Move to Jagran APP

Haryana Congress Dispute: हुड्डा को पावरफुल देखना चाहते हैं समर्थक विधायक, सोनिया तक पहुंचेगी कलह

Haryana Congress Dispute पंजाब के बाद अब हरियाणा में कांग्रेस का विवाद आलाकमान के लिए सिरदर्द बन गया है। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच खींचतान को समाप्‍त नहीं करवा पा रही हैं। हुड्डा समर्थक विधायक चाहते हैं कि वह पावरफुल हाें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 09:01 AM (IST)
Haryana Congress Dispute: हुड्डा को पावरफुल देखना चाहते हैं समर्थक विधायक, सोनिया तक पहुंचेगी कलह
हरियाणा कांग्रेस की अध्‍यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। Haryana Congress Dispute: पंजाब के बाद अब कांग्रेस आलाकमान के लिए हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमार सैलजा के बीच चल रही खींचतान काे बड़ी समस्‍या बन गई है। इसका हरियाणा की राजनीति पर असर पड़ना तय है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक विधायकों ने संगठन में अपनी अहम भागीदारी की आवाज जोरदार तरीके से बुलंद कर दी और हुड्डा भी अपने विधायकों की इस मांग से पूरी तरह सहमत हैं।

loksabha election banner

अधिकतर विधायक हालांकि पार्टी में किसी तरह के विद्रोह के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन राष्ट्रीय व प्रदेश की राजनीति को धार देने की मंशा से वह हुड्डा को मजबूत देखना चाहते हैं। इसके लिए कई विधायकों ने हुड्डा समर्थक नेताओं को जहां प्रदेशस्तरीय संगठन में अहम पद सौंपने की वकालत की है, वहीं खुद जिलाध्यक्ष बनने की इच्छा जताई है।

 हुड्डा समर्थक विधायकों ने सैलजा को न हटाने के लिए कहा, न बनाए रखने पर सहमति जताई

हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं, जिनमें एक खुद हुड्डा हैं और 22 उनके समर्थक विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा समर्थक 22 विधायक कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर अपनी बात उन तक पहुंचा चुके हैं। हुड्डा के विधायकों की केसी वेणुगोपाल से हुई इस मुलाकात के बाद प्रचारित किया गया कि उन्होंने सैलजा को अध्यक्ष पद से हटाने की अपनी जिद छोड़ दी और वह संगठन में अपनी अहम हिस्सेदारी से ही संतुष्ट हैं, लेकिन कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने हुड्डा समर्थक विधायकों के इस स्टैंड से इन्कार किया है।

 प्रदेश और जिला स्तरीय संगठन में अपनी मजबूत हिस्सेदारी की लड़ाई लड़ रहे हुड्डा समर्थक विधायक

हुड्डा समर्थक विधायकों ने केसी वेणुगोपाल के सामने न तो सैलजा को हटाने की मांग रखी और न ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने पर सहमति जताई। उनका सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि हुड्डा को हर तरह से मजबूत किया जाए। इसकी वजह भी इन विधायकों ने कांग्रेस हाईकमान को विस्तार से बताई।

हुड्डा समर्थक विधायकों की दलील है कि पिछले आठ साल से हरियाणा कांग्रेस का संगठन नहीं बन पाया है। भाजपा के खिलाफ जननायक जनता पार्टी को वोट देने वाले लोग अब दुष्यंत चौटाला से जवाब मांग रहे हैं। भले ही ओमप्रकाश चौटाला जेल से रिहा हो गए, लेकिन गांवों में उनकी पैठ बरकरार है। ऐसे में जब तक चौटाला इनेलो को नए सिरे से खड़ा करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें, तब तक कांग्रेस को फील्ड में अपनी सक्रियता दिखनी बेहद जरूरी है।

 हुड्डा कैसे होंगे पावरफुल, यह सोचना हाईकमान का काम

हरियाणा में भाजपा के खिलाफ चल रहे आंदोलन और अपनी उपरोक्त दलीलों के आधार पर इन कांग्रेस विधायकों ने हाईकमान से साफ कहा है कि हुड्डा को पावरफुल किया जाना चाहिए। हुड्डा प्रदेश अध्यक्ष को हटाने के बाद उन्हें जिम्मेदारी देने से पावरफुल होते हैं या फिर उन्हें बनाए रखते हुए हुड्डा की पावर बढ़ाई जाती है, यह सामंजस्य बैठाना कांग्रेस हाईकमान का काम है, लेकिन हुड्डा समर्थक किसी सूरत में लालीपाप से संतुष्ट नहीं होने वाले हैं। इसके लिए यदि उन्हें अलग पार्टी बनाने जैसे कड़े फैसले लेने के लिए हुड्डा पर दबाव भी बनाना पड़े तो वह इससे किसी सूरत में नहीं चूकने वाले हैं। पिछले दिनों हुड्डा समर्थक 22 विधायक चंडीगढ़ में हुड्डा के सरकारी आवास पर इकट्ठा हुए थे, जहां एक ऐसे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए, जिसमें हाईकमान को संगठन मजबूत करने की सलाह दी गई है।

 जिलों में कांग्रेस की कमान थामेंगे हुड्डा के विधायक

अब चूंकि कांग्रेस हाईकमान पंजाब का झगड़ा सुलटाने में व्यस्त है, लिहाजा हुड्डा के विधायक ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं, लेकिन बताया जाता है कि अगले कुछ दिनों में हुड्डा अथवा उनके समर्थकों की ओर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व केसी वेणुगोपाल को ऐसा पत्र जाने वाला है, जिसमें हुड्डा को पावरफुल करने के साथ ही अधिकतर विधायकों व पूर्व विधायकों को जिलों की कमान सौंपने का सुझाव दिया जाएगा।

वेणुगोपाल व विवेक बंसल हुड्डा समर्थक विधायकों के इस रुख से भलीभांति वाकिफ हैं, लेकिन हुड्डा इस पूरे एपीसोड को रिकार्ड पर लाना चाहते हैं, ताकि भविष्य में यदि उनके विधायकों को कड़े फैसले भी लेने पड़ गए तो हाईकमान को उनका कसूर निकालने का कोई मौका न मिल सके।

अपनी पुरानी टीम को भी संगठन में समायोजित करेंगे हुड्डा

कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों और कम वोट से चुनाव हारे उम्मीदवारों को जिलाध्यक्ष बनाने की सिफारिश की गई है। साथ ही भविष्य में किसी तरह के संगठनात्मक विवाद से निपटने के लिए आधा दर्जन सुझाव नियमों के रूप में हुड्डा समर्थक विधायकों ने दिए हैं, जिन पर हाईकमान को गंभीरता से विचार करना पड़ सकता है। इसमें सबसे अहम सुझाव यह है कि प्रदेश व जिला स्तरीय संगठन के गठन के दौरान यह साफ नजर आना चाहिए कि हुड्डा को सम्मान दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.