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सीएमओ के आदेश पर मचा बवाल, वेलफेयर एसोसिएशन ने किया विरोध

सिविल सर्जन पंचकूला के आदेश पर बवाल खड़ा हो गया है। सिविल सर्जन द्वारा आदेश दिया गया है कि बाहर से आने वाले लोगों की सूचना वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दी जाए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 05:19 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 06:14 AM (IST)
सीएमओ के आदेश पर मचा बवाल, वेलफेयर एसोसिएशन ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, पंचकूला

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सिविल सर्जन पंचकूला के आदेश पर बवाल खड़ा हो गया है। सिविल सर्जन द्वारा आदेश दिया गया है कि बाहर से आने वाले लोगों की सूचना वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। इस पर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरपी मल्होत्रा, वरिष्ठ उपप्रधान भारत हितेषी, महासचिव एमसी सेठी, वित्त सचिव एनके शर्मा, उपप्रधान संजीव गोयल, योगेंद्र क्वात्रा, एचसी गेरा, संगठन मंत्री बीआर मेहता, सचिव उपेंद्र पाठक और प्रेस सचिव विजय गुप्ता ने कोरोना वायरस के चलते जिला प्रशासन को अपनी सक्रिया सहायता का आश्वासन दोहराते हुए कहा है कि इस महामारी में पिछले दो महीने में पंचकूला की समस्त रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों ने जिला प्रशासन को सहयोग दिया है और आगे भी जारी रहेगा। आरपी मल्होत्रा ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बाहर से आने वाले यात्रियों की सूची प्रदान करने की जिम्मेदारी एसोसिएशनों पर डालना बिल्कुल अनुचित है और वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा इस आदेश का कार्यानवयन करना असंभव है। पंचकूला के चीफ मेडिकल ऑफिसर ने 28 मई के आदेश में पंचकूला की समस्त वेलफेयर एसोसिएशनों को निर्देश दिए थे कि पंचकूला में दूसरे जिलों, राज्यों से हवाई जहाज, ट्रेन, बस, टैक्सी या निजी वाहनों से आने वाले यात्रियों की सूचना दें। वेलफेयर एसोसिएशन अपने-अपने सेक्टर या सोसायटी में बाहर से आए लोगों की सूचना हर रोज दें।

बाहर से आने वालों पर नजर रखना संभव नहीं

भारत हितैषी ने कहा कि लॉकडाउन या अनलॉक वन के तहत जब सब कुछ खुल चुका है और अंतर जिला और अंतर राज्य आवाजाही की छूट दे दी गई है, तो इतनी बड़ी आबादी में बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखना व्यवहारिक ही नहीं है। मल्होत्रा और भारत हितेषी ने कहा कि जब बस, ट्रेन और हवाई जहाज की ऑनलाइन बुकिग हो रही है, तो सरकार को स्वयं ही संबंधित अधिकारियों से संपर्क करके इस बारे में सूचना लेनी चाहिए, न की जिम्मेदारी वेलफेयर एसोसिएशनों पर डालनी चाहिए।


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