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एसपी का नाम लेकर रखवाले वसूल रहेे थे रंगदारी, डीजीपी के सामने पर्दाफाश Panipat News

लूट की साजिश के आरोप में सीआइए इंचार्ज एसएचओ डीएसपी के गनमैन समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। सरपंच ने डीजीपी से शिकायत की तो मामले का पर्दाफाश हुआ।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 06:13 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 11:49 AM (IST)
एसपी का नाम लेकर रखवाले वसूल रहेे थे रंगदारी, डीजीपी के सामने पर्दाफाश Panipat News
एसपी का नाम लेकर रखवाले वसूल रहेे थे रंगदारी, डीजीपी के सामने पर्दाफाश Panipat News

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। चार पुलिसकर्मियों ने लूट की न सिर्फ साजिश रची, बल्कि पीडि़त से डेढ़ लाख रुपये की रंगदारी मांगी। उसमें एक लाख रुपये एसपी और 50 हजार डीएसपी को देने के लिए रुपये मांगा। जब डीजीपी से इसकी शिकायत की गई तो मामले का पर्दाफाश हुआ। डीजीपी के आदेश पर सीआइए वन के इंचार्ज महावीर सिंह, जठलाना के तत्कालीन एसएचओ ओमप्रकाश, डीएसपी रादौर के गनमैन जयपाल, गुमथला में बनी अस्थायी चौकी में तैनात पुलिसकर्मी राजीव साहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। थाना जठलाना पुलिस ने सभी पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

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दरअसल सरपंच कृष्ण मेहता ने डीजीपी को दी शिकायत में कहा कि उसे घरेलू कार्य के लिए चार लाख रुपये की जरूरत थी। डीएसपी रादौर का गनमैन जयपाल उसका जानकार था। उसने जयपाल से चार लाख रुपये मांगे। छह जून को जयपाल ने उसे फोन कर बताया कि सात जून को दोपहर 12 बजे तक पैसे मिल जाएंगे। पौने 11 बजे जयपाल अपने साथी के साथ मॉडल टाउन में बिकानो के सामने मिला और उन्हें चार लाख रुपये दे दिए। उसने जयपाल के सामने ही रुपये अपनी एक्टिवा की डिग्गी में रखे और गुमथला की ओर चल दिया।

11.35 पर ही हो गई लूट 
उन्होंने बताया कि 11 बजकर 35 मिनट परगुमथला में पेट्रोल पंप से दो सौ मीटर पहले ही एक बाइक पर दो युवक खड़े थे। दोनों ने उसकी एक्टिवा रोक ली और गर्दन पर चाकू रख लिया। आरोपितों ने एक्टिवा की चाबी उससे छीनी और डिग्गी से चार लाख रुपये निकाल कर बिना नंबर की बाइक पर फरार हो गए। लूट की सूचना उसने थाना जठलाना व कंट्रोल रूम में दी। कुछ देर में एसपी, डीएसपी रादौर, थाना प्रभारी ओमप्रकाश व सीआइए वन इंचार्ज महावीर अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ वहां पहुंच गए। बदमाशों का चाकू वहीं गिर गया था जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। 

मेडिकल करवाने के नाम पर सीआइए में धमकाया 
शिकायत में कहा गया है कि मेडिकल करवाने के नाम पर पुलिस उसे सीआइए स्टाफ लेकर गई जहां पर महावीर व अन्य पुलिस कर्मियों, डीएसपी रादौर, एसपी व डीएसपी जगाधरी और जयपाल गनमैन भी आ गए। मौके पर ही उनके बेटे हर्ष मेहता को भी बुला लिया। उन्हें धमकी दी गई कि यदि इस लूट के बारे में किसी से जिक्र न करे नहीं तो उसे ऐसे केस में फंसाएंगे की सारी उम्र जेल में सड़ते रहोगे। उनके बेटे हर्ष के ऊपर दबाव बनाकर लिखवा लिया कि उसका बाप पागल है। उनके व बेटे के कई जगह हस्ताक्षर भी करवाए। कृष्ण मेहता ने बताया कि वारदात के कुछ दिन बाद पुलिसकर्मी राजीव उसके पेट्रोल पंप पर आकर कहने लगा कि सीआइए वालों ने डेढ़ लाख रुपये मांगे हैं। इसमें से एक लाख रुपये एसपी को देने हैं जबकि बाकि 50 हजार रुपये डीएसपी को देने हैं। उसकी सीसीटीवी फुटेज भी है। 

झूठी शिकायत दी है : महावीर सिंह
सीआइए वन इंचार्ज महावीर सिंह का कहना है कि लूट की वारदात की सूचना मिलने पर मौके पर गए थे। वहीं पर सरपंच से पूछताछ की। इसके बाद वापस आ गए थे। हम उसे यहां लेकर नहीं आए। वह खुद ही यहां पर आया था। सरपंच बेवजह झूठे आरोप लगा रहा है। इस केस में जो भी बयान लिए वह जठलाना थाना प्रभारी ने लिए थे।

केस दर्ज कर लिया है : पृथ्वी सिंह
थाना जठलाना एसएचओ पृथ्वी सिंह का कहना है कि चार पुलिसकर्मियों समेत चार-पांच अन्य के खिलाफ लूट व साजिश रचने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।


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