आलू के गिरते दामों को लेकर किसान चिंतित, खराब होने का भी खतरा
आलू के दामों को लेकर किसान चिंतित हैं। अब किसान मंडी की बजाय कोल्ट स्टोर में आलू रखने की सोच रहे है। हालांकि ज्यादा आलू स्टाेर भी नहीं कर सकते। ऐसे में आलू खराब होने का भी डर सताने लगा है।
कैथल, जेएनएन। आलू के गिरते दामों को देखते हुए किसानों ने आलू को मंडी में बेचने की बजाए खेतों में स्टोर करना शुरू कर दिया है। किसान खेतों में ही आलू को स्टॉक करने लग गए है। किसानों का कहना है कि आलू का भाव इस समय पांच से छह रुपये प्रति किलो ही मिल रहा हैं, जिनसे लागत भी नहीं निकलती। खर्च ज्यादा हो रहा है।
कैथल के किसान अशोक कहते हैं कि किसानों को आलू की फसल पर खर्च बहुत उठाना पड़ रहा है। बुआई के समय बीज दोगुना महंगा हो गया है। खर्चे बढ़ने से आलू उत्पादन की लागत ऊपर चली गई है। आलू कारोबारी दीपक कुमार भी मानते हैं कि वर्तमान भाव पर आलू किसानों को घाटा है, लेकिन आगे कोल्ड स्टोर में आलू का भंडारण होने पर दाम सुधर सकते हैं। इसलिए आलू को स्टॉक किसानों ने करना शुरू किया है।
पिछले साल एक लाख रुपये एकड़ हुई थी आमदनी
पिछले साल इन दिनों 15 रुपये किलो आलू बिक रहा था। वह आलू इस बार पांच रुपये किलो बिक रहा है। यानि की पिछले साल 1800 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला आलू इस बार 900 रुपये प्रति क्विंटल आ गया है। पिछले एक साल एक लाख रुपये एकड़ की आमदनी हुई थी, इस बार 60 हजार रुपये एकड़ पड़ रहा है। 40 हजार रुपये नुकसान हो रहा है। इससे किसान मायूस हो गए है। किसानों का कहना है कि महंगा भाव के इस साल बीज बोया है, लेकिन आलू सस्ता बिक रहा है। किसानों को बचत नहीं हो रही है। किसानों का कहना है कि इस बार आलू में लागत निकलना भी मुश्किल भरा हो रहा है। ज्यादा समय आलू को खेत में रोका भी नहीं जा सकता है, इसका खराब होने का खतरा रहता है। इससे मंडी में औने- पौने दामों पर बेचना को मजबूर होना पड़ रहा है।
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