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थकाने वाली सड़कें बनीं सिरदर्द, तीन साल बाद भी हरियाणा के प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी नहीं हो पाई सुगम,

हरियाणा में प्रमुख शहरों में अब भी बेहतर और सुगम कनेक्टिविटी नहीं बन पाई है। इन शहरों से कुंडली मानेसर पलवल एक्‍सप्रेस वे और कुंडली गाजियाबाद पलवल एक्‍सप्रेस वे तक पहुंचने वाली कनेक्‍ट रोड बेहद थकाने वाले हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 02:41 PM (IST)
तावडू और सोहना के बीच धुलावट के पास भिवाड़ी-सोहना राजमार्ग की सर्विस लेन का हाल (बाएं) और केएमपी।

नई दिल्‍ली , [बिजेंद्र बंसल]। ईस्टर्न (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) और वेस्टर्न (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस वे से प्रमुख शहरों की कनेक्टिविटी सुगम नहीं हो पाई है। इन एक्सप्रेस वे को शुरू हुए तीन साल से अधिक समय हो गया, लेकिन हरियाणा या उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रमुख शहरों से इसकी कनेक्टिविटी बेहतर बनाने की दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई है।

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ये दोनों एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पलवल, फरीदाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम, रोहतक,झज्जर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद जिला को कुछ दूरी तय करने पर सीधे तौर पर छूते हैं। लेकिन पिछले तीन सालों में न तो इन शहरों से पहले की कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया गया है और न ही नई कनेक्टिविटी की योजनाएं बनाई गई हैं।

केएमपी और केजीपी एक्सप्रेस वे तक पहुंचने से पहले ही थका देता है प्रमुख शहरों की टूटी सड़कों का सफर

बता दें कि केएमपी एक्सप्रेस वे पर पलवल से मानेसर तक 53 किलोमीटर मार्ग का उद्घाटन अप्रैल 2016 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। इसके बाद 27 मई 2018 को केजीपी का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बागपत रैली में किया और केएमपी के बकाया 83 किलोमीटर मार्ग का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर 2018 को सोहना रैली से किया था।

इन प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी बेहतर करने की है जरूरत

सोनीपत : यहां केएमपी और केजीपी का जंक्शन बनना है मगर राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम होने से अभी यह जंक्शन का काम पूरा नहीं हो पाया है। केजीपी से आवागमन करने के लिए सोनीपत से राष्ट्रीय राजमार्ग की एप्रोच रोड ठीक हैं, लेकिन केएमपी की तरफ से वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। किसान संगठनों के आंदोलनकारी भी कुंडली बार्डर पर केएमपी की तरफ ही जमे हुए हैं। सोनीपत से केएमपी तक पहुंचने के लिए कम से कम आधा घंटे का समय लगता है।

फरीदाबाद : केजीपी एक्सप्रेस-वे पर आने-जाने के लिए बल्लभगढ़ से मोहना-छांयसा मार्ग अपनाना होता है। दो लेन के इस मार्ग की कारपेंटिंग राज्य सरकार ने एक वर्ष पूर्व ही की थी। चंदावली, मच्छगर,दयालपुर, अटाली गांव से गुजरने वाले इस मार्ग पर जाम की स्थिति रहने के कारण आधे घंटे से पहले केजीपी तक नहीं पहुंचा जाता।

गुरुग्राम: केएमपी को जोड़ने वाले मार्ग में नूंह के धुलावट के पास भिवाड़ी-सोहना राजमार्ग की हालत जर्जर है। पहले सुल्तानपुर के पास भी केएमपी पर चढ़ने व उतरने वाले मार्ग की हाजत खराब थी पर दो माह पहले उसे सही कर दिया गया। धुलावट टोल के पास दोनों ओर की सड़कें अभी जर्जर बनी हुई है। इन्हें बनाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ की है। बारिश से सड़क पर हुए बड़े-बड़े गढ्ढों में वाहन फंस जाते हैं।

गाजियाबाद: यहां केजीपी या केएमपी से कनेक्टिविटी डासना और दुहाई शहर से है। डासना से सड़क एनएच-9 को और दुहाई से पुराने दिल्ली-मेरठ रोड को क्रास करती हैं। रेपिड रेल का काम चलने से दुहाई की तरफ से आवागमन करने वालों को परेशानी होती है। शहर से एक्सप्रेस वे तक 30 मिनट से कम समयावधि में नहीं पहुंचा जा सकता।

गौतमबुद्ध नगर : केजीपी से कनेक्ट होने के लिए यहां दादरी और बील अकबरपुर गांव के नजदीक व ग्रेटर नोएडा में सिरसा गांव के पास दो सड़क हैं। दादरी से तो केजीपी तक पहुंचने में कोई समस्या नहीं आती मगर बील अकरपुर वाली सड़क डेढ़ से दो किलोमीटर टूटी हुई है। शहर से केजीपी एक्सप्रेस वे तक पहुंचने के लिए बरसात के दिनों में 30 मिनट तो सामान्य दिनों में 15-20 मिनट का समय लगता है।

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हरदीप सिंह महाजन की फाइल फोटो।

'सिर्फ फरीदाबाद को केजीपी से सीधे कनेक्ट करने की योजना बनी'

 '' निश्चित तौर पर एक्सप्रेस वे से शहरों को जोड़ने वाले मार्ग भी भारी वाहनों की क्षमता अनुकूल बनने चाहिए। पहले से बने स्टेट हाईवे, डिस्ट्रिक मेजर रोड की क्षमता सीमित रहती है। फरीदाबाद से केजीपी की सीधी कनेक्विटी कराने के लिए हरियाणा सरकार ने पहले की है। इसके लिए एनएचएआइ की तरफ से 1600 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार की गई है। इसके बाद 30 मिनट का सफर 10 मिनट का रह जाएगा।

                                     - हरदीप सिंह महाजन, निदेशक, हरियाणा स्टेट रोड एंड ब्रिज कारपोरेशन।


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