नगर निगम और ज्वाइंट कमिश्नर का तबादला, एमडीएम बनीं रहेंगी वीना हुड्डा
मेयर अवनीत कौर ने सीएम के सामने उनकी शिकायत की थी और खुद शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन समेत पांच नेताओं के ट्रांसफर नोट पर साइन करवा लिए थे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम कमिश्नर वीना हुड्डा का छह माह बाद ही यहां से तबादला हो गया। डबवाली के एसडीएम ओमप्रकाश को निगम कमिश्नर लगाया है। वीना हुड्डा एसडीएम पानीपत बनी रहेंगी। उनके साथ ज्वाइंट कमिश्नर संजय कुमार का भी पानीपत से तबादला हो गया है। उनको फिलहाल कोई स्टेशन नहीं मिला है। कमिश्नर के तबादले का बड़ा कारण शहर की सरकार के साथ मन भेद होना रहा है। मेयर अवनीत कौर ने सीएम के सामने उनकी शिकायत की थी और खुद शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन समेत पांच नेताओं के ट्रांसफर नोट पर साइन करवा लिए थे।
वीना हुड्डा को 12 फरवरी को पानीपत नगर निगम कमिश्नर लगाया था। उन्होंने दो दिन बाद ही कार्यभार संभाल लिया था। सरकार ने इसके कुछ दिनों बाद उनको एसडीएम पानीपत का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था। इसके अलावा हरियाणा बिजली रेगुलेटरी पंचकुला की सचिव का भी कार्यभार था। वीना हुड्डा का एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार मिलने के बाद उनका फोकस वहीं पर रह गया था। वे नगर निगम से संबंधित काम वहीं पर निपटाती थीं।
इन अधिकारियों का भी तबादला किया
प्रदेश सरकार ने सोमवार शाम को 44 एचसीएस अधिकारियों के तबादलों की सूची जारी की है। नगर निगम से कमिश्नर वीना हुड्डा और ज्वाइंट कमिश्नर संजय कुमार का तबादला हुआ है। सीटीएम शशि वसुंधरा को एसडीएम गुहला लगाया है। शुगर मिल के एसडी संजय अग्रवाल को एसडीएम चरखी दादरी लगाया है। उनकी जगह कैथल सीटीएम प्रदीप अहलावत को एमडी शुगर मिल लगाया है।
1.98 करोड़ के टेंडर घोटाले के मास्टरमाइंड को डबल पावर
शहर की सरकार निगम में 1.98 करोड़ के टेंडर घोटाले के मास्टरमाइंड एक्सईएन उमर फारुख का पानीपत से बाहर तबादला करना चाहती थी। उनका भी ट्रांसफर नोट में नाम था। इसी बीच शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 20 जून को नगर निगम एक्सईएन उमर फारुख को फरीदाबाद नगर निगम का अतिरिक्त चार्ज सौंप दिया। विभाग के आदेश पांच जुलाई को नगर निगम में लागू कर दिए गए।
निकाय विभाग के निदेशालय से जारी आदेशानुसार एक्सईएन उमर फारुख सोमवार व मंगलवार को फरीदाबाद नगर निगम में काम करेंगे। बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को पानीपत निगम कार्यालय में बैठेंगे। वहीं एमई अजीत गर्ग को जींद नगर निगम में अतिरिक्त चार्ज मिला है।
इधर एक्सईएन पुनिया और एक जेई को काम तक नहीं
एक्सईएन राहुल पुनिया का 14 जून को पानीपत नगर निगम में तबादला हुआ था। उन्होंने उसी दिन ज्वाइन कर लिया था। वे इसके बाद छुट्टी चले गए थे। उन्होंने 26 जून को छुट्टियों के बाद ज्वाइन कर लिया था। एक्सईएन राहुल पुनिया को अब तक काम करने के लिए एक भी वार्ड नहीं मिला है। उन्हें अपना कार्यालय तक नहीं मिला है। वे एमई के कार्यालय में ही बैठते हैं। इधर जेई मनोज का भी पानीपत नगर निगम में तबादला हुआ था। उनको भी अब तक काम नहीं मिल पाया है।
ये था टेंडर घोटाला
पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह ने गत दिनों मीडिया से रूबरू होकर नगर निगम में 1.98 करोड़ के टेंडर घोटाले को उजागर किया था। एक्सईएन उमर फारुख के डोंगल पर वार्ड-5 के विजय नगर में गली और नालियों का टेंडर लगाया गया था। टेंडर को गलत नीयत से सात बार री-शेड्यूल किया गया। टेंडर ब्रांच के कर्मी भी मिले हुए थे। यह काम शिव शक्ति कंपनी को गया था। इसे 21 प्रतिशत प्रॉफिट में दिया गया। जबकि इसके साथ लगाए 48 करोड़ के अधिकतर टेंडर 10 प्रतिशत तक घाटे में जारी किए। पूर्व मेयर का आरोप है कि अधिकारी सीधे तौर पर 60 लाख रुपये डकारना चाहते थे।
सांसद व मेयर का पहला और जिले का सबसे बड़ा ट्रांसफर नोट
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन और जिला प्रभारी अजय गौड़ की अध्यक्षता में 22 जून को जीटी रोड स्थित एक होटल में एक बैठक रखी थी। जिसमें मेयर अवनीत कौर और भाजपा के 23 पार्षद शामिल हुए थे। पार्षदों ने एक सुर में नगर निगम में भ्रष्टाचार की आवाज उठाई थी। पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह ने सबूत तक दिखाए थे। सांसद संजय भाटिया, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा, शहर की विधायक रोहिता रेवड़ी, मेयर अवनीत कौर और जिलाध्यक्ष प्रमोद विज ने कमिश्नर वीना हुड्डा समेत पांच अधिकारियों के ट्रांसफर नोट पर साइन किए थे। जिला प्रभारी अजय गौड़ इस ट्रांसफर नोट को खुद सीएम के पास लेकर गए थे।
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नगर निगम में अनियमितताओं की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी। मैंने इससे संबंधित सभी सबूत भी दिखाए थे। भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नगर निगम में किसी तरह की लापरवाही नहीं होने दी जाएगी।
अवनीत कौर, मेयर।