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कमाल की चुस्‍की: कैंसर रोगियों को राहत देगी एक कप चाय, रेडियोथैरेपी की पीड़ा से देगी मुक्ति

कैंसर रोगियों के लिए विशेषज्ञों के खास चाय तैयार की है। यह चाय कैंसर रोगियों को रेडियोथैरेपी की पीड़ा से मुक्ति देगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 03:53 PM (IST)
कमाल की चुस्‍की: कैंसर रोगियों को राहत देगी एक कप चाय, रेडियोथैरेपी की पीड़ा से देगी मुक्ति

कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। कैंसर रोगियों के लिए एक खास चाय तैयार की गई है। विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई यह चाय उन्‍हें काफी राहत देगी और बीमारी व इलाज की पीड़ा से राहत देगी। यह चाय कैंसर के रोगी को रेडियोथैरेपी से होने वाले साइड इफेक्ट को कम करेगी। रेडियोथैरेपी के लिए सिकाई करने से पहले 60 एमएल की एक कप  चाय और सिकाई के तुरंत बाद दूसरी कप यह चाय इसके दर्द को राहत देगी। इसका प्रयोग करने वाले कैंसर रोगियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।

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सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एन गणेश ने तैयार की विशेष चाय, कीमो और रेडियाथैरेपी के साइड इफेक्ट करेगी कम

जिन रोगियों को यह चाय पिलाई गई, उन्होंने इस थैरेपी के दौरान कम पीड़ा होने की बात स्वीकार की है। इसके साथ ही उनमें चिड़चिड़ापन भी कम रहा। इस विशेष चाय को मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एन गणेश ने तैयार किया है। रेडियोथैरेपी करवाने वाले मरीजों को 4 जनवरी से लगातार इस चाय का सेवन करवाया जा रहा है।

बड़ी चुनौती थे थैरेपी के साइड इफेक्ट

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मस्यूटिकल साइंस की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंचे डॉ. एन गणेश ने विशेष बातचीत में इस बारे में जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि कैंसर का इलाज कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी से किया जाता है। इस दोनों थैरेपी के दौरान मरीज के शरीर पर कई तरह के साइड इफेक्ट होते हैं।

उन्‍होंने कहा कि इन साइड इफेक्ट में शरीर की कई कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं या कई के डैमेज होने का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में वैज्ञानिकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि इस साइड इफेक्ट को किस तरह से कम किया जाए। इसी पर रिसर्च करते हुए उन्होंने चार ऐसी खास चाय तैयार की हैं जो साइड इफेक्ट को कम करती हैं।

इस मरीजों पर किया इस्तेमाल

डॉ. एन गणेश ने बताया कि इस चाय को मुंह, गला, जीभ, लैरिंग, फैरिंग और आहार नली में कैंसर के रोगियों पर इस्तेमाल किया गया है। इस चाय का सेवन करने के बाद परिणाम 75 से 80 फीसद तक सकारात्मक रहे हैं। हालांकि लैरिंग-फैरिंग और आहार नली के मरीजों को कुछ कम असर रहा है। यह चाय एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है, जिससे कोशिकाओं की विसंगतियां दूर होती हैं।

डिपार्टमेंट को समर्पित चारों चाय

डॉ. एन गणेश ने इन चारों चाय के नाम अपने विभाग और सहयोग करने वाले उच्चाधिकारियों की समर्पित किए हैं। इनमें एक चाय का नाम मेस्मराइज आलस्पाइस टी है। दूसरी का नाम होप ऑफ ऑरेंज टी है जो चेयरमैन आशा जोशी को समर्पित है। तीसरी चाय का नाम डिवाइन द पॉम जैगरी टी है, जो सेंटर की सीईओ दिव्या पराशर के नाम पर है। चौथी चाय का नाम जवाहर द नॉटी टी रखा गया है जो सेंटर के सभी कर्मचारियों को समर्पित है।

फलों के छिलकों से की तैयार

डॉ. एन गणेश ने बताया कि यह चाय ताड़ के गुड़, संतरे, सौंफ, काली मीर्च, ताजी हल्दी, सौंठ व अन्य फलों के छिलकों से तैयार की गई है।


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