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केंद्रीय मंत्री कटारिया का संकेत- रबी फसलों की MSP बढ़ाएगी सरकार, हरियाणा के किसानों को होगा लाभ

केंद्रीय जल शक्ति राज्‍यमंत्री रतनलाल कटारिया ने संकेत दिया है कि केंद्र सरकार रबी फसलाें के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में वृद्धि करेगी। इससे किसानों का कृषि विधेयकों को लेकर भ्रम दूर हो जाएगा। उनके आंदोलन स्‍वत समाप्‍त हो जाएंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 02:05 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 02:05 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री कटारिया का संकेत- रबी फसलों की MSP बढ़ाएगी सरकार, हरियाणा के किसानों को होगा लाभ
नई दिल्‍ली के हरियाणा भवन में पत्रकारों से बात करते रतनलाल कटारिया और सांसद नायब सैनी।

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने सोमवार को संकेत दिया कि केंद्र सरकार अक्टूबर के पहले माह में रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाएगी। इससे हरियाणा और पंजाब के किसानों को भी काफी लाभ होगा। कटारिया ने कहा कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जब रबी की फसलों की सरकारी खरीद के लिए एमएसपी बढ़ा देगी तो किसान आंदोलन भी समाप्त हो जाएंगे।

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कटारिया ने कहा- रबी की फसल का एमएसपी बढ़ने के साथ ही खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन

उन्होंने कहा कि एमएसपी या मंडी व्यवस्था पर अभी तक किसानों के बीच कांग्रेस का भ्रामक प्रचार खत्म होने में सिर्फ 10 से 15 दिन का समय लगेगा। कटारिया नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान संसद में पारित हुए कृषि विधेयकों को किसान हित में बताया। कटारिया के साथ हरियाणा से भाजपा सांसद नायब सैनी भी मौजूद थे।

किसानों के हर भ्रम को तथ्यों से दूर करेंगे भाजपा सांसद

जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया का कहना है कि कांग्रेस कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के बीच भ्रामक प्रचार कर रही है। इन सभी भ्रम और गलत प्रचार का भाजपा सांसद तथ्यात्मक जबाव देने के लिए किसानों के बीच जाएंगे। भाजपा के सांसद तथ्‍यों से किसानों की आशंकाओं को दूर करेंगे। उन्होंने बताया कि कृषि विधेयकों से किसानों की आमदनी दोगुनी करने का रास्ता साफ होगा। कटारिया ने साफ किया कि कृषि विधेयकों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे मंडी व्यवस्था और एमएसपी खत्म हो जाए।

इन आशंकाें को तथ्‍याें से दूर करेंगे भाजपा सांसद-

- आशंका: ये विधेयक किसानों को उद्योगपतियों के खिलाफ कोई न्यायिक सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।

- तथ्य: ये विधेयक किसानों को एक ऐसा विवाद निवारण तंत्र उपलब्ध कराते हैं जहां किसान किसी भी विवाद की स्थिति में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के पास जा सकता है। कोई भी राशि बकाया होने की स्थिति में किसानों की जमीन पर कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार ये विधेयक नहीं देते।

- आशंका: ये विधेयक किसानों को उनकी जमीन में बंधुआ मजदूर बना देंगे और किसानों की जमीन उद्योगपतियों की हो जाएगी।

- तथ्य: ये विधेयक किसानों की जमीन को बेचने, लीज पर देने पर और किसानों को बंधक बनाने पर रोक लगाएंगे। जमीन के मालिकाना हक या किसान के जमीन में स्थायी बदलाव पर रोक लगाएंगे।

- आशंका: ये विधेयक राज्यों के कृषि राजस्व में अवरोध पैदा करेंगे।

- तथ्य: मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही चलती रहेगी। ये विधेयक किसानों को खेत के पास मंडी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे किसानों के यातायात शुल्क में कमी आएगी।

- आशंका: कृषि राज्य सूची का विषय है, इसलिए ये विधेयक गैरकानूनी हैं। इनसे किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाने की बजाये यह सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ के लिए है।

- तथ्य: संविधान की सातवीं अनुसूची में इस बाबत उल्लेख है कि राष्ट्रीय हित में केंद्र सरकार इस क्षेत्र में कानून बना सकती है। इन विधेयकों से किसानों को अधिकतम आय सुनिश्चित करने समेत कई फायदे होंगे।

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