Move to Jagran APP

रेसलिंग में बंटी देशभक्ति, ऐसा क्या हुआ जो प्रशासन के छूटे पसीने

रेसलिंग के रिंग में फाइटरों के बीच माहौल गर्म था। वहीं दर्शकों के बीच भी कुछ ऐसा हुआ कि प्रशासन के पसीने छूट गए। फिर उठाया ऐसा कदम कि दर्शक हो गए खामोश।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:27 AM (IST)
रेसलिंग में बंटी देशभक्ति, ऐसा क्या हुआ जो प्रशासन के छूटे पसीने
रेसलिंग में बंटी देशभक्ति, ऐसा क्या हुआ जो प्रशासन के छूटे पसीने

जेएनएन, अंबाला/पानीपत: राजीव गांधी खेल स्टेडियम में सीडब्ल्यूई की फाइट में 25 देसी पहलवान और 10 विदेशी रेसलरों ने खिताबी जंग के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन आयोजकों ने पब्लिसिटी पाने के लिए देश की साख भी दाव पर लगा दी। 

loksabha election banner

कार्यक्रम के दौरान भारतीय रेसलर और पाकिस्तानी रेसलरों की टक्कर करवाई गई। कथित तौर पर बनाए गए पाकिस्तानी रेसलर ने रिंग में पहुंचने से पहले ही मैदान में आते ही पाकिस्तान का झंडा लहराते हुए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।

भड़क उठे दर्शक
इसके बाद जैसे ही हिंदुस्तानी रेसलर मौके पर पहुंचे तो कथित पाकिस्तानी रेसलरों ने उन्हें रिंग की तरफ धकेलना शुरू कर दिया। पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने से भीड़ आक्रोशित हो गई। 

 wrestling police

नारेबाजी के बाद दर्शकों के बीच में मौजदू रहे पुलिसकर्मी।

एसपी भी मौके पर पहुंचे
हंगामे को शांत करते हुए एसपी अशोक कुमार मौके पर पहुंचे और नारेबाजी रुकवाकर उग्र भीड़ को शांत किया। हालांकि आयोजकों ने इस दौरान एसपी अशोक कुमार को समझाने का प्रयास करते हुए नारेबाजी करने देने की बात कही, लेकिन एसपी ने नहीं सुनी और नारेबाजी रुकवा दी।

मामले की हो जांच
एडवोकेट ज्योति कौशल का कहना है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। कार्यक्रम में 95 फीसद युवा मौजूद थे। युवा वर्ग जल्दी गुमराह भी हो जाता है और भीड़ उग्र भी हो सकती थी। दंगे भी भड़क सकते थे। न केवल जांच करवाई जाए पब्लिक यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसा कहीं न हो। इसके अलावा इस मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज करवाया जा सकता है। सरकार को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए। जनता की जान को इस तरह पब्लिसिटी के लिए दाव पर नहीं लगवाया जा सकता।

रुकवा दी थी नारेबाजी: एसपी 
एसपी अंबाला अशोक कुमार का कहना है कि मैंने नारेबाजी रूकवा दी थी। इसके बाद मैंने पता भी किया पंचकूला में भी ऐसा किया गया यह इनके खेल का एक हिस्सा था लेकिन सब कुछ जानते हुए भी मैंने नारेबाजी बंद करवा दी थी ताकि भीड़ आक्रोशित न हो सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.