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करीब 18 भाजपा विधायकों के टिकट पर खतरा, जानें पार्टी किन चेहरों पर लगा सकती है दांव

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा में हलचल तेज हो गई है। इस सबके बीच करीब 18 भाजपा विधायकों के टिकट पर खतरा पैदा हाे गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 12:04 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 12:04 PM (IST)
करीब 18 भाजपा विधायकों के टिकट पर खतरा, जानें पार्टी किन चेहरों पर लगा सकती है दांव

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी ने टीम मनोहर को हरियाणा में 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य थमाया है। इसे हासिल करने के लिए भाजपा सिर्फ और सिर्फ जीतने वाले चेहरों पर ही दांव खेलेगी। पार्टी ने ऐसे मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की भी तैयारी कर ली, जिनकी रिपोर्ट फील्ड में ठीक नहीं है। ऐसे विधायकों की संख्या करीब डेढ़ दर्जन है।

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आरएसएस के नेताओं ने भाजपा संगठन को दिए पुराने कार्यकर्ताओं को टिकट के संकेत

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनकी टीम राज्य में विपक्ष के सामने भारी चुनौती खड़ी कर चुकी है। भाजपा ने कई विधायकों व नेताओं को शामिल कर प्रमुख विपक्षी दल इनेलो का सफाया कर दिया, जबकि कांग्रेस बिखराव का शिकार है। वहीं जननायक जनता पार्टी व बहुजन समाज पार्टी का गठजोड़ हो चुका है, जबकि आम आदमी पार्टी अपने बूते विधानसभा चुनाव में ताल ठोंकने को तैयार है।

दूसरे दलों से आने वाले नेता बन रहे काडर बेस कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी

भाजपा में शामिल होने को हालांकि विधायकों, पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों के बीच होड़ मची हुई है, लेकिन पार्टी किसी को टिकट की गारंटी नहीं दे रही है। भाजपा का जोर उन विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत चेहरों की तलाश पर है, जहां पार्टी 2014 के विधानसभा चुनाव और हाल में हुए लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है।

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भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कराने की नीति को लेकर दुविधा की स्थिति में भी है। इसके अलावा भाजपा अपनी ही पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं से भी दुविधा की स्थिति में है, जो इस बार अपने पारिवारिक सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे हैं। भाजपा यदि पार्टी के मौजूदा टिकट के दावेदारों अथवा पिछला चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों को इस बार टिकट नहीं देती तो संगठन में विरोध की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

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उधर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख नेताओं ने भाजपा संगठन को इशारा किया है कि बाहरी अथवा दूसरे दलों से आने वाले नेताओं की बजाय पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़वाया जाना चाहिए। आरएसएस की इस सीख पर पार्टी कितना खरा उतरती है, यह देखने वाली बात है।

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'' भाजपा मुख्यालय से वार्ता कर जल्द ही राज्य में कार्यकर्ताओं, पार्टी नेताओं, विधायकों, मंत्रियों व पदाधिकारियों से संवाद शुरू होगा। पूरे प्रदेश में भाजपा के हक में माहौल है। लोग और दूसरे दलों के नेता पार्टी से जुड़ रहे हैं। किसकी टिकट कटेगी और किसको मिलेगी, यह मंथन का विषय है। इसके बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

                                                                        - नरेंद्र सिंह तोमर, विधानसभा चुनाव प्रभारी, हरियाणा।

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