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धड़ल्‍ले से लिया जा रहा सेवानिवृत कर्मियों से काम, सीएम ने मांगी रिपोर्ट

हरियाणा में सेवानिवृत कर्मियों से धड़ल्‍ले से कार्य लिया जा रहा है और उनको पुनर्नियुक्ति दी जा रही है। इस पर सवाल उठाए जाने पर सीएम मनोहरलाल ने रिपोर्ट तलब की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 03:09 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 03:09 PM (IST)
धड़ल्‍ले से लिया जा रहा सेवानिवृत कर्मियों से काम, सीएम ने मांगी रिपोर्ट
धड़ल्‍ले से लिया जा रहा सेवानिवृत कर्मियों से काम, सीएम ने मांगी रिपोर्ट

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी धड़ाधड़ रि-इंप्लायमेंट (पुन रोजगार) हासिल कर रहे हैं। हर कैबिनेट मीटिंग में एक से दो दर्जन केस ऐसे आ रहे हैं, जो अधिकारियों व कर्मचारियों की रि-इंप्लायमेंट से जुड़े हैं। कैबिनेट अधिकतर केस हालांकि मंजूर कर रही है, लेकिन विपक्ष की आपत्ति के बाद सरकार ने इसकी समीक्षा का निर्णय लिया है।

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रिटायरमेंट के बाद भी अफसरों व कर्मचारियों को रि-इंप्लायमेंट

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने पिछले साढ़े चार में रि-इंप्लायमेंट के तमाम केसों की फाइलें तलब कर ली हैैं। मुख्य सचिव डीएस ढेसी के कार्यालय की सामान्य प्रशासन शाखा ने सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों से पिछले साढ़े चार साल यानी 27 दिसंबर 2018 तक दिए तमाम रि-इंप्लायमेंट केसों की जानकारी मांगी है। इस जानकारी को यथाशीघ्र भेजने के आदेश जारी किए गए हैैं।

रिटायर्ड कर्मचारियों को रि-इंप्लायमेंट दिए जाने से मुख्यमंत्री नाराज हैैं। उनका मानना है कि ऐसे मामलों से दूसरों का वाजिब हक मरता है। उन्होंने इन पर ब्रेक लगाने का संकेत दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव कार्यालय ने विभागाध्यक्षों से रि-इंप्लायमेंट हासिल कर चुके अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम, उनके पद, रिटायरमेंट की आयु, रि-इंप्लायमेंट मिलने की तारीख, प्रशासनिक विभाग द्वारा फाइल पर दी गई मंजूरी और कैबिनेट की मीटिंग में मिली मंजूरी की तारीख की पूरी डिटेल तलब की है।

रि-इंप्लायमेंट से पैदा हो रहा नई नौकरी व प्रमोशन का संकट

पिछली हुड्डा सरकार में भी अधिकारियों व कर्मचारियों को खूब रि-इंप्लायमेंट दी गई। तब भाजपा ने हुड्डा सरकार के रि-इंप्लायमेंट के फैसलों पर खूब सवाल खड़े किए थे। अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अभय चौटाला भाजपा सरकार द्वारा दी जा रही रि-इंप्लायमेंट पर सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, रि-इंप्लायमेंट के केस बढ़ने से नए युवाओं के सामने नौकरी का संकट तो पैदा हो रहा है, साथ ही निचले अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रमोशन पर भी असर पड़ रहा है। प्रदेश में हर साल करीब पांच हजार कर्मचारी रिटायर होते हैैं।

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बिना वेतन भी काम कर रहे रि-इंप्लायमेंट हासिल करने वाले कर्मचारी

हरियाणा में कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 58 साल है। पिछली हुड्डा सरकार ने इसे 60 साल कर दिया था, जिसे मनोहर सरकार ने घटाकर 58 साल कर रखा है। वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के नेतृत्व वाली कमेटी ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि विशेष केस में शर्तों के साथ विभागाध्यक्ष व तकनीकी पदों पर रिटायरमेंट आयु की 58 साल की कैप नहीं रहेगी, लेकिन प्रदेश में सैकड़ों मामले ऐसे हैं, जो रि-इंप्लायमेंट से जुड़े हैं। कुछ कर्मचारी तो बिना वेतन भी रि-इंप्लायमेंट हासिल कर गए हैैं, जबकि कुछ कर्मचारी पुरानी सेवा शर्तों पर अपने पुराने पदों पर रि-इंप्लायमेंट कर विभाग में बने हुए हैैं।

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