Move to Jagran APP

पार्षद बोले- बिना मुआयना किए ठेकेदारों के बिल क्यों हो रहे पास

नगरपालिका में भ्रष्टाचार की पोल खुलने लगी है। पार्षद ही पर्दाफाश कर रहे हैं। बुधवार को 16 में आधे से अधिक पार्षदों ने कस्बे में चल रहे विकास कार्यों के भुगतान पर सवाल खड़ा किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 09:38 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:45 AM (IST)
पार्षद बोले- बिना मुआयना किए ठेकेदारों के बिल क्यों हो रहे पास

जागरण संवाददाता, समालखा : नगरपालिका में भ्रष्टाचार की पोल खुलने लगी है। पार्षद ही पर्दाफाश कर रहे हैं। बुधवार को 16 में आधे से अधिक पार्षदों ने कस्बे में चल रहे विकास कार्यों के भुगतान पर सवाल खड़ा किए हैं। उनका आरोप है कि बिना मौका मुआयना किए चेयरपर्सन ने नपा अधिकारियों और ठेकेदार से मिलीभगत कर भुगतान किया है। इसकी विजिलेंस जांच होनी चाहिए।

loksabha election banner

वाइस चेयरमैन सुनील शर्मा, श्याम सुन्दर बरेजा, राजेश ठाकुर, प्रवीण जांगड़ा, विक्रम रमन, विजेंद्र गौतम, जयपाल, पार्षद पति जयभगवान शर्मा, पार्षद के जेठ राजू दहिया ने कहा कि रेलवे पार्क के निर्माण पर 1.65 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। उसमें मिट्टी भरत, चहारदीवारी, ट्रैक निर्माण, फाउंटेन, ओपन जिम आदि का निर्माण होना है। अभीतक मिट्टी भरत के सिवाय कोई काम पूरा नहीं हुआ है। तीन चौथाई काम शेष है, जबिक पेमेंट 96 लाख यानि 58 प्रतिशत कर दी गई।

यही हाल बिहौली रोड पर बन रहे पंजाबी धर्मशाला का है। वहां मिट्टी भरत के साथ डीपीसी तक काम हुआ है। कुछ पिलर बने हैं, लेकिन 89 लाख में से 58.67 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बिहौली रोड पर ही छह करोड़ रुपये की लागत से बन रहे कम्युनिटी सेंटर के एकमुश्त एक करोड़ के भुगतान पर एतराज जताया है। कहां गई सर्विस लेन की टाइलें

पार्षदों का आरोप है कि 2013 से 16 के बीच सर्विस लेन के किनारे नपा ने सुन्दरीकरण के नाम पर करीब दो करोड़ रुपये की टाइलें लगाई थीं। पिछले महीने टाइलें उखाड़ने का पांच लाख का टेंडर लगाया, लेकिन करोड़ों की टाइलें कहां गई? इसका जवाब नहीं दिया गया। अधिकतर टाइलें खुर्दबुर्द करा दी गई। अज्ञात के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज करा मामले को रफादफा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि टाइलें उखाड़ने से सर्विस लेन के किनारे गड्ढे बन गए हैं। दुकानदार सहित लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सभी जांच को तैयार

चेयरपर्सन पति सचिन मित्तल ने बताया कि सभी आरोप निराधार हैं। जेई, एमई, सचिव आदि मौके का मुआयना कर ठेकेदार को पेमेंट करने की सिफारिश करते हैं। सभी भुगतान नियमानुसार हैं। किसी को संदेह है तो जांच करा लें। अवैध कॉलोनी के निर्माण में मदद नहीं करने से कुछ लोग पार्षदों को बरगला रहे हैं। ठेके की प्रक्रिया ऑनलाइन है। एनएचएआइ के कहने पर टाइलें उखाड़ी गई। टाइलों के बारे में अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.