Move to Jagran APP

राशन देने पहुंचा पति तो पत्नी ने लौटाया, बोली- मुझे कोर्ट की ओर से तय गुजारा भत्ता चाहिए

वैवाहिक विवाद में गुजारा भत्ते में नकदी के बजाय राशन देने पति जब अपनी पत्नी के गांव पहुंचा तो पत्नी ने इससेे मना कर दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 11:25 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 12:23 PM (IST)
राशन देने पहुंचा पति तो पत्नी ने लौटाया, बोली- मुझे कोर्ट की ओर से तय गुजारा भत्ता चाहिए
राशन देने पहुंचा पति तो पत्नी ने लौटाया, बोली- मुझे कोर्ट की ओर से तय गुजारा भत्ता चाहिए

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। वैवाहिक विवाद में गुजारा भत्ते में नकदी के बजाय राशन देने पति जब अपनी पत्नी के गांव पहुंचा तो पत्नी ने इससेे मना कर दिया। पत्नी ने राशन लेने से इन्कार करते हुए कोर्ट द्वारा तय गुजारा भत्ता देने की मांग की। पत्नी ने आरोप लगाया कि उसका पति कोर्ट द्वारा तय 5000 गुजारा भत्ता देने में सक्षम है, लेकिन वह जानबूझकर नकदी के बजाय राशन देने का ड्रामा कर रहा है। 

loksabha election banner

मामला भिवानी जिले के अमित मेहरा का है, जिसका पत्नी से घरेलू विवाद चल रहा है। भिवानी कोर्ट ने अमित मेहरा को आदेश दिया था कि वह पत्नी को हर महीने पांच हजार रुपये गुजारा भत्ते के तौर पर दे और 11 हजार रुपये कोर्ट खर्च भी दे। अमित मेहरा ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि वह नकदी के बजाय पत्नी को गुजारे के लिए घर का राशन दे सकता है।

याची ने कोर्ट को बताया कि वह पहले एक कंपनी में काम करता था, जो अब कंपनी बंद हो गई। ऐसे में अब वह पैसे नहीं दे सकता। उसने कहा कि वह अपनी पत्नी को 20 किलो चावल, पांच किलो चीनी, पांच किलो दाल, 15 किलो अनाज, पांच किलो देसी घी हर माह देने के अलावा दो किलो दूध रोजाना दे सकता है। इसके अलावा वह हर तीन महीने बाद पत्नी को तीन सूट सिलवा कर देगा।

हाई कोर्ट ने याची की मांग स्वीकार करते हुए आदेश दिया था कि वह तीन दिन के भीतर यह सामान अपनी पत्नी को दे। साथ में गुजारा भत्ते का पिछला भुगतान अदा कर अगली सुनवाई पर हलफनामा देकर जानकारी दे। कोर्ट के इस आदेश के बाद जब याची अपनी पत्नी के गांव उसे यह सामान देने गया तो उसकी पत्नी ने यह सामान लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद पत्नी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि उसका पति कोर्ट द्वारा तय 5000 रुपये गुजारा भत्ता देने में सक्षम है।

पत्नी ने कोर्ट को बताया कि उसे मारा पीटा जाता था और उसको घर से निकाला गया व बच्चों को जबरन दादा-दादी के पास चंडीगढ़ भेज दिया है। उसका पति एक कंपनी में नौकरी करता हैं और 40 हजार रुपये वेतन लेता है। फिर भी उससे दहेज की मांग करता है। इस पर याची की तरफ से बताया गया कि बच्चे अपनी मर्जी से दादा-दादी के पास चंडीगढ़ रह रहे हैंं और वहां पढ़ रहे हैं। उसकी पत्नी लडाकू स्वभाव की है और अपनी मर्जी से घर छोड़कर गई थी। वह गांव में अपनी पुश्तैनी जमीन व घर की देखभाल करता है।

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि 5000 रुपये याची की हैसियत के अनुसार ज्यादा नहीं है। वह यह भी स्वीकार कर रहा है कि गांव में उसकी पुश्तैनी जमीन व घर हैं, इसलिए उसकी 5000 रुपये गुजारा भत्ता देने के फैमली कोर्ट के आदेश को रद करने की मांग उचित नहीं है। हाईकोर्ट उसकी यह मांग खारिज करता है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.