Panipat Nagar Nigam Meeting: पार्षद ने सवाल पूछा तो बैठक छोड़कर गए कमिश्नर
हरियाणा के पानीपत के नगर निगम में भ्रष्टाचार के कच्चे चिट्ठे खुल रहे। नगर निगम की बैठक में हंगामा हुआ। विधायक प्रमोद विज अवनीत कौर से लेकर सभी भाजपाई पार्षदों ने हाथ जोड़कर कहा हमारा नाम डूबने से बचा लो।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत नगर निगम हाउस की बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने दलालों का मुद्दा उठाते हंगामा शुरू कर दिया। पार्षदों ने यहां तक कह दिया कि जब तक दलालों और निगम के आरोपित कर्मचारियों पर केस दर्ज नहीं होगा, तब तक सदन की बैठक आगे नहीं चलने देंगे। शोर बढ़ता देख शहर से भाजपा के विधायक प्रमोद विज ने अपनी सीट से उठकर कहा कि पानीपत नगर निगम ने हमारा नाम डुबोकर रख दिया है। हम बहुत तंग आ चुके हैं। बता दें कि दैनिक जागरण ने आज खबर ब्रेक करके बता दिया था कि शाम छह बजे निगम कार्यालय में दलाल सक्रिय हो जाते हैं। उसी मुद़दे पर पूरी बैठक केंद्रित हो गई।
पार्षद अनिल बजाज ने जब सवाल पूछने शुरू किए तो कमिश्नर मनोज कुमार ने कहा कि आप मुझसे सवाल नहीं पूछ सकते। सभी पार्षदों ने अनिल का समर्थन करते हुए कह दिया कि हम सवाल पूछ सकते हैं। इस पर कमिश्नर नाराज हो गए। वह बैठक छोड़कर चले गए।
जेबीएम पर 1.61 करोड़ का जुर्माना
जेबीएम कंपनी पर एक करोड़ 61 लाख का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव पास किया गया। कंपनी पर आरोप है कि सफाई व्यवस्था नहीं सुधारी जा रही। घर -घर से कचरा नहीं उठाया जा रहा। जो काम दिया गया था, वो तो सही हो नहीं रहा, निंबरी में 27 करोड़ का एक टेंडर और इस कंपनी को दे दिया।
निगम कमिश्नर - आप शिकायत दीजिए। कार्रवाई होगी। वैसे आपको बता दूं कि निगम कर्मचारी ने भी मारपीट का केस दर्ज कराया है।
विधायक प्रमोद विज - एक मिनट कमिश्नर साहब। यह काउंटर शिकायत है। बचने के लिए ऐसा किया गया है।
पार्षद लोकेश नांगरू - जब तक दलालों, कर्मचारियों पर केस दर्ज नहीं होगा, तब तक सदन नहीं चलने देंगे।
पार्षद रवींद्र भाटिया - विधायक जी मैं आपको उदाहरण दे रहा हूं। हमारी सरकार आम आदमी को घर पर सेवा देना चाहती है। एक व्यक्ति ने 27 अक्टूबर को फाइल जमा कराई। उनका नक्शा भी पास है। रिकार्ड में गलती हो गई विभाग की वजह से। वो आदमी अफसरों के पास चक्कर पर चक्कर काट रहा है। एक मार्च को काम करने से इन्कार कर दिया गया। बाद में दबाव हुआ तो अफसर ने काम कर दिया। शहर की सरकार की क्या इज्जत रखी।
पार्षद लोकेश नांगरू - कमिश्नर साहब। ये जनता नहीं छोड़ेगी आपको। डीएमसी साहब, ये फोटो देख लो। घर बैठ कर काम कर रहे हैं।
विधायक प्रमोद विज - लोग बहुत तंग हैं। तीन आदमियों की कमेटी बनाओ। छह लोग कमिश्नर साहब के साथ बैठ जाओ। कोई ऐसा सिस्टम बनाओ, जिससे पब्लिक को परेशानी न हो।
लोकेश - कार्रवाई क्या करनी है, ये तो कमिश्नर तय करेंगे। ये देखो, रात साढ़े दस बजे वाटसएप पर चैट होती है। ये आइडी आनलाइन करा दो। रात को दस बजे भ्रष्टाचार का धंधा चलता है। और किस तरह दलालों को पकड़कर लाएं। अंसल के अंदर डेवलपमेंट चार्ज नहीं है। रिंकू जेई कहता है कि मुझे नहीं पता था। जब मैंने विरोध किया तो
मेरे जानकार की रजिस्ट्री हो गई। आम आदमी कहां जाए।
कमिश्नर - फैसिलिटी सेंटर बना देंगे। आप सुझाव दें। हाउस टैक्स पोर्टल में दिक्कत है। तीन महीने में मैं भी इसका समाधान नहीं कर सका हूं। अब सारी चीजें लिंक हो गई है। दोनों पोर्टल भी आपस में लिंक नहीं हैं। उनकी रिपोर्ट मैच नहीं कर रही।
लोकेश - तब दस हजार रुपये देकर सारी चीजें कैसे ठीक हो जाती हैं। माडल टाउन वालों से 25 हजार रुपये लिए जाते हैं।
कमिश्नर - ये बदमाशी है। इसी को ठीक करना है।
लोकेश -आप एफआइआर दर्ज कराओ। सब ठीक हो जाएगा।
सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत - दहिया जी, कमिश्नर साहब जो कह रहे हैं, उसी पर काम करते हैं।
विधायक - जब कल शाम को छह बजे बिना अनुमति के काम हो रहा था तो कार्रवाई होनी ही चाहिए।
कमिश्नर - मैं कार्यालय गया था। आज तक जितनी भी बाते सामने आई हैं, सभी की जांच होगी।
विधायक - जनता हमें गालियां निकाल रही है।