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अगस्त में छुट्टी पर आना था सूबेदार को, घर पहुंचा पार्थिव शरीर Panipat News

सोलन हादसे में सूबेदार बलविंद्र की मौत के बाद उसका पार्थिक शरीर जींद पहुंचा। उसके 11 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 07:49 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 08:43 PM (IST)
अगस्त में छुट्टी पर आना था सूबेदार को, घर पहुंचा पार्थिव शरीर Panipat News
अगस्त में छुट्टी पर आना था सूबेदार को, घर पहुंचा पार्थिव शरीर Panipat News

पानीपत/जींद, जेएनएन। असम रेजिमेंट के सूबेदार बलविंद्र सिंह अगस्त में छुट्टी लेकर घर आने वाले थी। मंगलवार को उनका शव उनके घर पहुंचा। सैनिक सम्मान के साथ उनके 11 साल के बेटे जतिन ने मुखाग्नि दी। वहीं पत्नी ने पति पार्थिव शरीर के पैर छूकर अंतिम विदाई दी। इसे देखकर वहां मौजूद शख्स अपनी आंसू न रोक सका।  

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बलविंद्र सिंह (51) 1987 में असम रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। फिलहाल डगशाई छावनी में तैनात थे। असम रेजीमेंट के करीब 30 सूबेदार, नायब सूबेदार और जवान एक ढाबे में टी पार्टी करने के लिये रुके थे। अचानक चार मंजिला इमारत गिरने लगी तो कुछ जवान दूसरी और कूद गए और कुछ हादसे का शिकार हो गए। इसी हादसे में बलविंद्र की मौत हो गई। 

अगले साल थी रिटायरमेंट
बलविंद्र फरवरी में रिटायर होने वाले थे। पिछले महीने ही गर्मियों की छुट्टियों में वह पत्नी और बच्चों को 20 दिन के लिए हिमाचल घूमाने के लिए ले गए थे। अब अगस्त में दोबारा जल्द छुट्टी पर आने वाले थे। 

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दो बेटी व एक बेटा
बलविंद्र अपने पीछे दो बेटी व एक बेटा छोड़ गए। बड़ी बेटी 12वीं, छोटी बेटी नौंवी व 11 वर्षीय बेटा जतिन पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। तीनों बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। पत्नी मोनिका भी सदमे में है। जब मंगलवार को पति का पार्थिव शरीर घर पहुंचा, तो विलाप करते हुए साथ आए जवानों से कह रही थी कि उनके पति को जिंदा क्यों नही लाए। इस मौके पर अंतिम संस्कार के दौरान हरियाणा वन विकास निगम के चेयरमैन जवाहर सैनी, जिला सैनिक बोर्ड के सेक्रेटरी, तहसीलदार कर्णसिंह, शहर थाना प्रभारी दिनेश कुमार मौजूद रहे। 


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