Move to Jagran APP

जल को जहर बनाने वालों पर गिरे गाज, जिला परिषद में प्रस्‍ताव पास Panipat News

जिला परिषद के सदन में पार्षदों की बैठक हुई। बैठक में दैनिक जागरण में प्रकाशित जल जहर अभियान की खबरों को दिखाते हुए उद्योगों पर कार्रवाई की बात कही गई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 02:13 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 02:14 PM (IST)
जल को जहर बनाने वालों पर गिरे गाज, जिला परिषद में प्रस्‍ताव पास Panipat News

पानीपत, जेएनएन। शहर की सरकार के बाद जिला परिषद के सदन में भी पानीपत के जहरीले पानी का मुद्दा उठा। वार्ड-14 के पार्षद देव मलिक ने दैनिक जागरण के जल जहर अभियान में प्रकाशित कई ग्राउंड रिपोर्ट सदन में रखकर जहरीले होते पानी की हकीकत से सबको रूबरू कराया। उन्होंने इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) और इससे संबंधित दूसरे अधिकारियों को सीधे रूप से दोषी ठहराया। पीसीबी के एसडीओ ने सफाई दी, लेकिन सदन ने उनको भी घेर लिया। सदन ने एकमत होकर ऐसे उद्योगों पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास किया। जिला परिषद की सीइओ सुमन भांखड़ ने प्रशासन के स्तर पर कार्रवाई करने की बात कही। 

loksabha election banner

पार्षद देव मलिक ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी को उद्योगों में प्रयोग करने के लिए देने की बात भी रखी। सीइओ ने कहा कि विशेषज्ञों से राय ली जाएगी। ऐसा संभव होता है तो इसको उद्योगों को दे दिया जाएगा। सदन में नैन गांव में गो अभयारण्य में गोवंश की मौत होने का मामला भी उठा। पार्षदों ने ढाई करोड़ रुपये की ग्रांट लगने के अधिकारियों के दावे पर सवाल खड़े किए।  

देरी से शुरू हुई बैठक
जिला परिषद की बैठक पांच महीने बाद शुक्रवार को लघु सचिवालय के द्वितीय तल पर तय समय से 36 मिनट देरी से 11:36 बजे शुरू हुई। अध्यक्षता चेयरपर्सन आशु शेरा और संचालन कार्यकारी अधिकारी सुमन भांखड़ ने किया। बैठक में सबसे पहले डीआरडीए, नरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना को जिला परिषद के अंतर्गत करने की बात रखी। सदन ने इसका स्वागत किया। इसके बाद जल शक्ति अभियान व जल शक्ति मिशन की बात रखी। एओ संजीव दहिया ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। 

 panipat

गो अभयारण्य पर अधिकारियों को घेरा 
जिला पार्षदों ने नैन गांव स्थित गो अभयारण्य पर अधिकारियों को घेरा। एओ संजीव दहिया ने बताया कि गो अभयारण्य पर ढाई करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस पर वार्ड-2 के पार्षद विनय गुप्ता ने सवाल उठाते हु्ए कहा कि वे मौका देख चुके हैं। उनको नहीं लगता कि वहां इतना पैसा खर्च किया होगा। शेड के नीचे सर्दी व गर्मी से बचाने के कोई प्रबंध नहीं हैं। सैकड़ों गोवंश की मौत हो चुकी है। बरसात में स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इतने बड़े प्रोजेक्ट में कोई निगरानी कमेटी तक नहीं बनाई गई। यह सब घपला है। सदन ने इसकी जांच कराने की मांग उठाई। चेयरपर्सन आशु शेरा ने भी गो अभयारण्य पर चिंता जताई। एओ दहिया ने ग्रांट पर सफाई देते हुए कहा कि यह पैसा गोसेवा आयोग का है। जिला परिषद के पास केवल देखरेख की जिम्मेदारी है। इसकी ड्राइंग भी आयोग से बनकर आई थी। सीइओ सुमन भांखड़ ने कहा कि शेड इतनी ऊंचाई पर नहीं होने चाहिएं। प्रशासन गोवंश को बचाने की दिशा में काम कर रहा है। 

दो करोड़ का प्रस्ताव रखा, इसमें से एक करोड़ मंजूर 
एओ संजीव दहिया ने सदन में दो करोड़ रुपये के विकास कार्यों का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि जून महीने में आए एक करोड़ को खर्च करने की गाइड लाइन नहीं मिली है। उन्होंने सदन में दो करोड़ के प्रस्ताव पास करने की बात रखी। सदन ने एक करोड़ के प्रस्ताव ही पास करने पर सहमति जताई। मशीनें ठीक करवाकर हर वार्ड में दो-दो राउंड फॉगिंग कराने, वार्डों में दो-दो लाख का खेलों का सामान और 30-30 सोलर लाइट लगवाने का प्रस्ताव पास किया।

25 लाख शराब के टैक्स का आया 16 लाख की गाड़ी ले ली 
एओ संजीव दहिया ने कहा कि शराब के टैक्स में से 25 लाख रुपये की एक किस्त मिली है। जिप चेयरपर्सन की गाड़ी पिछले दिनों कंडम हो गई थी। निदेशालय ने इस राशि में से गाड़ी खरीदने को कहा। 31 मई को 16 लाख रुपये की गाड़ी खरीदी गई है। इसके अलावा सीइओ और डिप्टी सीइओ के लिए भी गाड़ी खरीदी जानी हैं। जिप ने पशुपालन विभाग को एक गाड़ी पशु उठाने के लिए दी है। इसका खर्च जिप वहन करता है। 

पार्षद साधते रहे, अधिकारी उन पर ही टालते रहे
जिला परिषद की बैठक में सभी विभागों के अधिकारी नहीं पहुंचे। सीइओ ने इस पर चिंता जताई और ऐसे अफसरों को नोटिस देने का फैसला लिया। अधिकारियों ने कहा कि 51 आंगनबाड़ी के लिए 3.56 करोड़ रुपये आया है। 21 पर प्रस्ताव बना था, लेकिन इनमें से भी तीन ही बन पाई हैं। बाकी की जगह नहीं है। एक आंगनबाड़ी पर 9.95 लाख रुपये खर्च किया जाना है। इसी तरह 17 बस क्यू शेल्टर बनाए जाने हैं। इनमें से 10 बाकी हैं। 

नाम लिखवाने पर जताया एतराज
पार्षद विनय गुप्ता ने अधूरे बस क्यू शेल्टर पर नाम लिखवाने पर एतराज जताया। वहीं 56 उप स्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत न होने पर भी ङ्क्षचता जताई। पार्षदों ने कहा कि सीएचसी व पीएचसी भी खस्ताहाल में हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग मरम्मत के लिए 22,800 रुपये देता है। डिप्टी सीएमओ डॉ. नवीन सुनेजा ने कहा कि इससे ज्यादा पैसा अधिक पास करने की पावर नहीं है। 

शहर की सरकार पार्षदों व सीईओ से ले सीख 
शहर की सरकार को जिला परिषद के सदन से सीख लेनी चाहिए। सदन में महिला पार्षदों के साथ उनके पति तो आए थे, लेकिन वे पीछे ही बैठे रहे। वार्ड-12 की पार्षद काजल गोस्वामी के न होने पर उनके पति प्रवीण गोस्वामी बात रखने लगे तो सीइओ सुमन भांखड़ ने उनको वापस बैठा दिया। उन्होंने कहा कि सदन में केवल पार्षदों को ही बोलने का अधिकार है। इसके अलावा भी दूसरी महिला पार्षद के पति ने आगे आकर बोलने की कौशिश नहीं की। वाइस चेयरपर्सन पुनीता छौक्कर के साथ उनके पति कृष्ण छौक्कर और बेटा भी आए थे। वे दोनों पीछे ही बैठे रहे। विदित है कि बृहस्पतिवार को नगर निगम हाउस की बैठक हुई थी। जिसमें महिला पार्षदों के पति और पिता ने कमान संभाली थी। 

बिजली गुल होने से पार्षद बेहाल, निगम से कोई नहीं आया 
जिला परिषद की बैठक से पहले ही लघु सचिवालय की बिजली गुल थी। बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद 11:45 बजे बिजली आई। छह मिनट में ही सप्लाई फिर ठप हो गई। इसके बाद 12:07 बजे फिर बत्ती गुल हो गई। यह 12:19 बजे आई। बिजली जाने के बाद अधिकारियों पर इंवर्टर से पंखे चलते रहे, जबकि पार्षद गर्मी में फाइलों से हवा करते रहे। 

बैठक की झलकियां

  • वार्ड-3 के पार्षद दयानंद उरलाना ने कहा कि उनके वार्ड में काम नहीं हो रहे, जबकि वे वहां से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। 
  • कई ग्राम पंचायत सरपंच जिला परिषद के बॉस बने हुए हैं। कई जगह पैसों का दुरुपयोग हो रहा है। 
  • फॉगिंग पर पार्षद बोले- मशीन तो खराब हैं। ठीक करने के लिए 20 हजार रुपये मांग रहे हैं। 
  • बीपीएल कार्ड और राशन न मिलने पर मुद्दा उठा। 
  • 1800 पंखों और बेंचों का हिसाब मांगा गया। 
  • लघु सचिवालय में कार्यालयों का समय सुबह 10 से सायं चार बजे तक कर दिया गया है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.