुन नहीं सकते, कोई दूध बेचकर भर रहा पेट तो किसी के पिता मजदूर, कैथल के ये खिलाड़ी जीत लाए गोल्ड

कैथल के गांव कुलतारण के कुलदीप और अर्जुन नगर निवासी रमन ने राज्य स्तरीय डेफ जूडो प्रतियोगिता में गोल्ड हासिल किया है। कुलदीप दूध बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं। वहीं रमन के पिता रोहताश कुमार मजदूरी करते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 06:34 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 06:34 AM (IST)
दोनों खिलाड़ियों का लखनऊ में होने वाली नेशनल स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हो गया है।

पानीपत/कैथल [सुनील जांगड़ा]। गुरुग्राम में दो मार्च को संपन्न हुई राज्य स्तरीय डेफ जूडो प्रतियोगिता में कैथल के गांव कुलतारण निवासी कुलदीप और अर्जुन नगर निवासी रमन ने गोल्ड हासिल किया है। ये खिलाड़ी न सुन सकते हैं और न ही बोल सकते हैं। दोनों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। लेकिन उसके बाद भी इनके हौसले में कोई कमी नहीं आई है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड लाकर दोनों खिलाड़ियों का लखनऊ में होने वाली नेशनल स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन हो गया है। अंबाला रोड स्थित इंडोर खेल स्टेडियम में सुबह-शाम अभ्यास करते हैं। कोच जोगिंद्र सिंह और संदीप कुमार इन्हें इशारों से खेल के गुर सिखा रहे हैं।

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दूध बेच कर हो रहा परिवार का गुजारा

गांव कुलतारण निवासी 24 वर्षीय कुलदीप एक गरीब परिवार से हैं। भैंस का दूध बेचकर ही परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। इसके अलावा दो एकड़ जमीन है और खेतीबाड़ी का काम भी स्वयं करते हैं। सुबह-शाम मैदान में अभ्यास करते हैं और दिन के समय पशुओं और खेती के लिए काम करते हैं। खेत से चारा लाने से लेकर पशुओं की देखभाल की सारी जिम्मेदारी कुलदीप के ऊपर ही है। छह साल पहले ही खिलाड़ी के पिता जोगीराम की मौत हो गई थी। बड़ा भाई मनदीप एक केमिस्ट की दुकान पर काम करता है। माता संतोष देवी गृहिणी हैं। परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं, लेकिन अब अपने घरेलू कार्यों के साथ कुलदीप जूडो में भी किस्मत आजमा रहे हैं। गांव के बॉक्सिंग कोच अमरजीत के कारण ही आज कुलदीप इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं। कई बार कुलदीप को गांव के तालाब में तैराकी करते हुए देखा। उनकी फूर्ति देखकर कुलदीप के भाई मनदीप से बात की और उन्हें जूडो सीखने के लिए जूडो कोच जोगिंद्र सिंह के पास भेज दिया था।

मजदूरी करते हैं पिता
अर्जुन नगर निवासी खिलाड़ी रमन के पिता रोहताश कुमार मजदूरी करते हैं। मजदूरी से ही परिवार का पालन पोषण हो रहा है। घर में वे दो भाई और दो बहनें हैं। माता प्रकाशाे देवी घर का काम संभालती हैं। खिलाड़ी रमन नौंवी पास है। वह गांव पट्टी अफगान के राजकीय स्कूल में पढ़ता था, लेकिन इशारों में पढ़ाने वाला अध्यापक ना होने के कारण पढ़ाई बंद हो गई। वह कोई काम भी नहीं कर पा रहा था। ऐसे में जगबीर कुमार के सहयोग से कोच राजेश कुमार ने उसे जूडो का खेल सिखाना शुरू कर दिया। बेहतर अभ्यास के लिए वे उसे इंडोर स्टेडियम में लेकर आए। अब खिलाड़ी रमन नेशनल प्रतियोगिता में भाग लेगा। उसके परिवार को रमन से बहुत ही उम्मीदें हैं।


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