धुंध में सवारी गाड़ी की रफ्तार पर ब्रेक
फोटो संख्या-15 व 16 -रोहतक जींद ब्रांच लाइन पर ट्रेनों की अधिकतम गति 45 किमी -दिल्ली अंबाला मे
फोटो संख्या-15 व 16
-रोहतक जींद ब्रांच लाइन पर ट्रेनों की अधिकतम गति 45 किमी
-दिल्ली अंबाला मेन लाइन पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश
जागरण संवाददाता, पानीपत : रेलवे मुख्यालय ने धुंध के दौरान ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को लेकर कमर कस ली है। यात्री सुरक्षा के लिहाज से ब्रांच लाइन पर ट्रेनों की रफ्तार कम करने के आदेश जारी किए गए हैं। मेन लाइन पर भी रेल यातायात के दौरान सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि सर्दी के मौसम में ट्रेनों के परिचालन पर धुंध का अच्छा खासा असर पड़ता है। रेल विभाग इस असर को कम करने के लिए कदम भी उठाता है, लेकिन कुछ खास कामयाबी हासिल नहीं हो पाती है। इस सबको देखते हुए इस बार भी रेलवे ने धुंध से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। नार्दन रेलवे दिल्ली डिविजन की ऑपरेटिंग शाखा के आला अधिकारियों ने ट्रेनों के परिचालन को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली अंबाला मेन लाइन पर पैंसेजर ट्रेनें 60 किमी प्रति घंटा के रफ्तार से दौड़ेगी। ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली होने के बावजूद ट्रेनों के परिचालन के दौरान विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। रोहतक-पानीपत-जींद के बीच ब्रांच लाइन पर भी आधा दर्जन से अधिक ट्रेनें दौड़ती हैं। इन ट्रेनों की रफ्तार अब 50 किमी से घटा कर 45 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है। चालकों को हिदायत दी गई है कि धुंध के दौरान आदेशों का सख्ती से पालन करें। डयूटी में तनिक भी कोताही बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी।
ग्रीन में 60 की स्पीड
सिग्नल के आधार पर ट्रेनों की स्पीड निर्धारित होगी। ग्रीन सिग्नल पर चालक 60 की स्पीड से ट्रेन दौड़ाएंगे। दो पीला सिग्नल मिलने पर ट्रेन की रफ्तार आधी हो जाएगी। चालक अधिकतम 30 किमी की रफ्तार से ट्रेन चला सकेंगे। लेकिन एक पीला संकेत देने पर चालक को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। यह इस बात की ओर संकेत करेगा कि धुंध होने से ट्रेन को अत्यंत धीमी रफ्तार में आगे ले जाएं। ब्रांच लाइनों की ट्रेनों में यही संकेत उपलब्ध होगा।
फोकस दुरुस्त करने की हिदायत
रेलवे मुख्यालय से सिग्नल एंड टेलीकॉम मेंटेनर को भी दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसके अनुसार सिग्नलों के फोकस लाइट दुरुस्त करने की हिदायत दी गई है। धुंध के मौसम के दौरान एसएंडटी शाखा के रेलकर्मी पूरी तरह से इसका रख-रखाव करेंगे। धुंध से पहले मेंटीनेंस का कार्य 100 फीसद पूरा कर लिया जाएगा। सर्तकता बरतेंगे तो हादसे का सवाल ही नहीं उठेगा।
हेडलाइट की सफाई
इंजन के हेडलाइट में अब कोई तकनीकी फॉल्ट नहीं रहेगा। किसी तरह की खराबी आने पर लोको विंग तत्काल इसे दूर करने का प्रबंध करेगा। रेलवे लोको शाखा के कर्मचारियों को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं।