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वार्डबंदी फाइनल, कुछ खुश तो कुछ लोगों के माथे पर खिंची लकीरें

चुनाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से वार्डबंदी फाइनल कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 09:03 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:18 AM (IST)
वार्डबंदी फाइनल, कुछ खुश तो कुछ लोगों के माथे पर खिंची लकीरें

राजेश मलकानियां, पंचकूला : नगर निगम चुनाव के लिए जिला प्रशासन की ओर से वार्डबंदी फाइनल कर दी गई है। वार्डबंदी फाइनल होते ही राजनीतिज्ञ भी सक्रिय हो गए हैं। चुनाव लड़ने वालों की धड़कनें तेज हो गई हैं। कुछ लोग वार्ड की रूपरेखा से खुश हैं, जबकि कुछ के माथे पर लकीरें खिंच गई हैं। इस चुनाव में तीन लाख 17476 लोग अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। कुल 20 वार्ड बनाए गए हैं। प्रत्येक वार्ड को आबादी के हिसाब से बांटकर बनाया गया है। इनमें वार्ड नंबर 2 सबसे कम लगभग 13216 की आबादी तथा वार्ड नंबर 4 में सबसे अधिक 18952 आबादी है। अब नगर निगम पंचकूला की वार्डबंदी के लिए कच्चा प्रारूप तैयार सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। दरअसल वार्डबंदी की एडहॉक कमेटी की पहली बैठक सात अगस्त को बुलाई गई थी, जिसमें वार्डो को लेकर सदस्यों द्वारा कुछ सुझाव अधिकारियों को दिए गए थे। जिसके बाद अधिकारियों ने बदलाव का आश्वासन दिया था और फिर रविवार को दोबारा बैठक हुई। शाम पांच बजे बैठक बुलाई गई, जिसकी पंचकूला के उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने अध्यक्षता की। बैठक में नगर निगम आयुक्त महावीर सिंह, एसडीएम रिचा राठी, नगराधीश धीरज चहल, संयुक्त आयुक्त संयम गर्ग, कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह, पूर्व पार्षद सीबी गोयल, पूर्व नगर परिषद उपप्रधान बीबी सिगल, पूर्व पार्षद लिली बावा, कांता देवी, भाजपा महामंत्री हरेन्द्र मलिक, अधीक्षक कृष्ण कुमार, सहायक संजय खन्ना व पायल सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सेक्टर-19 अकेला वार्ड बनना चाहिए

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पूर्व प्रधान रविद्र रावल ने बताया कि सेक्टर-19 अकेला एक वार्ड बनना चाहिए था। अब अभयपुर को 19 के साथ लगाया है, जबकि आधा सेक्टर 19 काटकर सेक्टर-14 एवं फेज-1 के साथ लगा दिया, जोकि बिल्कुल गलत है। सेक्टर-19 एक वार्ड बन सकता था। सेक्टर-4 को दो हिस्सों में बांट दिया। आधा सेक्टर देवीनगर और सेक्टर-23, 24 और 25 के साथ मिला दिया, जबकि आधे सेक्टर-4 को 11 के साथ मिला दिया। सेक्टर-4 अकेला एक वार्ड बन सकता था। सेक्टर-11 एवं 14 को एक वार्ड अलग बना सकते थे। सेक्टर-2 के साथ अन्याय किया गया, जिसे खड़क मंगोली के साथ मिला दिया, जोकि कॉलोनी की आबादी है और इसके रिजर्व होने की संभावना है। यह बने नए वार्ड

वार्ड-1 : महादेव कॉलोनी, सकेतड़ी, एमडीसी सेक्टर-2, एमडीसी सेक्टर-6 व भैंसा टिब्बा

वार्ड-2 : एमडीसी सेक्टर-4, 5, एमडीसी अपार्टमेंट, स्वास्तिक विहार व सेक्टर-6

वार्ड-3 : सेक्टर-7, 16, 17 व 18

वार्ड-4 : सेक्टर-8, 9 व 10

वार्ड-5 : सेक्टर-15

वार्ड-6 : राजीव कॉलोनी का पार्ट बी 165 से 170

वार्ड-7 : बुढ़नपुर, इंदिरा कॉलोनी तथा राजीव कॉलोनी का पार्ट बी-171 से 174 तक

वार्ड-8 : अभयपुर व सेक्टर-19 के बूथ 200 से 205 तक

वार्ड-9 : हाउसिग बोर्ड कॉलोनी, सेक्टर-19 के बूथ 199, औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 व 2, बेल कॉलोनी सेक्टर-14, अपार्टमेंट एंड सेक्टर-14 गवर्नमेंट क्वार्टर एवं हाउसिंग बोर्ड कांप्लेक्स

वार्ड-10 : सेक्टर-12, रैली, 12ए

वार्ड-11 : सेक्टर-11, 4 के बूथ 245 से 247, 249, 252, व हरीपुर

वार्ड-12 : खड़क मंगोली, सेक्टर-5, 2, 1 व गांव माजरी

वार्ड-13 : महेशपुर व सेक्टर-21

वार्ड-14 : सेक्टर-20 व फतेहपुर

वार्ड-15 : कुंडी व सेक्टर-20 व 20 का पार्ट 2 व आशियाना

वार्ड-16 : चंडीमंदिर, बीड़ घग्गर, चौकी, नाडा साहिब

वार्ड-17 : सेक्टर-4 के बूथ 244, 253 से 255 व सेक्टर-3 एवं 23, 24 एवं 25

वार्ड-18 : सेक्टर-26, 27 व मदनपुर एवं 28

वार्ड-19 : मोगीनंद, पुलिस लाइन, किशनगढ़ ट्रिब्यून कॉलोनी, मित्र कॉलोनी, रामगढ़, बिला, जसवंतगढ़, मान्कया व भानू

वार्ड-20 : दबकौरी, टोका, सुखदर्शनपुर, कोट, खंगेसरा, बेहड़, अलीपुर, मट्टांवाली, नग्गल, खटौली, जलौली मेरी इच्छा तो मेयर चुनाव लड़ने की है, क्योंकि दो बार मैं खुद और एक बार मेरी धर्मपत्नी चंद्रकांता पार्षद रह चुकी हैं। हम जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे हैं। सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक संस्थाओं से जुड़े हैं। लेकिन एक बात साफ है कि पार्टी का जो निर्देश होगा, उसका पालन होगा।

-सीबी गोयल, पूर्व पार्षद, भाजपा सरकार की मर्जी से वार्ड बने हैं। मुझे वार्डबंदी से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि मैंने सीधे मेयर का चुनाव लड़ना है। मेयर चुनाव लड़ने के लिए मेरी पूरी तैयारी है।

-उपिद्र कौर आहलुवालिया, पूर्व मेयर, पंचकूला वार्डबंदी पूरी तरह गलत की गई है। इसमें पूरी तरह सत्तारुढ़ दल का दखल रहा है। अभी पार्टी नेतृत्व को अवगत करवाकर पूरी रणनीति तय की जाएगी। वार्डबंदी के खिलाफ अपनी आपत्तियां दर्ज करवाएंगे। अगर फिर भी वार्डबंदी को ठीक नहीं किया गया, तो न्यायालय के दरवाजे खुले हैं।

-रविद्र रावल, पूर्व नगर परिषद प्रधान जिसकी सरकार होती है, वह अपने ढंग से वार्डबंदी करती है, लेकिन हमने सेक्टर-10 और 11 जोकि बहुत ही बेहतरीन वार्ड था और उसमें अच्छे काम किए हैं, कुछ योजना थी, जोकि आने वाले 5 वर्षो में विकास करना था, जो हमारा सपना अधूरा रह जाएगा। मेरा चुनाव लड़ना निश्चित है।

-ओमवती पुनिया, पूर्व पार्षद


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