सूचना मिलते ही भाग जाता था हत्या का दोषी भगोड़ा, डेढ़ दशक बाद पकड़ा गया
हरियाणा के यमुनानगर में एक भगोड़ा पकड़ा गया। हत्या का दोषी हाईकोर्ट से जमानत लेने के बाद भगोड़ा हो गया था। करीब डेढ़ दशक बाद गिरफ्तार। दोषी के गांव से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने की कार्रवाई।
यमुनानगर, जेएनएन। साथी की हत्या के दोषी आजीवन सजायाफ्ता बिहार के जिला सीतामढ़ी के सिरसिया बाजार निवासी बशीर अली को सदर जगाधरी थाना पुलिस ने डेढ़ दशक बाद गिरफ्तार कर लिया। वह 2007 में हाईकोर्ट से जमानत लेने के बाद फरार हो गया था। इसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। उसे पकडऩे के लिए कई बार उसके गांव में भी दबिश दी गई, लेकिन काबू नहीं किया जा सका। अब पुलिस ने उसे थाना छप्पर क्षेत्र के गांव कोतरखाना से पकड़ा है। यहां वह गन्ना छिलाई के लिए आया हुआ था। दोषी का कहना है कि जमानत के बाद वह अपनी सजा माफ समझ रहा था।
यह था मामला
15 जुलाई 2000 को बशीर अली अपने गांव के ही रामनाथ, विनोद व महेश के साथ मजदूरी के लिए आया था। बशीर व रामनाथ के बीच खेत में ही विवाद हो गया। उसने कस्सी से वार कर रामनाथ की हत्या कर दी थी। 24 जुलाई को उसे पुलिस ने पकड़ लिया। 14 नवंबर 2002 को बशीर को जगाधरी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। एक चौथाई समय तक जेल में रहा। उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। दोबारा पेश नहीं होने पर वर्ष 2016 में उसकी जमानत हाईकोर्ट ने डिसमिस कर दी।
33 वारंट जारी हुए, दबिश से पहले भाग निकलता था
हत्यारे बशीर की तलाश में सदर जगाधरी थाना पुलिस लगी हुई थी। उसे पकडऩे के लिए 33 बार वारंट हुए। बशीर के बारे में हाईकोर्ट में पुलिस की पेशी होती थी। बताया जा रहा है कि बिहार के गांव में जाने के लिए चौकीदार को साथ लेकर जाना होता है। चौकीदार पहले ही बशीर को इस बारे में बता देता था। जिस पर वह नेपाल भाग जाता था। एसआइ मेहमा ङ्क्षसह को उसके गांव से पता चला कि वह ठेकेदार के साथ गन्ना छिलाई के लिए हरियाणा में ही आया हुआ है। इसके बाद पुलिस ने उसे गांव कोतरखाना से पकड़ लिया।
सदर जगाधरी थाना प्रभारी सुरेश कुमार ने बताया कि बशीर की थाना छप्पर क्षेत्र के गांव कोतरखाना में होने की सूचना मिली थी। जिस पर एसआइ मेहमा ङ्क्षसह, कमलदीप राणा, कांस्टेबल रमेश कुमार की टीम ने उसे गिरफ्तार किया है।