एन्हांसमेंट के 3500 करोड़ वसूलने को सरकार का फिर एकमुश्त छूट का दांव
हरियाणा सरकार एन्हांसमेंट बकाये रकम की वसूली के लिए एकमुश्त छूट देने पर विचार कर रही है। 3500 करोड़ रुपये वसूलने के लिए वह फिर से 40 फीसद छूट देने पर विचार कर रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार 40 हजार सेक्टरवासियों से एन्हांसमेंट के करीब 3500 करोड़ रुपये वसूलने के लिए उन्हें फिर से 40 फीसद छूट देने पर विचार कर रही है। हालांकि सरकार के पास एन्हांसमेंट की दोबारा गणना कराने का विकल्प भी है। सरकार को उम्मीद है कि इस छूट से बकाया वसूली में आसानी होगी और लाेगों का विरोध भी कम होगा।
संघर्ष समिति के दोनों गुटों के साथ पांच घंटे चली बैठक में नहीं बन पाई सर्वसम्मति
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और एन्हांसमेंट संघर्ष समितियों के दो गुटों का प्रतिनिधित्व कर रहे लोगों के बीच बैठक में इस पर चर्चा हुई। सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, भाजपा प्रवक्ता रमन मलिक, आइएएस अधिकारी एके सिंह और जे गणेशन की मौजूदगी में करीब पांच घंटे चली इस बैठक में हालांकि कोई सर्वसम्मति नहीं बनी, लेकिन सरकार ने तमाम विकल्पों पर विचार-विमर्श करने का भरोसा दिलाया।
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आंदोलनकारियों ने अफसरों के समक्ष पेश किए तमाम विकल्प, सरकार का रुख भी नरम
प्रदेश सरकार ने 65 हजार लोगों को नोटिस देकर एन्हांसमेंट व ब्याज के करीब 4200 करोड़ रुपये की वसूली का प्रयास किया था। इसके लिए एकमुश्त राशि जमा कराने पर 40 फीसद छूट की सुविधा भी दी गई। इस पर करीब 25 हजार लोगों ने 850 करोड़ रुपये जमा करा दिए, जबकि 40 हजार लोगों पर 3350 करोड़ रुपये बकाया हैं। एन्हांसमेंट संघर्ष समिति के प्रधान कुलदीप वत्स के अनुसार कोर्ट के फैसले के बाद दिए गए नोटिसों का ब्याज माफ किया जाना चाहिए। सरकार ईडब्ल्यूएस फ्लैटों पर एन्हांसमेंट लोगों से नहीं लेने की मांग पर भी तैयार नहीं है। लेस कन्वीड की बात भी नहीं मानी गई।
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हरियाणा स्टेट सेक्टर कन्फेडरेशन के प्रदेश संयोजक यशवीर मलिक का कहना है कि कुछ मुद्दों पर सैद्धांतिक सहमति बनी है, लेकिन फाइनल अप्रूवल मुख्यमंत्री मनोहर लाल देंगे। सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने सुझाव रखा कि जिन बिंदुओं पर विवाद होगा उसके निपटारे के लिए हाई कोर्ट के तीन जजों का पैनल नियुक्त किया जा सकता है। जैन के इस सुझाव पर यशवीर मलिक ने भी पैनल के नाम सुझाए, जिसे अभी माना नहीं गया है। राजीव जैन के अनुसार सभी मांगों को सीएम के समक्ष रखा जाएगा। तभी अंतिम फैसला होगा।