वार्डबंदी एडहॉक कमेटी पर बवाल, विपक्ष ने उठाए सवाल
नगर निगम पंचकूला की वार्डबंदी के लिए जिला उपायुक्त द्वारा बनाई गई एडहॉक कमेटी पर बवाल शुरू हो गया है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला
नगर निगम पंचकूला की वार्डबंदी के लिए जिला उपायुक्त द्वारा बनाई गई एडहॉक कमेटी पर बवाल शुरू हो गया है। कमेटी में भाजपा के तीन सदस्यों को शामिल करने पर विपक्षी दलों ने सरकार और प्रशासन को घेरते हुए वार्डबंदी में पक्षपात होने के आरोप लगाए हैं। विपक्ष नेताओं का कहना है कि भाजपा अपने चहेतों के लिए वार्डबंदी में हेरफेर कर सकती है और दूसरी पार्टी के विजयी होने वाले वार्डों को आरक्षित करने की कोशिश कर सकती है। वार्डबंदी के लिए बनाई गई एडहॉक कमेटी में सत्तारूढ़ दल के तीन सदस्यों को शामिल करना नियमों के खिलाफ है। पहले भी वार्डबंदी के लिए कमेटी बनी लेकिन उसमें सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों को स्थान दिया जाता रहा है। मैंने मुख्यमंत्री और स्थानीय निकाय मंत्री को पत्र लिखकर एक ऐसी कमेटी का गठन करने की मांग की है, जिसमें सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधि शामिल हो।
(सीमा चौधरी, पूर्व प्रधान, नगर परिषद पंचकूला)
यह कमेटी वार्डबंदी में हेरफेर करके अपने पसंदीदा लोगों के लिए उनके हिसाब से वार्ड बनवाने की कोशिश करेगी। साथ ही जहां पर अन्य पार्टियों के जीतने वाले उम्मीदवार हैं, उनके क्षेत्रों को भी आरक्षित करने का प्रयास किया जा सकता है। जिस प्रकार वार्डबंदी के लिए भाजपा के तीन लोगों को कमेटी में शामिल कर लिया गया, इससे स्पष्ट है कि भाजपा की नीति और नियत दोनों में ही खोट है। (रंजीता मेहता, प्रवक्ता, हरियाणा कांग्रेस) पंचकूला उपायुक्त ने जजपा, इनेलो, आम आदमी पार्टी एवं बसपा जैसी प्रतिष्ठित पार्टियों के प्रतिनिधियों को वार्डबंदी कमेटी में शामिल न करके अलोकतांत्रिक कार्य किया है। इस तरह के अधिकारी अच्छा कार्य कर रही गठबंधन सरकार की छवि को धूमिल कर रहे हैं। सरकार की छवि को दाग लगाने वाले अधिकारियों को तुरंत स्थानांतरित किया जाए।
(मनोज अग्रवाल, प्रधान, पंचकूला विधानसभा अध्यक्ष, जननायक जनता पार्टी) इस कमेटी का गठन नगर निगम एक्ट के प्रावधान के विरुद्ध है। क्योंकि नगर निगम ने इसे पंचकूला निगम से कालका व पिजौर क्षेत्र को निकालने के बाद जारी किया है। पंचकूला की अधिसूचना पर जनता से न तो ऑब्जेक्शन मांगे न ही जनसंख्या का स्पॉट डाटा कलेक्ट किया। इस निर्णय का विरोध करूंगा और जरूरत पड़ी, तो इसे न्यायिक चुनौती भी दूंगा।
(रविद्र रावल, पूर्व प्रधान, नगर परिषद, पंचकूला) हरियाणा सरकार ने पंचकूला में जल्द चुनाव करवाने के लिए प्रोसेस शुरू किया है। शहर को चुने हुए प्रतिनिधि मिलेंगे, इसका रास्ता साफ हो गया। कमेटी में दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रतिनिधियों को लिया गया है। जजपा का अभी पंचकूला में कोई चुना हुआ प्रतिनिधि नहीं है, इसलिए उन्हें मौका नहीं मिल पाया है। कांग्रेस और भाजपा के अलावा शहर में किसी अन्य पार्टी का कोई वजूद नहीं है। यह एक बैलेंस कमेटी बनाई है।
(सीबी गोयल, सदस्य, एडहॉक कमेटी, वार्डबंदी) यह अच्छी बात है कि शहर में नए नगर निगम चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू हो रही है, लेकिन सभी दलों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की राय भी बहुत अहमियत रखती है। वार्डबंदी में एक सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल होना चाहिए था, क्योंकि एरिया बांटते समय वार्ड में ऐसे एरिया का कुछ हिस्सा रख दिया जाता है, जोकि वार्ड से दूरी पर होता है और फिर चुने हुये प्रतिनिधि उस क्षेत्र के लोगों को अहमियत नहीं देते।
(भारत हितैषी, चेयरमैन, हाउस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 10 पंचकूला)