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रोडवेज की 'हठताल' में तीन लाख कर्मचारियों ने मिलाई ताल, जनता का बुरा हाल

हरियाणा में दो दिन लोगों पर बहुत भारी पड़नेवाला है। राज्‍य में पिछले 15 दिनाें से हड़ताल कर रहे रोडवज कर्मचारियों के समर्थन में अन्‍य विभागों के तीन लाख कर्मचारी भी काम नहीं करेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 09:32 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 09:32 AM (IST)
रोडवेज की 'हठताल' में तीन लाख कर्मचारियों ने मिलाई ताल, जनता का बुरा हाल
रोडवेज की 'हठताल' में तीन लाख कर्मचारियों ने मिलाई ताल, जनता का बुरा हाल

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल अब 'हठताल' में तब्‍दील हाे गई है। इसमें उनको आज राज्‍य के अन्‍य विभागों के तीन लाख कर्मचारी भी समर्थन में आ गए हैं। ये कर्मचारी आज और कल सामूहिक अवकाश पर हैं। हड़ताल को लेकर हरियाणा सरकार भी अपने रुख पर अड़ी हुई है। इससे प्रदेश की जनता का बुरा हाल हो गया है। दो दिन सरकारी कार्यालयों में काम नहीं हाेेने से लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ेगा। रोडवेज कर्मचारी पिछले 15 दिनों से हड़ताल पर हैं और राज्‍य में परिवहन व्‍यवस्‍था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है।

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रोडवेज कर्मचारियों और हरियाणा सरकार के बीच किलोमीटर स्कीम के तहत 720 निजी बस चलाने को लेकर है। सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के टकराव की आंच अब दूसरे महकमों में भी सुलगने लगी है। रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में मंगलवार को विभिन्न महकमों के तीन लाख से अधिक कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर चले गए। रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने भी हड़ताल को 2 नवंबर तक जारी रखने का एलान किया है।

रोडवेज की हड़ताल ने त्योहारों पर बढ़ाई परेशानी, चक्का जाम 2 नवंबर तक बढ़ाया

इस बीच प्रदेश सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों को अधिकतम कर्मचारियों की कार्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित कर गैरहाजिर कर्मचारियों का रिकॉर्ड मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए हैं। कई दिन से पर्दे के पीछे रहकर हड़तालियों की अगुवाई कर रहे रोडवेज तालमेल कमेटी के पदाधिकारियों ने सोमवार को गुप्त स्थान पर बैठक की, लेकिन पुलिस और खुफिया विभाग को भनक तक नहीं लगी।

बेपटरी परिवहन व्यवस्था से लोग हलकान, आज से दो दिन सभी महकमों में हड़ताल

बैठक में मौजूद कर्मचारी नेताओं अनूप सहरावत, हरिनारायण शर्मा, बलवान सिंह दोदवा, दलबीर सिंह किरमारा, जयभगवान कादियान, शरबत पूनिया और वीरेंद्र धनखड़ ने पूर्व घोषित 31 अक्टूबर तक की हड़ताल को दो दिन के लिए बढ़ाने की घोषणा कर दी। साथ ही कहा कि किलोमीटर स्कीम के तहत 720 बसें चलाने का फैसला वापस नहीं लेने तक हड़ताल जारी रहेगी।

पिछले शुक्रवार को दो लाख से अधिक कर्मचारियों को सामूहिक अवकाश दिलाकर ताकत दिखा चुके 150 से अधिक कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार और बुधवार को सभी विभागों में कामकाज ठप करने की पूरी रणनीति बनाई। हड़ताल में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, शहरी स्थानीय निकाय, जनस्वास्थ्य, लोक निर्माण सहित दर्जनों महकमों और बोर्ड-निगमों के कर्मचारी शामिल होने से विभिन्न सेवाएं बाधित होना तय है।

हड़ताल पर चढऩे लगा सियासी रंग

कांग्रेस और इनेलो नेताओं के साथ कई पंचायतें और खाप पंचायतें लगातार हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में उतरने लगी हैं। इनेलो नेता  अभय सिंह चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री रोडवेज को दुरुस्त करने की बजाय निजीकरण के विकल्प को तवज्जो दे रहे हैं, जो कहीं से ठीक नहीं।

उन्‍होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री के खुशहाल हरियाणा की तस्वीर में उन गरीबों के लिए कोई जगह नहीं जो सरकारी स्कूलों और सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हैं। होना तो यह चाहिए कि शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्र में भारी मात्रा में निवेश कर इन सेवाओं को बेहतर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को हठधर्मिता छोड़ कर हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत कर रास्ता निकालना चाहिए।

आवश्यक सेवाएं प्रभावित नहीं करने का दावा

सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए हड़ताल में आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। कर्मचारी हड़ताल पर रहते हुए आवश्यक सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास करेंगे। सर्व कर्मचारी संघ, संयुक्त कर्मचारी संघ, कर्मचारी तालमेल कमेटी, शिक्षा विभाग कर्मचारी तालमेल कमेटी सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की 500 से अधिक टीमों ने गेट मीटिंग कर सभी कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया।


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