डीएसपी को बयान देने से इन्कार, शाम को एसपी से मिले स्वजन
बिझौल गांव में तीन बच्चों की मौत और इसके बाद लाठीचार्ज के मामले में स्वजनों ने रविवार को एसआइटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) को बयान दर्ज कराने से इन्कार कर दिया। एसआइटी में शामिल डीएसपी जगदीप दून ने बिझौल के नीरज को कॉल कर कहा कि वे घटनास्थल पर पहुंचेंगे। आप लोग बयान दर्ज करा देना। उन्होंने मना कर दिया कि जब तक हत्या आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर लेते और लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार कर जेले भेजे 14 लोगों को मामला रद कर नहीं छोड़ देते तब तक वे बयान नहीं देंगे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : बिझौल गांव में तीन बच्चों की मौत और इसके बाद लाठीचार्ज के मामले में स्वजनों ने रविवार को एसआइटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) को बयान दर्ज कराने से इन्कार कर दिया। एसआइटी में शामिल डीएसपी जगदीप दून ने बिझौल के नीरज को कॉल कर कहा कि वह घटनास्थल पर पहुंचेंगे। आप लोग बयान दर्ज करा देना। उन्होंने मना कर दिया कि जब तक हत्या आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर लेते और लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार कर जेले भेजे 14 लोगों का मामला रद कर उन्हें नहीं छोड़ देते तब तक वे बयान नहीं देंगे। इसी वजह से एसआइटी बिझौल नहीं पहुंच पाई।
इस मामले में शाम को सेवानिवृत्त डीएसपी करता राम, नीरज, धर्मवीर, ओमप्रकाश, जयभगवान, शहरमालपुर के पूर्व सरपंच सितेंद्र, लख्मी चंद, कर्मबीर एडवोकेट और हरीश ज्ञानी, करनाल एसपी एसएस भौरिया से उनके कार्यालय में मिले। उन्होंने एसपी से वही मांग दहोराई कि हत्या आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए। जेल में बंद 14 लोगों को रिहा कर मामला रद किया जाए। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि एसआइटी मामले की निष्पक्ष जांच करेगी। इस बारे में वे पांच सदस्यीय कमेटी बनाएं और जल्द उनके साथ बैठक की जाएगी।
चौपाल में अनिश्चितकालीन धरना शुरू
रविवार को कश्यप संघर्ष समिति बिझौल की चौपाल में बैठक हुई। इसमें कश्यप समाज के लोग शामिल हुए। आगे की रणनीति तैयार की। समिति का कहना है कि जब तक बच्चों को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। चौपाल में अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है। बता दें कि सात जुलाई को बिझौल का 10 वर्षीय लक्ष्य, 10 वर्षीय वंश और 12 वर्षीय अरुण अपने साथी सागर, सचिन व सावन के साथ ब्लीच हाउस से पतंग का धागा लेने गए थे। सागर, सचिन और सावन भाग गए थे। 8 जुलाई की सुबह वंश, लक्ष्य और अरुण के शव रजवाहे में मिले थे। स्वजनों ने ब्लीच हाउस मालिक सहित 12 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था।
पीड़ित परिवारों की मदद करे सरकार : दीपेंद्र हुड्डा
राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि न्याय मांग रहे पीड़ित परिवारों और ग्रामीणों पुलिस ने लाठीचार्ज किया और मामला दर्ज करके 14 लोगों को जेल भिजवा दिया। एफआइआर रद करके 14 लोगों को जेल से रिहा किया जाए। स्वजन कह रहे हैं कि बच्चों की हत्या कर शवों को कपड़े में लपेटकर रजवाहे में फेंका गया है। पुलिस इन्कार कर रही है। आरोपितों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवारों की सरकार मदद करे।