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Ashok Khemka: आइएएस अफसर अशोक खेमका का ट्वीट बम, सियासी दलों की मुफ्त रेवड़ियों पर उठाए सवाल

Ashok Khemka हरियाणा के वरिष्‍ठ आइएएस अधिकारी अशोक खेमका ने एक बार फिर ट्वीट बम फोड़ा है। अशोक खेमका ने अब राजनीतिक दलोंं द्वारा चुनाव के समय मुफ्त की घोषणाएं करने पर सवाल उठाया है। खेमका के इस ट्वीट से हलचल मच गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 09:41 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 09:12 AM (IST)
Ashok Khemka: आइएएस अफसर अशोक खेमका का ट्वीट बम, सियासी दलों की मुफ्त रेवड़ियों पर उठाए सवाल
हरियाणा के सीनयिर आइएएस अफसर अशोक खेमका। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Ashok Khemka: हरियाणा के चर्चित आइएएस अधिकारी अशोक खेमका ने इस बार फिर ट्वीट बम फोड़ा है। खेमका अक्‍सर विभिन्न मुद्दों पर ट्वीट के जरिए अपनी बात रखकर सियासी गलियारों और अफसरशाही में हलचल पैदा करते रहते हैं। इस बार उन्‍होंने राजनीतिक पार्टियों के मु्फ्त चुनावी वादों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि चुनाव में कुछ राजनीतिक दल मुफ्त रेवड़ी का वादा करते हैं। क्या यह रेवड़ी मुफ्त होती है या फिर इसकी कीमत जनता को चुकानी पड़ती है। थोड़ा बोझ तो वादा करने वालों को भी अपनी जेब से उठाना चाहिए।

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आम आदमी पार्टी से जोड़कर देखा जा रहा खेमका का ट्वीट

खेमका के इस ट्वीट को आम आदमी पार्टी पर हमले से जोड़कर देखा जा रहा है जो मुफ्त बिजली-पानी की बात करती है। हालांकि पिछले दिनों यह चर्चाएं भी उड़ी थी कि खेमका स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। खेमका ने अब जिस तरह मुफ्त रेवड़ी के बहाने राजनीतिक दलों पर जुबानी हमला बोला है, उससे उनके आप में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है।

कहा, थोड़ा बोझ तो वादा करने वालों को भी अपनी जेब से उठाना चाहिए

खेमका ने लिखा है कि  थोड़ा बोझ तो वादा करने वालों को भी अपनी जेबों से उठाना चाहिए। अशोक खेमका के ट्वीट को लेकर इंटरनेट मीडिया पर यूजर्स अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर्स ने उन्हें टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा कि ‘फिर तो यह भी बता दीजिए जनाब कि अंबानी और अडानी के लोन माफ करने और फायदा पहुंचाने के लिए जिम्मेदार आइएएस अधिकारी और नेता, सबको टांगा जाना चाहिए। उनकी संपत्ति भी जब्त करनी चाहिए लेकिन ये तो हो नहीं रहा।'

एक अन्य यूजर्स ने री-ट्वीट किया कि 'सर आपके अनुसार मुफ्त रेवड़ी है क्या? जरा खुलकर बताइये।' एक यूजर्स ने लिखा कि खेमका जी बुरा मत मानिएगा, लेकिन सत्य यह है कि नियम कानून तोड़ने-मरोड़ने और आकाओं को अपनी चापलूसी से खुश करने के लिए सबसे आगे दुम हिलाने वाली एक ही सेवा है और वह है आइएएस।

गौरतलब है कि राजनीतिक दलों की नीतियों और सिस्टम की खुलकर आलोचना करने वाले खेमका 55 तबादले झेल चुके हैं। अधिकतर सरकारों में उनकी नियुक्ति कम महत्व वाले पदों पर रही है। पिछले दिनों आइएएस अफसर संजीव वर्मा के साथ कानूनी लड़ाई ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले हफ्ते चुनाव में मुफ्त रेवड़ियां बांटने का जिक्र करके कुछ राजनीतिक दलों पर निशाना साधा था। उसके बाद देशभर में मुफ्त रेवड़ी को लेकर एक नई तरह की बहस चल पड़ी है। चुनाव में लोगों को फ्री सुविधाएं देने का वादे करने में आम आदमी पार्टी सबसे आगे है।


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