गन्ना नहीं आने से उद्घाटन के 14 घंटे बाद शुगर मिल 12 घंटे रहा बंद
शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के उद्घाटन के 14 घंटे बाद ही मिल में गन्ना खत्म हो गया। बुधवार सुबह पांच बजे बंद करा दिया गया। लगभग 12 घंटे तक मिल बंद रहा। शाम सवा पांच बजे दोबारा मिल चला। किसानों का दावा है कि पिछले 62 पेराई सत्र में पानीपत जिले में पहली बार ऐसा हुआ है कि गन्ना नहीं होने से मिल बंद हो गया। शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के उद्घाटन के 14 घंटे बाद ही मिल में गन्ना खत्म हो गया। बुधवार सुबह पांच बजे बंद करा दिया गया। लगभग 12 घंटे तक मिल बंद रहा। शाम सवा पांच बजे दोबारा मिल चला। किसान
जागरण संवाददाता, पानीपत : शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र के उद्घाटन के 14 घंटे बाद ही मिल में गन्ना खत्म हो गया। बुधवार सुबह पांच बजे बंद करा दिया गया। लगभग 12 घंटे तक मिल बंद रहा। शाम सवा पांच बजे दोबारा मिल चला। किसानों का दावा है कि पिछले 62 पेराई सत्र में पानीपत जिले में पहली बार ऐसा हुआ है कि गन्ना नहीं होने से मिल बंद हो गया। किसान प्यारेलाल ने बताया कि वह मंगलवार को मिल में दो ट्राली गन्ना लेकर आया था। एक ट्रॉली के कागजात तैयार होते ही उसे अनलोड करा कर भेज दिया। दूसरी ट्रॉली के कागजात नहीं बनने की वजह से ड्राइवर को रातभर मिल में ही रुकना पड़ा। किसान रेस्ट हाउस के गेट पर ताला लटका मिला। ड्राइवर को रातभर ट्रैक्टर की सीट पर ही बैठकर रात बितानी पड़ी। बुधवार दोपहर एक बजे दूसरी ट्रॉली खाली हुई। 14 घंटों में 7 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई मिल में पहले दिन 14 घंटे के पेराई कार्य के दौरान लगभग सात हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हुई। वहीं 8 ट्राली में मौजूद लगभग 800 क्विंटल गन्ना कर्मचारियों ने अनलोडर के पास ही डंप करा लिया। ताकि मिल दोबारा शुरू करते ही पेराई कार्य शुरू किया जा सके। बार-बार नो केन से मिल को नुकसान अधिकारियों की मानें तो नो केन की घोषणा होते ही मिल बंद करना पड़ता है। बार-बार सारी मशीनों और बॉयलर को दोबारा शुरू करने से मिल को नुकसान होता है। इसलिए गन्ने का स्टॉक मौजूद होने से पहले मिल दोबारा नहीं चलाने का फैसला लिया गया।