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उपचारित पानी से होगी तीन लाख एकड़ भूमि की सिंचाई, उद्योगों के लिए सरकार ने किया अनिवार्य

हरियाणा में दूषित जल काे उपचारित करने के बाद फसलों की सिंचाई के लिए इस्‍तेमाल किया जाएगा। उद्योगाें के लिए भी दूषित पानी को उपचारित कर इसका प्रयोग करना अनिवार्य होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 04:32 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 04:32 PM (IST)
उपचारित पानी से होगी तीन लाख एकड़ भूमि की सिंचाई, उद्योगों के लिए सरकार ने किया अनिवार्य
उपचारित पानी से होगी तीन लाख एकड़ भूमि की सिंचाई, उद्योगों के लिए सरकार ने किया अनिवार्य

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में दूषित पानी को उपचारित कर उसे इस्तेमाल में लाया जाएगा। इसके लिए भाजपा-जजपा सरकार ने नीति तैयार की है।किसानों को सिंचाई के लिए यह उपचारित पानी (ट्रीटेड वेस्ट वाटर) मिलेगा। इसके साथ ही सरकार ने बड़े उद्योगों में उपचारित पानी के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है। ऐसा नहीं करने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। केंद्र सरकार ने हरियाणा के लिए 1200 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट को भी मंजूर किया है।

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केंद्र सरकार ने हरियाणा के लिए मंजूर की 1200 करोड़ की परियोजना

हरियाणा, देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां ट्रीटेड वेस्ट वाटर को सूक्ष्म सिंचाई में प्रयोग करना शुरू किया है। नहरी पानी की जगह किसानों को इस पानी की सप्लाई होगी। सरकार ने पहले चरण में ट्रीटेड वाटर से एक लाख 20 हजार हेक्टेयर यानी तीन लाख एकड़ भूमि में सिंचाई का फैसला लिया है। इसी तरह से प्रदेश के सभी थर्मल पावर प्लांट्स में भी इसी पानी का इस्तेमाल किया जाएगा।

सभी थर्मल पावर प्लांट में भी इसी पानी का इस्तेमाल किया जाएगा

ह‍रियाणा सरकार ने तय किया है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के 50 किलोमीटर के दायरे में स्थापित थर्मल प्लांटों को ताजे पानी की बजाय ट्रीटेड वाटर का इस्तेमाल करना होगा। प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाएं भी अब बगीचों, बागवानी व पार्कों आदि में उपचारित जल का ही इस्तेमाल करेंगे। प्रदेश के जिन उद्योगों में रोजाना 1000 किलो लीटर से अधिक पानी का इस्तेमाल होता है, उन्हें भी अनिवार्य तौर पर ट्रीटेड पानी ही उपयोग में लाना होगा।

गांवों में बनेंगे सवा लाख रिचार्ज सेंटर

भूमिगत जल में सुधार के लिए गांवों में 1 लाख 25 हजार से अधिक सोखता गड्ढों का निर्माण होगा। चार हजार तालाबों को चिह्नित किया है। इन तालाबों की खुदाई करके इन्हें गहरा किया जाएगा ताकि बारिश के पानी को इसमें इक्टठा किया जा सके। पहले चरण में 700 तालाबों की खुदाई भी शुरू करवा दी है।

अटल भूजल योजना में शामिल हुआ हरियाणा

बेहतर जल प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार ने 'अटल भूजल योजना' की शुरूआत की है। छह हजार करोड़ रुपये की इस योजना के पहले चरण में सात राज्यों को शामिल किया है। केंद्र ने हरियाणा को भी इस योजना में भागीदार बनाया है। हरियाणा सरकार ने अटल भूजल योजना के तहत प्रदेश के 36 खंडों को चिन्हित किया है। ये वह खंड हैं जो डार्कजोन घोषित हो चुके हैं।

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